ग्वालियर: एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से ग्वालियर क्राइम ब्रांच को लोगों के बैंक अकाउंट में हो रही गड़बड़ी की शिकयतें मिल रही थीं. लोगों को लगा कि उनके बैंक अकाउंट हैक हो रहे हैं पर जब सभी शिकायतों पर पुलिस ने जांच की तो इसमें एक महिला का नाम कॉमन था. ये वहीं महिला था जिसने कथित तौर पर मजदूर व गरीब वर्ग के लोगों को झांसा देकर उनके अकाउंट खुलवाए थे.
सामने आया साइबर फ्रॉड का ये खेल
ग्वालियर क्राइम ब्रांच के मुताबिक, जांच में पता चला कि इन खातों में साइबर फ्रॉड का पैसा जमा हो रहा था और जांच के दायरे में आने पर अकाउंट फ्रीज कर दिए गए थे. इसके बाद इन सभी अकाउंट को खुलवाने वाली महिला की पुलिस को जानकारी लगी. पता चला कि इस महिला ने ये सभी अकाउंट साइबर ठगों को किराए पर दे रखे थे. इन अकाउंट के जरिए साइबर ठग साइबर अपराध का पैसा यहां-वहां करते थे और हर महीने इसकी एक तय रकम अकाउंट देने वाली महिला को देते थे. माजरा समझ आते ही क्राइम ब्रांच ने आरोपी महिला के घर पहुंचकर कर उसे हिरासत में ले लिया.
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हर अकाउंट से मिलते थे 2 हजार, पुलिस ने जब्त की 16 पासबुक
एडिशनल एसपी निरंज शर्मा के मुताबिक, '' आरोपी महिला भोले-भाले ग्रामीणों और मजदूर वर्ग के लोगों से ऑनलाइन गेम का पैसा मिलने के नाम पर दस्तावेज लेती थी और फिर उन दस्तावेजों से सिम निकलवाकर बैंक का खाता खुलवाती थी. इसके बाद इन सभी खातों को पासबुक समेत ठगों को किराए पर देती थी. जब आरोपी महिला से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि उसे हर खाते के बदले दो हजार रुपए महीना किराया मिलता था. इस बारे में और पूछताछ करने पर उसने बताया कि कुछ समय पहले उसे एक युवक मिला था, जिसने उसे बैंक खातों के बदले किराया दिलाने की बात कही थी उसी के कहने पर उसने यह धंधा शुरू किया था. पुलिस ने आरोपी महिला के घर से 16 पासबुक और एटीएम जब्त किए हैं और मामले की जांच की जा रही है.''