फरीदाबाद: यूपी में बुलडोजर एक्शन से तो सभी भलीभांती वाकिफ होंगे. ये बुलडोजर एक्शन यूपी से शुरू होकर अब कई राज्यों में फैल चुका है, जहां बुलडोजर या जेसीबी का इस्तेमाल आरोपी या अपराधियों के घरों को तोड़ने के लिए किया जाता था, लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी बुलडोजर का इस्तेमाल जोर-शोर से हो रहा है और ये इस्तेमाल किसी तोड़फोड़ के नहीं बल्कि प्रत्याशियों के प्रचार के लिए हो रहा है. चुनावी रैलियों में जेसीबी का यूज बढ़ा है. इन जेसीबी मशीनों पर चढ़कर कार्यकर्ता अपने नेताओं और प्रत्याशियों पर पुष्प वर्षा करते हैं, जिसे देख नेताजी का मन भी प्रफुल्लित हो उठता है.
खासतौर पर बात की जाए हरियाणा के शहरी इलाकों की जैसे फरीदाबाद, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, सोनीपत में जेसीबी का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है. चुनावी रैलियों में जेसीबी की मांग बढ़ी है. हो भी क्यों न हो भाई.. हरियाणा में इलेक्शन जो है. हालात यह है कि जिन जेसीबी मशीनों के इस्तेमाल का किराया 1 घंटे के लिए 1500 रुपए होता है, उनका किराया चुनावी रैलियों में 5000 रुपए प्रति घंटे तक पहुंच गया है.
बता दें बीजेपी-कांग्रेस ही नहीं बल्कि निर्दलीय प्रत्याशी की जनसभा में भी जेसीबी मशीन देखने को मिल रही है. ईटीवी भारत से बातचीत में जेसीबी मालिक लाल बाबू ने बताया कि चुनावी रैलियों में जेसीबी के इस्तेमाल से जेसीबी मालिकों को मोटा मुनाफा हो रहा है. दूसरी ओर मशीनों पर भार भी नहीं ढोना पड़ रहा है. हमने सोचा भी नहीं था कि जेसीबी का इस्तेमाल राजनेता अपनी रैलियों में करेंगे. यही वजह है कि इन दिनों हमने जेसीबी को उसके मुख्य काम से हटाकर राजनेताओं की रैलियों में भेज दिया है.