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नीलम को किसने मारा? ग्वालियर में 3 साल से जेल में बंद आरोपी निर्दोष, पुलिस ने फंसाया - Gwalior court acquitted Youth - GWALIOR COURT ACQUITTED YOUTH

ग्वालियर में 3 साल पहले हुई युवती की हत्या के आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया है. आरोपी युवक 3 साल से जेल में बंद था. इस फैसले से ये साबित हो गया कि पुलिस की कार्यप्रणाली में कितने झोल हैं.

Gwalior court acquitted Youth
हत्या के केस में 3 साल से जेल में बंद युवक निर्दोष साबित (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 1:33 PM IST

Updated : Jul 4, 2024, 2:00 PM IST

ग्वालियर। शहर में 3 साल पहले झांसी रोड थाना क्षेत्र के साइंस कॉलेज परिसर के सैफ्टिक टैंक में मिली युवती की लाश के मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई. 3 साल से जेल में बंद आरोपी रवि पारदी को कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया है. कोर्ट का कहना है "जब पुलिस के पास रवि के घर से युवती के शव को बोरे में भरकर ले जाने के सीसीटीवी फुटेज हैं तो युवती के रवि के घर आने के भी सीसीटीवी फुटेज होने चाहिए थे. लेकिन पुलिस ने ऐसे फुटेज पेश नहीं किए."

ग्वालियर में युवती की हत्या के केस में युवक निर्दोष साबित (ETV BHARAT)

संदेह के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहरा सकते

वहीं एफएसएल रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है. कोर्ट ने कहा "संदेह के आधार पर रवि को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. इसलिए उसे बरी किया जाता है." रवि के निर्दोष साबित होने पर अब यह सवाल उठ रहा है कि जब युवती की हत्या हुई है तो हत्यारा फिर कौन है. 3 साल तक रवि के जेल में बंद रहा, इसके लिए कौन जिम्मेदार है. इस फैसले से पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

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अर्धनग्न व जली हालत में मिला था शव

दरअसल, झांसी रोड थाना क्षेत्र के साइंस कॉलेज में 22 फरवरी को नीलम नामक युवती की लाश मिली थी. यह लाश अर्धनग्न और जली हुई हालत में थी, जिसे बोरे में बंद करके फेंका गया था. नीलम जहांगीर कटरा की रहने वाली थी और 8 फरवरी से अपने घर से लापता थी. नीलम की मां ने उसकी कान की बाली और कपड़ों से अपनी बेटी की पहचान की थी. अभियोजन ने रवि पारदी का अपने घर मोटरसाइकिल पर एक बोरी के साथ निकलने का सीसीटीवी फुटेज पेश किया था. बताया गया था कि इसी बोरे में वह नीलम को मारकर उसकी लाश को ठिकाने लगाने निकला था. बचाव पक्ष के अधिवक्ता मोहित भदौरिया ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए.

ग्वालियर। शहर में 3 साल पहले झांसी रोड थाना क्षेत्र के साइंस कॉलेज परिसर के सैफ्टिक टैंक में मिली युवती की लाश के मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई. 3 साल से जेल में बंद आरोपी रवि पारदी को कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया है. कोर्ट का कहना है "जब पुलिस के पास रवि के घर से युवती के शव को बोरे में भरकर ले जाने के सीसीटीवी फुटेज हैं तो युवती के रवि के घर आने के भी सीसीटीवी फुटेज होने चाहिए थे. लेकिन पुलिस ने ऐसे फुटेज पेश नहीं किए."

ग्वालियर में युवती की हत्या के केस में युवक निर्दोष साबित (ETV BHARAT)

संदेह के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहरा सकते

वहीं एफएसएल रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है. कोर्ट ने कहा "संदेह के आधार पर रवि को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. इसलिए उसे बरी किया जाता है." रवि के निर्दोष साबित होने पर अब यह सवाल उठ रहा है कि जब युवती की हत्या हुई है तो हत्यारा फिर कौन है. 3 साल तक रवि के जेल में बंद रहा, इसके लिए कौन जिम्मेदार है. इस फैसले से पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

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दरअसल, झांसी रोड थाना क्षेत्र के साइंस कॉलेज में 22 फरवरी को नीलम नामक युवती की लाश मिली थी. यह लाश अर्धनग्न और जली हुई हालत में थी, जिसे बोरे में बंद करके फेंका गया था. नीलम जहांगीर कटरा की रहने वाली थी और 8 फरवरी से अपने घर से लापता थी. नीलम की मां ने उसकी कान की बाली और कपड़ों से अपनी बेटी की पहचान की थी. अभियोजन ने रवि पारदी का अपने घर मोटरसाइकिल पर एक बोरी के साथ निकलने का सीसीटीवी फुटेज पेश किया था. बताया गया था कि इसी बोरे में वह नीलम को मारकर उसकी लाश को ठिकाने लगाने निकला था. बचाव पक्ष के अधिवक्ता मोहित भदौरिया ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए.

Last Updated : Jul 4, 2024, 2:00 PM IST
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