हरिद्वार: हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की ओर से जारी एक रिपोर्ट में हिंदुओं की जनसंख्या में कमी को दिखाया गया है. इस रिपोर्ट के बाद देश में एक नई बहस छिड़ गई है. हरिद्वार के साधु संतों ने भी घटती जनसंख्या पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने एक सुर में सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने और समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग की है.
दरअसल, हरिद्वार के अखंड परमधाम आश्रम में स्वामी परमानंद गिरी के 67वें संन्यास दिवस पर संत सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें कई साधु संतों ने शिरकत की थी. इस दौरान देश में हिंदुओं की घटती और मुस्लिमों की बढ़ती जनसंख्या पर भी चर्चा की गई. साधु संतों ने देश में हिंदुओं की घटती जनसंख्या को घातक संकेत बताया और कहा कि इस पर विचार करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून और समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग उठाई.
संतों का कहना है कि यह एक पूर्ण नियोजित साजिश के तहत किया जा रहा है. अगर इसे रोका नहीं गया तो देश में गृह युद्ध की संभावना बढ़ सकती है. अगर यही हालात रहे तो 50 साल के बाद बॉर्डर पर देश की सुरक्षा करने के लिए सैनिक नहीं मिलेगा तो साधु संतों को संत बनाने के लिए कोई व्यक्ति नहीं मिलेगा. इसका हल कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून और समान नागरिक संहिता से निकल सकता है. साथ ही में भारत के नागरिकों का एक रजिस्टर बनाए जाने की आवश्यकता है. जो भारत का नागरिक नहीं है, उसे देश से बाहर भेजने की जरूरत है.
अखंड परमधाम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर परमहंस परमानंद महाराज का कहना है कि देश में डेमोग्राफिक चेंज आ रहा है. जिनकी सोच मजहबी है, उनका बढ़ाना देश के लिए अच्छा नहीं है. इससे देश के खतरे की कोई सीमा नहीं होती है. इसका समाधान समान नागरिक संहिता है. वहीं, महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद का कहना है कि सरकार को सख्त कानून बनाना होगा. इसके अलावा महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद ने भी इस पर फोकस करने की जरूरत बताई.
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