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पुलिस ने फरियादी को ही बना दिया आरोपी, हाईकोर्ट ने थानों के सीसीटीवी कैमरों को लेकर डीजीपी से मांगा जवाब - GWALIOR HIGH COURT

ग्वालियर हाईकोर्ट ने पूछा है कि मध्य प्रदेश के कितने थानों में कितने सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और उनमें से कितने कैमरे चालू हैं?

Gwalior High Court Morena Sabalgarh Police Station CCTV
ग्वालियर हाईकोर्ट मुरैना सबलगढ़ थाना सीसीटीवी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 5, 2024, 9:11 PM IST

ग्वालियर: हाईकोर्ट ने प्रदेश के पुलिस मुखिया से पूछा है कि प्रदेश के कितने थानों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और कितने खराब हैं? डीजीपी के जवाब के आधार पर हाईकोर्ट तय करेगा की सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों की अवमानना हुई है या नहीं ? मामले की सुनवाई अब 10 दिसंबर को होगी.

दरअसल यह पूरा मामला मुरैना जिले के सबलगढ़ का है, जहां आकाश रावत और अमरलाल रावत ने 17 जून 2024 को सबलगढ़ थाने में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त कराने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.

16 जून 2024 को अपीलकर्ताओं पर लगा था ट्रैक्टर ट्राली चोरी करने का आरोप

महेंद्र सिंह सिकरवार नाम के व्यक्ति ने दोनों के खिलाफ 16 जून 2024 को ट्रैक्टर ट्राली चोरी करने का आरोप लगाया था. जबकि अमरलाल रावत ने दावा किया गया था महेंद्र सिंह उसकी जमीन पर लगे पेड़ काट रहा था. उन्हें देखते हुए वह गाड़ी छोड़कर भाग गया. जब अमरलाल थाने गया तो पुलिस ने उनके आवेदन पर कार्रवाई नहीं की, बल्कि सहायक उपनिरीक्षक पंचम सिंह ने महेंद्र सिंह सिकरवार के साथ मिलकर उन्ही के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कर दी.

ऐसे में आरटीआई के माध्यम से उन्होंने 16 और 17 जून के थाना सबलगढ़ के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज मांगे. पुलिस ने पेनड्राइव में 17 जून के कुछ फुटेज दे दिए लेकिन घटना के समय लाइट मौजूद न होने का हवाला देते हुए 16 जून की फुटेज देने से इनकार कर दिया. इसके बाद आकाश रावत और अमरलाल रावत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

हाईकोर्ट ने पूछा, प्रदेश के कितने थानों में कितने सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और कितने कैमरे चालू हैं?

जिस पर हाईकोर्ट ने मुरैना की सबलगढ़ थाना पुलिस से थाना परिसर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे के फुटेज मांगे जो कोर्ट में पेश नहीं किये गए. ऐसे में हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए डीजीपी के साथ मुरैना एसपी को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि डीजीपी को यह बताना होगा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में अभी तक क्या कार्रवाई की गई है? यानी कि प्रदेश के कितने थानों में कितने सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और उनमें से कितने कैमरे चालू हैं?

वहीं मुरैना एसपी को भी बताना है कि सबलगढ़ थाने के सीसीटीवी कैमरे काम क्यों नहीं कर रहे थे. उन्हें मुरैना जिले के प्रत्येक पुलिस थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों की जानकारी के साथ ही यह भी बताना होगा कि कितने कैमरे वर्तमान में काम कर रहे हैं? इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यह जानकारी भी मांगी है कि लाइट की गैरमौजूदगी की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई ? हाईकोर्ट जवाब मिलने के बाद तय करेगा कि यह मामला अवमानना का है या नहीं?

ग्वालियर: हाईकोर्ट ने प्रदेश के पुलिस मुखिया से पूछा है कि प्रदेश के कितने थानों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और कितने खराब हैं? डीजीपी के जवाब के आधार पर हाईकोर्ट तय करेगा की सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों की अवमानना हुई है या नहीं ? मामले की सुनवाई अब 10 दिसंबर को होगी.

दरअसल यह पूरा मामला मुरैना जिले के सबलगढ़ का है, जहां आकाश रावत और अमरलाल रावत ने 17 जून 2024 को सबलगढ़ थाने में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त कराने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.

16 जून 2024 को अपीलकर्ताओं पर लगा था ट्रैक्टर ट्राली चोरी करने का आरोप

महेंद्र सिंह सिकरवार नाम के व्यक्ति ने दोनों के खिलाफ 16 जून 2024 को ट्रैक्टर ट्राली चोरी करने का आरोप लगाया था. जबकि अमरलाल रावत ने दावा किया गया था महेंद्र सिंह उसकी जमीन पर लगे पेड़ काट रहा था. उन्हें देखते हुए वह गाड़ी छोड़कर भाग गया. जब अमरलाल थाने गया तो पुलिस ने उनके आवेदन पर कार्रवाई नहीं की, बल्कि सहायक उपनिरीक्षक पंचम सिंह ने महेंद्र सिंह सिकरवार के साथ मिलकर उन्ही के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कर दी.

ऐसे में आरटीआई के माध्यम से उन्होंने 16 और 17 जून के थाना सबलगढ़ के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज मांगे. पुलिस ने पेनड्राइव में 17 जून के कुछ फुटेज दे दिए लेकिन घटना के समय लाइट मौजूद न होने का हवाला देते हुए 16 जून की फुटेज देने से इनकार कर दिया. इसके बाद आकाश रावत और अमरलाल रावत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

हाईकोर्ट ने पूछा, प्रदेश के कितने थानों में कितने सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और कितने कैमरे चालू हैं?

जिस पर हाईकोर्ट ने मुरैना की सबलगढ़ थाना पुलिस से थाना परिसर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे के फुटेज मांगे जो कोर्ट में पेश नहीं किये गए. ऐसे में हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए डीजीपी के साथ मुरैना एसपी को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि डीजीपी को यह बताना होगा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में अभी तक क्या कार्रवाई की गई है? यानी कि प्रदेश के कितने थानों में कितने सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और उनमें से कितने कैमरे चालू हैं?

वहीं मुरैना एसपी को भी बताना है कि सबलगढ़ थाने के सीसीटीवी कैमरे काम क्यों नहीं कर रहे थे. उन्हें मुरैना जिले के प्रत्येक पुलिस थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों की जानकारी के साथ ही यह भी बताना होगा कि कितने कैमरे वर्तमान में काम कर रहे हैं? इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यह जानकारी भी मांगी है कि लाइट की गैरमौजूदगी की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई ? हाईकोर्ट जवाब मिलने के बाद तय करेगा कि यह मामला अवमानना का है या नहीं?

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