ग्वालियर। कहा जाता है कि प्यासे को पानी पिलाना बड़ा पुण्य का काम होता है. ऐसे में पंजाबी कम्युनिटी के इस बुजुर्ग दंपति का जज्बा देखते ही बनता है. पारा जब 48 के पार पहुंच रहा है और लोग चिलचिलाती गर्मी में घर से निकलने में परहेज करते हैं ऐसे में ये दंपति सुबह से दोपहर तक रेलवे स्टेशन पर दौड़ दौड़कर प्यासों को पानी पिलाते हैं. ऐसा करते हुए इस दंपति को दो दशक से ज्यादा हो चुके हैं. इनका यह सेवाभाव देखकर लोग इनकी ना केवल तारीफ करते हैं बल्कि उनसे सीख भी ले रहे हैं.
80 की उम्र में भी सेवाभाव का वही जज्बा
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए 80 साल की बुजुर्ग वीलेंदर कौर बताती हैं कि "वे बीते कई वर्षों से यहां जल सेवा कर रही हैं. घर में बेटा-बहू गर्मी की वजह से आने से मना करते हैं लेकिन उनका मन नहीं मानता इसलिए वे अपने पति के साथ चली आती हैं." वीलेंदर सिंह के पति केवल सिंह कौर की उम्र भी 83 वर्ष हो चुकी है लेकिन इस उम्र में भी वे जल सेवा के लिए हर गर्मी के सीजन में रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंचते हैं. कम्युनिटी के अन्य साथियों के साथ मिलकर ठंडा पानी ट्रेन से आने वाले यात्रियों को पिलाते हैं.
कहीं कोई प्यासा ना रह जाए
चिलचिलाती धूप और 48 डिग्री टेंपरेचर में इस तरह जल सेवा करने का जज़्बा और भाव उनके मन में कहां से आया तो इस पर केवल सिंह कौर ने कहा कि "पंजाबियों में हमेशा से सेवा का भाव रहा है. पुरखों ने हमेशा यही सिखाया है कि आप जितनी सेवा करेंगे उसका उतना ही फल मिलेगा और उसी भाव के साथ हर साल वे यहां आते हैं और पूरे गर्मी के मौसम में लोगों को पानी पिलाते हैं कि जिससे कहीं कोई भी प्यासा ना रहे."
पिछले 26 वर्षों से लगातार जलसेवा
केवल सिंह कौर बताते हैं कि "वे प्रतिदिन सुबह साढ़े नौ बजे आ जाते हैं. रेलवे स्टेशन पर पंजाबी परिषद के सभी सदस्य पानी और बर्फ़ की सिल्ली का इंतज़ाम करके लाते हैं, पानी को ठंडा किया जाता है और फिर उसे वॉटर कैरिज में भरकर प्लेटफ़ार्म तक लाया जाता है. जब ट्रेन आती है तब कई ऐसे लोग होते हैं जिनके पास पानी नहीं होता या जिन्हें पीने के लिए पानी की आवश्यकता होती है तो ऐसे हर यात्री तक पानी पहुंचाते हैं और पिलाते हैं. यह काम पिछले 26 वर्षों इसी तरह जारी है."
गर्मी भी नहीं थाम सकी जल सेवा का भाव
आश्चर्य इस बात का कि ये इतनी भीषण गर्मी पिछले 20 सालों बाद जाकर पड़ी है. डॉक्टरों ने भी बुजुर्गों को खासकर दोपहर के समय घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है. इस बात पर केवल सिंह कौर कहते हैं कि डॉक्टर बहुत कुछ कहते हैं सुबह जागने के बाद यही भाव मन में आता है कि सुबह का नाश्ता कर सीधा रेलवे स्टेशन चलें. केवल सिंह कहते हैं कि उनकी पत्नी वीलेंदर कौर 80 की उम्र पार कर चुकी हैं लेकिन फिर भी सेवा का भाव ऐसा है कि कहती हैं कि चलिए जलसेवा करने चलेंगे.