दुर्ग : सुपेला थाना पुलिस ने बिटक्वाइन ट्रेडिंग के नाम पर लाखों की ठगी करने के मामले में नागपुर में तैनात सेंट्रल जीएसटी ऑफिसर के बेटे को गिरफ्तार किया है.आरोपी ने दुर्ग निवासी और बीआईटी कॉलेज दुर्ग की अपनी सीनियर से 36 लाख रुपए की ठगी की है. स्मृति नगर जुनवानी निवासी वैष्णवी नायर ने सुपेला थाने में 16 अगस्त 2024 को इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी.
कैसे आरोपी से हुई पीड़ित की पहचान ?: वैष्णवी के मुताबिक वो साल 2016 में बीआईटी दुर्ग में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी. उसी दौरान उसके जूनियर तनमय विनोद कोहड़ निवासी न्यू वसुंधरा सोसायटी बेल तरोरी रोड नागपुर से हुई. वैष्णवी इंजीनियरिंग करने के बाद आईटी कंपनी पुणे में जॉब करने लगी. 2019 में अचानक एक दिन तनमय का फोन आया. उसने वैष्णवी से कहा कि उसने इंजीनियरिंग पूरी कर ली है. डिग्री लेने आया है. उनके ऑफिस में कोई जॉब है क्या. इस पर वैष्णवी ने कहा जॉब होगी तो उसे बताएगी. फोन पर बात करते करते ही तनमय ने वैष्णवी से कहा कि एक बिटक्वाइन ऑनलाइन ट्रेडिंग का गेम है. उसमें अच्छा रिटर्न मिलता है. उसने वैष्णवी से लगातार फोन पर बात करते-करते 7800 रुपए लेकर उसमें इनवेस्ट करा दिए. कुछ दिन बाद उसने रिटर्न के रूप में वैष्णवी को 6500 रुपए का प्रॉफिट दिया.वैष्णवी इससे उसके बातों में आ गई. तनमय ने वैष्णवी से कहा कि इसमें बड़ा इनवेस्ट करोगे तो काफी बड़ा फायदा होगा.पैसा रिटर्न की वो गारंटी लेता है.
गारंटी देकर ठगी की वारदात : वैष्णवी अपने जूनियर तनमय की बातों में आ गई.इसके बाद उसके खाते में 10 अगस्त 2020 से लेकर 28 अप्रैल 2022 के बीच तीन अलग-अलग ट्रांजेक्शन 73051 रुपए, 510362 और 3031299 रुपए डाल दिए. जब वैष्णवी ने अपना रिटर्न मांगा तो तनमय उसे घुमाने लगा. बाद वैष्णवी ने सुपेला थाने में केस किया.
फ्रॉड केस में अरेस्ट : केस करने के बाद स्मृति नगर और क्राइम ब्रांच पुलिस की टीम तनमय को पकड़ने के लिए नागपुर गई. पुलिस की टीम उसके लोकेशन को ट्रैस कर उसके न्यू वसुंधरा सोसायटी बेल तरोरी रोड नागपुर पहुंची और उसे उसके घर से गिरफ्तार कर दुर्ग लाई है.
पिता नागपुर सीजीएसटी में अधिकारी : तनमय के पिता विनोद कोहड़ सेंट्रल जीएसटी डिपार्टमेंट में स्टेटिक्स डिपार्टमेंट में सुप्रीटेंडेंट हैं. विनोद इससे पहले भोपाल, रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव, दुर्ग, जगदलपुर, भांटापारा, बिलासपुर में इंस्पेक्टर के पद पर थे. प्रमोशन पाकर सुप्रीटेंडेंट बनने के बाद कुछ समय रायपुर फिर उसके बाद से नागपुर, कस्टम में गए और वर्तमान में नागपुर में ही हैं.
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