कुल्लू: सनातन धर्म में जहां देवी-देवताओं की अपनी मान्यता है. वही, गुरु को भी भगवान के रूप में पूजा जाता है. ऐसे में गुरुओं को समर्पित गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास में मनाई जाएगी. आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भक्तों के द्वारा अपने-अपने गुरुओं की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. जुलाई माह में रविवार के दिन पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा त्योहार मनाया जाएगा.
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस शुभ अवसर पर भक्तों के द्वारा स्नान दान करने के बाद गुरुओं का आशीर्वाद लिया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 20 जुलाई को शाम 5:59 से होगी और इसका समापन अगले दिन 21 जुलाई को दोपहर 3:46 पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार गुरु पूर्णिमा का त्योहार 21 जुलाई को देशभर में मनाया जाएगा.
आचार्य दीप कुमार का कहना है कि गुरु पूर्णिमा के दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और उसके बाद स्नान ध्यान कर साफ वस्त्र धारण करें. सबसे पहले भगवान सूर्य को जल अर्पित करें और उसके बाद भगवान विष्णु और वेदव्यास ऋषि की विधि विधान के साथ पूजा करें. उसके बाद दीपक जलाकर अपने-अपने गुरुओं का ध्यान कर आरती करें और गुरु चालीसा तथा गुरु कवच का भी पाठ करें.
भक्त भगवान विष्णु को फल मिठाई और खीर का भोग लगाएं. अंत में भगवान विष्णु से जीवन में बुद्धि विद्या और शांति की प्रार्थना करें. इसके अलावा इस दिन गुरु की सेवा करना विशेष फलदायी होता है. साथ ही श्रद्धा के अनुसार गरीबों को अन्न, धन और वस्त्र का दान भी करना चाहिए.
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