ग्वालियर। शहर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट का नया टर्मिनल आधुनिकता और संस्कृति का बेजोड़ नमूना है. इस नये एयरटर्मिनल को बनाने के लिए करीब 500 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. वहीं, ग्वालियर के नये एयरपोर्ट को पूरी तरह ग्वालियर चंबल अंचल की संस्कृति और कला थीम में तैयार किया गया है और इसे तैयार करने वाली इंटीरियर डिजाइनर है श्रीमती मासूमा. जिन्होंने इस क्षेत्र की कला को बेहद बारीकी से उकेरा और तैयार कराया है.
चेलेंजिंग था ग्वालियर एयरपोर्ट पर आर्ट डिजाइन
ईटीवी भारत से बात करते हुए श्रीमती मासूमा ने कहा कि, "इस एयरपोर्ट को डिजाइन करना बहुत चेलेंजिंग था, क्योंकि इसके लिए समय कम था और क्वॉलिटी कंप्रोमाइज नहीं की जा सकती थी. खुद केंद्रीय मंत्री सिंधिया इसमें इनवॉल्व थे उन्होंने एक एक चीज खुद देखी. बाद में एयरपोर्ट अथॉरिटी के लोग भी शामिल हुए, ये अब तक का सबसे कम समय में तैयार होने वाला ग्रीन एयरपोर्ट है."
मंत्री की डिमांड थी 'वोकल फॉर लोकल'
एयरपोर्ट के लुक को लेकर बात करते हुए मासूमा ने बताया कि,"इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्रीय मंत्री सिंधिया का पूरा सहयोग रहा है. उन्होंने मुझसे कहा था कि, इस पूरे एयरपोर्ट में ग्वालियर का इतिहास और संस्कृति दर्शाना है, साथ ही उनके आदेश था कि वोकल फॉर लोकल, यानी स्थानीय कलाकार ही करेंगे."
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22 महिलाओं ने तैयार किया अनोखा सीलिंग आर्ट
नये एयरपोर्ट पर बने सीलिंग आर्ट को देखते ही सबकी निगाहें उस पर थम जाती हैं. एक अनोखा झूमर जिसमें ग्वालियर चंबल अंचल की संस्कृति और कला का समावेश देखते ही बनता है. इसके बारे में जब हमने सवाल किया तो उन्होंने बताया कि, ''ये पूरा टेक्सटाइल है, इन्हें ग्वालियर के घर की महिलाओं ने तैयार किया है. 22 महिलायों ने इन प्लेट्स पर स्थानीय कलाकारी प्रिंट जैसे चन्देरी, ब्लॉक पेंटिंग, एम्ब्रॉयडरी और जो भी कपड़े पर तैयार होने वाली कलाकारी उन सभी को मिलाकर तैयार किया गया है.''