धौलपुर. रविवार को धार्मिक स्थल और संतों के आश्रमों पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव आस्था पूर्वक मनाया जा रहा है. सर्वार्थ सिद्ध योग में सनातन संस्कृति के अनुयायियों द्वारा गुरु पूर्णिमा के साथ वेदव्यास जयंती भी मनाई जा रही है. सुबह से गुरुओं के निवास पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. संत महात्माओं की ओर से शिष्यों को दीक्षा देकर आशीर्वाद प्रदान किया जा रहा है.
हनुमान घड़ी आश्रम कैथरी के महंत शांतिदास महाराज ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का सनातन संस्कृति में विशेष महत्व होता है. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु शिष्य को दीक्षा प्रदान करते हैं. संसार रूपी भवसागर से शिष्यों को पार करने का सुगम साधन गुरु ही बता सकता है. गुरु के माध्यम से ही मनुष्य आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति कर सकता है. गुरु शिष्य के हित में सब कुछ न्योछावर कर सकता है. महाराज ने बताया कि प्रत्येक युग में जितने भी भगवान के अवतार हुए हैं, उन्होंने भी गुरु बनाये हैं. त्रेता युग में भगवान राम ने अवतार लिया था. भगवान राम ने महान ऋषि विश्वामित्र को अपना गुरु बनकर समाज को बड़ा संदेश दिया है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान से साक्षात कराने का गुरु के पास ही सुगम साधन है.
गुरू बिन भव निधि तरहिं न कोई, जो विरंचि संकर सम होई : महाकवि तुलसीदास ने महान ग्रंथ रामचरितमानस में गुरु की महिमा पर विशेष प्रकाश डाला है. शांति दास महाराज ने बताया कि तुलसीदास ने रामचरितमानस के उत्तरकाण्ड में लिखा है- गुरु बिन भव निधि तरहिं न कोई, जो विरंचि संकर सम होई, अर्थात गुरु के बिना संसार रूपी भवसागर से कोई भी तार नहीं सकता है. ब्रह्मा और भगवान शंकर को भी गुरु बनाने पड़े हैं. इसके अलावा अन्य धार्मिक ग्रंथो में गुरु की उपमा साक्षात ब्रह्म से दी है.
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श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ : जिले के धार्मिक स्थल हनुमान घड़ी आश्रम समेत सभी स्थानों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है. महिला और पुरुष भारी तादाद में संत महंतों के स्थानों पर दीक्षा लेने पहुंच रहे हैं. गुरूओं की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया जा रहा है. गुरुओं द्वारा शिष्यों को जप करने के लिए मंत्र दिया जा रहा है. भंडारे लगाकर भोग प्रसादी भी श्रद्धालुओं को वितरित की जा रही है.