प्रयागराज: ज्ञानवापी परिसर स्थित वजू खाने का ए एस आई से सर्वे कराने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर अब 18 दिसंबर को सुनवाई होगी. याचिका पर मंगलवार को न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई. कोर्ट ने हिन्दू पक्ष श्रृंगार गौरी केस की प्रथम महिला वादिनी राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी से पूछा कि सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले की सुनवाई कर रहा है तो इस न्यायलय में सुनवाई कैसे हो सकती है.
इस पर हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुनवाई है. मुस्लिम पक्ष (मस्जिद कमेटी) के अधिवक्ता एस.एफ.ए. नकवी नें भी इसकी पुष्टि की. इसके बाद हाईकोर्ट ने 18 दिसंबर को दिन में 2 बजे सुनवाई का समय निर्धारित कर दिया.
गौरतलब है कि श्रृंगार गौरी केस की मुख्य पक्षकार राखी सिंह नें सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सुरक्षित व संरक्षित क्षेत्र (वजूखाना) अवस्थित शिवलिंग को छोड़कर बाकी क्षेत्र के एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष जिला जज वाराणसी के आदेश के विरुद्ध सिविल पुनरीक्षण याचिका दाखिल की है.
उनके इस कृत्य से राज्य सरकार को राजस्व की भारी क्षति हुई है. अपर महाधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में सिविल और आपराधिक कार्रवाई साथ-साथ चल सकती है. कोर्ट ने कहा कि याची के अधिवक्ता की यह दलील नहीं स्वीकार कर की जा सकती है कि इस मामले में सिविल के साथ आपराधिक कार्रवाई चलाना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है. कोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही को सही मानते हुए याचिका खारिज कर दी है.
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