ग्वालियर। अधिवक्ता अवधेश भदौरिया को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. हाई कोर्ट जज के नाम पर अपने मुवक्किल से 60 हजार रुपए की मांग करने वाले अधिवक्ता पर पिछले दिनों मुख्य न्यायाधीश ने 5 लाख का हर्जाना और दो हजार रुपए का जुर्माना लगाया था. यह राशि ने 15 दिन के भीतर भदौरिया को जमा करनी थी. इस बीच अवधेश भदौरिया ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की. जहां पिछले दिनों इस मामले पर सुनवाई हुई.
जुर्माना राशि 5 लाख की जगह एक लाख हुई
सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ वकील भदौरिया को इतनी राहत दी है कि अब 5 लाख रुपए की जगह एक लाख रुपए की राशि जमा करनी होगी. अन्य किसी हस्तक्षेप से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया. यह मामला 2018 का है. जब विनोद भदोरिया नामक व्यक्ति ने अपने भाई राजेश भदौरिया की जमानत के लिए वकील अवधेश भदोरिया को नियुक्त किया था. राजेश भदौरिया की जमानत हाईकोर्ट से हो गई थी. लेकिन वकील अवधेश भदोरिया ने जमानत संबंधी कागजात देने के नाम पर विनोद भदोरिया से 60 हजार रुपए की मांग की.
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रिश्वत के रूप में मांगे 60 हजार रुपये
विनोद भदोरिया के मुताबिक "अवधेश भदोरिया ने रिश्वत देने के नाम पर यह राशि मांगी थी." उसके बाद विनोद भदोरिया ने हाई कोर्ट रजिस्ट्रार समक्ष आवेदन देकर इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की थी. प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के आवेदन पर हाईकोर्ट ने सूमोटो नोटिस लिया और भदोरिया के खिलाफ सुनवाई शुरू कर दी. इसमें तमाम इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से जुड़े सबूत मोबाइल रिकॉर्डिंग और अन्य एवीडेंस पेश किए गए. मार्च में मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ की डिवीजन बेंच ने इस पर फाइनल हियरिंग की थी, जिस पर पिछले महीने 25 अप्रैल को डिवीजन बेंच का आदेश आया था.