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आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता का डर दिखाकर ठगे लाखों रुपए, 5 दिन में पुलिस ने ऐसे सुलझाया मामला - Hamirpur Cyber Fraud Case

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 3, 2024, 7:45 AM IST

Updated : Aug 3, 2024, 2:23 PM IST

Hamirpur Cyber Crime Case: हमीरपुर जिले में साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया. जिसमें शातिरों ने व्यक्ति को मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग एक्टिविटी, मोरल ट्रैफिकिंग और आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता का डर दिखाकर लाखों रुपए की ठगी की. हमीरपुर पुलिस ने 5 दिन में ही केस को सुलझा कर पैसा व्यक्ति को लौटा दिया है.

Hamirpur Cyber Crime Case
हमीरपुर साइबर क्राइम मामला (File Photo)
बाल चंद राजपूत, शिकायतकर्ता (ETV Bharat)

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में शातिर नए-नए तरीकों से ठगी को अंजाम दे रहे हैं. हमीरपुर जिले से भी एक ऐसा ही अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. जहां शातिरों ने एक व्यक्ति को आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता होने का डर दिखा कर लाखों रुपयों की ठगी को अंजाम दिया. शातिरों ने व्यक्ति को बताया कि उसके आधार कार्ड का दुरुपयोग हो रहा है और ये देश के कई राज्यों में अवैध तरीके से अंडर वर्ल्ड द्वारा गलत कामों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग एक्टिविटी, मोरल ट्रैफिकिंग के लिए हो रहा है और इससे आने वाला पैसा आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है. जिससे डर कर व्यक्ति ने अपने लाखों रुपये शातिरों के हवाले कर दिए.

भगत सिंह, एसपी हमीरपुर (ETV Bharat)

5 लाख से ज्यादा की ठगी

वहीं, हमीरपुर पुलिस ने गलोड़ निवासी बाल चंद राजपूत से 5 लाख 34 हजार की ऑनलाइन ठगी के मामले को पांच दिन में सुलझा लिया है. साइबर फ्रॉड के शिकार बाल चंद को पुलिस के जरिए से ये पैसा वापस मिल गया है. ये ठगी कस्टम में ड्रग और हवाला के पैसों के साथ आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता का डर दिखाकर बीते 24 जुलाई को अंजाम दी गई थी. ठगी के लिए शातिरों ने ऐसा जाल बुना कि पढ़े लिखे गलोड़ निवासी बाल चंद राजपूत उनके झांसे में आ गए और अपनी 5 लाख 34 हजार की एफडी तोड़ कर शातिर के खाते में डाल दी.

Hamirpur Cyber Crime Case
साइबर फ्रॉड केस को पुलिस ने 5 दिन में सुलझाया (ETV Bharat)

साइबर सेल ने फ्रीज किए सभी खाते

इसके बाद जब बाल चंद को शक हुआ की उनके साथ ठगी की गई है तो उन्होंने हमीरपुर पुलिस को इस बारे में सूचित किया. एसपी हमीरपुर भगत सिंह ने ये केस साइबर यूनिट हमीरपुर टीम को सौंपा. इस केस को साइबर पोर्टल पर अपलोड किया गया. जिसके तुरंत बाद साइबर यूनिट ने कार्रवाई करते हुए जिस खाते में पैसा डाला गया था, उन खातों को फ्रिज कर दिया. इन खातों से ये पैसा अन्य खातों में भेज दिया गया था, लेकिन साइबर टीम ने सभी खातों को फ्रिज कर दिया. इसके बाद तीन दिन की कार्रवाई के अंदर ही पुलिस ने साइबर पोर्टल की शिकायत की कॉपी कोर्ट में पेश की. जिसके बाद अदालत से पैसों के रिलीज का आर्डर जारी हुआ और 1 अगस्त को पुलिस के जरिए पीड़ित के बैंक खाते में पैसा वापस आ गया.

"पुलिस ने बेहतर ढंग से केस को सुलझाया है. मुझे ड्रग, हवाला और अंडरवर्ल्ड का खौफ दिखाकर ठगा गया, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से मुझे 5 लाख 34 हजार वापस मिल गए हैं." - बाल चंद राजपूत, शिकायतकर्ता

एसपी हमीरपुर भगत सिंह ने बताया, "साइबर टीम ने मामले में बेहतरीन कार्य किया है. इस तरह के मामलों में सभी लोग सतर्कता बरतें और साइबर अपराध का शिकार होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें. हमीरपुर पुलिस की साइबर यूनिट के गठन के बाद टीम को ये पहला केस दिया गया था. इस टीम में एएसआई अमी चंद, कांस्टेबल दीपक कुमार और रोहिन शर्मा शामिल रहे. इस यूनिट ने अपने पहले ही केस को पांच दिन में क्रैक कर पैसा वापस पीड़ित को लौटा दिया है."

ये भी पढ़ें: प्रेमी के साथ मिलकर पत्नी ने पति को किया आत्महत्या के लिए मजबूर, कोर्ट ने सुनाई दोषियों को सजा

बाल चंद राजपूत, शिकायतकर्ता (ETV Bharat)

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में शातिर नए-नए तरीकों से ठगी को अंजाम दे रहे हैं. हमीरपुर जिले से भी एक ऐसा ही अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. जहां शातिरों ने एक व्यक्ति को आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता होने का डर दिखा कर लाखों रुपयों की ठगी को अंजाम दिया. शातिरों ने व्यक्ति को बताया कि उसके आधार कार्ड का दुरुपयोग हो रहा है और ये देश के कई राज्यों में अवैध तरीके से अंडर वर्ल्ड द्वारा गलत कामों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग एक्टिविटी, मोरल ट्रैफिकिंग के लिए हो रहा है और इससे आने वाला पैसा आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है. जिससे डर कर व्यक्ति ने अपने लाखों रुपये शातिरों के हवाले कर दिए.

भगत सिंह, एसपी हमीरपुर (ETV Bharat)

5 लाख से ज्यादा की ठगी

वहीं, हमीरपुर पुलिस ने गलोड़ निवासी बाल चंद राजपूत से 5 लाख 34 हजार की ऑनलाइन ठगी के मामले को पांच दिन में सुलझा लिया है. साइबर फ्रॉड के शिकार बाल चंद को पुलिस के जरिए से ये पैसा वापस मिल गया है. ये ठगी कस्टम में ड्रग और हवाला के पैसों के साथ आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता का डर दिखाकर बीते 24 जुलाई को अंजाम दी गई थी. ठगी के लिए शातिरों ने ऐसा जाल बुना कि पढ़े लिखे गलोड़ निवासी बाल चंद राजपूत उनके झांसे में आ गए और अपनी 5 लाख 34 हजार की एफडी तोड़ कर शातिर के खाते में डाल दी.

Hamirpur Cyber Crime Case
साइबर फ्रॉड केस को पुलिस ने 5 दिन में सुलझाया (ETV Bharat)

साइबर सेल ने फ्रीज किए सभी खाते

इसके बाद जब बाल चंद को शक हुआ की उनके साथ ठगी की गई है तो उन्होंने हमीरपुर पुलिस को इस बारे में सूचित किया. एसपी हमीरपुर भगत सिंह ने ये केस साइबर यूनिट हमीरपुर टीम को सौंपा. इस केस को साइबर पोर्टल पर अपलोड किया गया. जिसके तुरंत बाद साइबर यूनिट ने कार्रवाई करते हुए जिस खाते में पैसा डाला गया था, उन खातों को फ्रिज कर दिया. इन खातों से ये पैसा अन्य खातों में भेज दिया गया था, लेकिन साइबर टीम ने सभी खातों को फ्रिज कर दिया. इसके बाद तीन दिन की कार्रवाई के अंदर ही पुलिस ने साइबर पोर्टल की शिकायत की कॉपी कोर्ट में पेश की. जिसके बाद अदालत से पैसों के रिलीज का आर्डर जारी हुआ और 1 अगस्त को पुलिस के जरिए पीड़ित के बैंक खाते में पैसा वापस आ गया.

"पुलिस ने बेहतर ढंग से केस को सुलझाया है. मुझे ड्रग, हवाला और अंडरवर्ल्ड का खौफ दिखाकर ठगा गया, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से मुझे 5 लाख 34 हजार वापस मिल गए हैं." - बाल चंद राजपूत, शिकायतकर्ता

एसपी हमीरपुर भगत सिंह ने बताया, "साइबर टीम ने मामले में बेहतरीन कार्य किया है. इस तरह के मामलों में सभी लोग सतर्कता बरतें और साइबर अपराध का शिकार होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें. हमीरपुर पुलिस की साइबर यूनिट के गठन के बाद टीम को ये पहला केस दिया गया था. इस टीम में एएसआई अमी चंद, कांस्टेबल दीपक कुमार और रोहिन शर्मा शामिल रहे. इस यूनिट ने अपने पहले ही केस को पांच दिन में क्रैक कर पैसा वापस पीड़ित को लौटा दिया है."

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Last Updated : Aug 3, 2024, 2:23 PM IST
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