ग्वालियर: मध्य प्रदेश में मंगलवार के दिन जनसुनवाई की जाती है यानी पुलिस और प्रशासन द्वारा जनसमस्याएं हल करने के लिए सुनवाई होती है. कई बार पीड़ित पक्ष न्याय न मिलने पर निराश हो जाते हैं. ऐसे भी कुछ लोग होते हैं जो हताश होकर आत्मघाती कदम उठा लेते हैं. ऐसा ही एक मामला ग्वालियर में कलेक्टर जनसुनवाई के दौरान हुआ. जहां सीमा नागर नाम की एक महिला ने जनसुनवाई के दौरान पेट्रोल डालकर आत्महत्या करने का प्रयास किया.
महिला ने तहसीलदार पर लगाए आरोप
असल में मोहना की रहने वाली यह महिला बीते 4 सालों से ग्वालियर कलेक्ट्रेट में होने वाली जनसुनवाई में आ रही है. जिसका कहना है कि उसकी जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है और उसी पर खेती कर रहे हैं, जबकि बीते 50 साल से उसका परिवार यहां रहता है और खेती करता आया है. इस कब्जे को लेकर महिला और उसके पति का आरोप है कि जनसुनवाई के बाद उनके पक्ष में ऑर्डर भी किए गए, लेकिन तहसीलदार उसे मानने को तैयार नहीं है.
आत्मघाती कदम से बेहोश हुई महिला
मंगलवार को भी जब महिला सीमा नागर कलेक्ट्रेट पहुंची तो आवेदन देने के साथ ही उसने अपने शरीर पर पेट्रोल डाल लिया और कुछ पेट्रोल को पी लिया. इस घटना को देख मौके पर मौजूद अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए. तत्काल सुरक्षाकर्मियों ने महिला को पकड़ा, लेकिन वह महिला बेसुध होकर गिर पड़ी. जिसके बाद एंबुलेंस से उसे तुरंत जिला चिकित्सालय भेजा गया. हालांकि इस मामले में एक महत्वपूर्ण बात और भी निकाल कर आई कि महिला जिस जमीन पर कब्जे के लिए आवेदन लेकर आती रही है वह एक सरकारी जमीन है, जिसका वह पट्टा चाहती है.
डीएम ने दिया मदद का आश्वासन
ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने बताया कि "फरियादी महिला मोहना से है और वह जिस जमीन को लेकर आवेदन देने आई है वह एक सरकारी जमीन है और इस मामले में फरियादी और आरोपी पक्ष दोनों ही सरकारी जमीन पर खेती करते आए हैं. इस संबंध में पूर्व में भी एसडीएम स्पष्ट कर चुके हैं कि यह जमीन शासकीय भूमि है और दोनों का ही उस पर कब्जा है. फिर भी उस फरियादी महिला की जो संभव मदद हो सकेगी कराने का प्रयास किया जाएगा.''