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उत्तराखंड में जमकर हो रहा भू-कानून का उल्लंघन, फैक्ट्री के लिए ली जमीन पर काट दी कॉलोनी, अब दर्ज होगा मुकदमा

उत्तराखंड के हरिद्वार जिले से भू-कानून उल्लंघन के कई मामले सामने आए है, जिन पर प्रशासन पर कार्रवाई करने जा रही है.

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जानकारी लेते हुए हरिद्वार जिलाधिकारी (फाइल फोटो) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 25, 2024, 7:33 PM IST

देहरादून/हल्द्वानी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद अब प्रदेशभर में खरीदी गई जमीनों का डाटा एकत्र किया जा रहा है, जिसमें कई चौकाने वाले खुलासे सामने आए है. ऐसे ही कुछ मामले हरिद्वार जिले से भी सामने आया है. हरिद्वार में भी भू-कानून को ताक पर रखकर बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी गई. हरिद्वार में एक तो बड़ा हैरान करने वाला मामला सामने आया है.

फैक्ट्री के लिए ली जमीन पर काट दी कॉलोनी: दरअसल, हरिद्वार में सरकार ने जो जमीन उद्योगपतियों को फैक्ट्री लगाने के लिए दी थी, उन जमीनों पर उद्योगपतियों ने कॉलोनी काट दी. हरिद्वार जिला प्रशासन की जांच में सामने आया कि साल 2007 में देवपुरा इलाके में हरियाणा के कारोबारी ने फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन ली थी, लेकिन आज वहां फैक्ट्री के बजाय मकान खड़े है.

वहीं इसी तरह का एक मामला हरिद्वार के ही समसपुर से सामने आया है. यहां भी उद्योग लगाने के लिए साल 2022 में जमीन ली गई थी, लेकिन इस जमीन पर भी कोई फैक्ट्री तो नहीं लगी. यहां भी कारोबारी ने कॉलोनी काट दी. ऐसे ही कई और मामले भी सामने आए है. यानी की जिस उद्देश्य से लिए जमीन ली गई थी, उसका इस्तेमाल किसी और कार्य के लिए किया गया. शुरुआती जांच में करीब 20 से 25 ऐसे मामले सामने आए है.

जिला प्रशासन दर्ज कराएंगा मुकदमें: अब इस तरह के मामलों में हरिद्वार जिला प्रशासन मुकदमे दर्ज करवाकर, आगे की कार्रवाई के लिए शासन को लिख रहा है. वहीं इन मामलों को लेकर हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह का कहना है कि जमीन खरीदने के नियम जो राज्य में बनाए गए हैं, अगर उसका उल्लंघन हो रहा है, उस पर कार्रवाई जरूर की जाएगी. शुरुआती जांच में भू-कानून के 20 से 25 मामले सामने आए है. फिलहाल जांच जारी है.

कुमाऊं मंडल में भी कई मामले सामने आए: वहीं कुमाऊं मंडल में विशेष परमिशन से खरीदी गई जमीनों की जांच से शुरू की गई है. सशक्त भू-कानून को देखते हुए अवैध तरीके से खरीदे जमीन की जिला प्रशासन द्वारा जांच पड़ताल भी की जा रही है. इसी के तहत कुमाऊं मंडल क्षेत्र में 250 वर्ग मीटर से अधिक और विशेष अनुमति से खरीदी गई जमीनों के जांच के लिए कमिश्नर दीपक रावत ने कुमाऊं मंडल के सभी जिलों के अधिकारियों की बैठक ली.

Haridwar
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने ली बैठक. (ETV Bharat)

बैठक में अधिकारियों ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के समक्ष विशेष अनुमति के उल्लंघन के मामले रखें. मीडिया से बात करते हुए कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने बताया कि अभी तक कुमाऊं मंडल में ढाई सौ वर्ग मीटर से ऊपर भूमि खरीद में 100 मामले उल्लंघन के और विशेष परमिशन से खरीदी गई जमीन के 130 उल्लंघन के मामले सामने आए हैं.

कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि अभी पूरी तरह से ऐसी जमीनों की जांच नहीं हो पाई है. लगभग 2 से 3 महीने पूरे कुमाऊं मंडल में इस तरह की जमीनों की जांच करने का समय लगेगा. इन सभी जमीनों की जांच के बाद इन्हें सरकार के निर्देश पर सरकारी भूमि के तहत निहित किया जाएगा. इसके अलावा धार्मिक प्रयोग के लिए भी खरीद की गई जमीन की भी खुर्द बुर्द की गई है. इन सभी की जांच की जा रही है. और इन सभी जमीनों को सरकार की भूमि के तहत निहित किया जाएगा.

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देहरादून/हल्द्वानी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद अब प्रदेशभर में खरीदी गई जमीनों का डाटा एकत्र किया जा रहा है, जिसमें कई चौकाने वाले खुलासे सामने आए है. ऐसे ही कुछ मामले हरिद्वार जिले से भी सामने आया है. हरिद्वार में भी भू-कानून को ताक पर रखकर बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी गई. हरिद्वार में एक तो बड़ा हैरान करने वाला मामला सामने आया है.

फैक्ट्री के लिए ली जमीन पर काट दी कॉलोनी: दरअसल, हरिद्वार में सरकार ने जो जमीन उद्योगपतियों को फैक्ट्री लगाने के लिए दी थी, उन जमीनों पर उद्योगपतियों ने कॉलोनी काट दी. हरिद्वार जिला प्रशासन की जांच में सामने आया कि साल 2007 में देवपुरा इलाके में हरियाणा के कारोबारी ने फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन ली थी, लेकिन आज वहां फैक्ट्री के बजाय मकान खड़े है.

वहीं इसी तरह का एक मामला हरिद्वार के ही समसपुर से सामने आया है. यहां भी उद्योग लगाने के लिए साल 2022 में जमीन ली गई थी, लेकिन इस जमीन पर भी कोई फैक्ट्री तो नहीं लगी. यहां भी कारोबारी ने कॉलोनी काट दी. ऐसे ही कई और मामले भी सामने आए है. यानी की जिस उद्देश्य से लिए जमीन ली गई थी, उसका इस्तेमाल किसी और कार्य के लिए किया गया. शुरुआती जांच में करीब 20 से 25 ऐसे मामले सामने आए है.

जिला प्रशासन दर्ज कराएंगा मुकदमें: अब इस तरह के मामलों में हरिद्वार जिला प्रशासन मुकदमे दर्ज करवाकर, आगे की कार्रवाई के लिए शासन को लिख रहा है. वहीं इन मामलों को लेकर हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह का कहना है कि जमीन खरीदने के नियम जो राज्य में बनाए गए हैं, अगर उसका उल्लंघन हो रहा है, उस पर कार्रवाई जरूर की जाएगी. शुरुआती जांच में भू-कानून के 20 से 25 मामले सामने आए है. फिलहाल जांच जारी है.

कुमाऊं मंडल में भी कई मामले सामने आए: वहीं कुमाऊं मंडल में विशेष परमिशन से खरीदी गई जमीनों की जांच से शुरू की गई है. सशक्त भू-कानून को देखते हुए अवैध तरीके से खरीदे जमीन की जिला प्रशासन द्वारा जांच पड़ताल भी की जा रही है. इसी के तहत कुमाऊं मंडल क्षेत्र में 250 वर्ग मीटर से अधिक और विशेष अनुमति से खरीदी गई जमीनों के जांच के लिए कमिश्नर दीपक रावत ने कुमाऊं मंडल के सभी जिलों के अधिकारियों की बैठक ली.

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कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने ली बैठक. (ETV Bharat)

बैठक में अधिकारियों ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के समक्ष विशेष अनुमति के उल्लंघन के मामले रखें. मीडिया से बात करते हुए कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने बताया कि अभी तक कुमाऊं मंडल में ढाई सौ वर्ग मीटर से ऊपर भूमि खरीद में 100 मामले उल्लंघन के और विशेष परमिशन से खरीदी गई जमीन के 130 उल्लंघन के मामले सामने आए हैं.

कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि अभी पूरी तरह से ऐसी जमीनों की जांच नहीं हो पाई है. लगभग 2 से 3 महीने पूरे कुमाऊं मंडल में इस तरह की जमीनों की जांच करने का समय लगेगा. इन सभी जमीनों की जांच के बाद इन्हें सरकार के निर्देश पर सरकारी भूमि के तहत निहित किया जाएगा. इसके अलावा धार्मिक प्रयोग के लिए भी खरीद की गई जमीन की भी खुर्द बुर्द की गई है. इन सभी की जांच की जा रही है. और इन सभी जमीनों को सरकार की भूमि के तहत निहित किया जाएगा.

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