रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफारी पर ले जाने वाली जिप्सियों पर जीपीएस लगने का काम शुरू हो गया है. अब कॉर्बेट प्रशासन बिना जीपीएस के जिप्सी के संचालन करने पर सख्त कार्रवाई करेगा. यह कदम सैलानियों की सुरक्षा को पुख्ता करने के मकसद से उठाया जा रहा है. बीते एक साल में जंगल में नियमों का पालन न करने वाले 100 से ज्यादा जिप्सियों चालकों पर कार्रवाई की गई.
बता दें कि पर्यटकों को पार्क के अंदर भ्रमण कराने वाले जिप्सी चालकों अक्सर नियमों का उल्लंघन करते हैं. जिससे सैलानियों के साथ वन्यजीवों की जान खतरे में आ जाती है. इस वक्त कॉर्बेट पार्क में 300 से ज्यादा जिप्सियां पंजीकृत हैं. जिप्सियों के माध्यम से पर्यटक सफारी का लुत्फ उठाते हैं. वहीं, जंगल सफारी को लेकर कॉर्बेट प्रशासन ने कुछ नियम भी बनाए हैं. जिनका पालन करना आवश्यक है. ताकि, मानव और वन्यजीव संघर्ष को रोका जा सके.
कॉर्बेट प्रशासन के नियमों के तहत सफारी के दौरान वन्यजीवों से दूरी बनाए रखने, जंगल के अंदर शोर न करने, सफारी के दौरान वाहन से न उतरने की हिदायत शामिल है, लेकिन कई बार ऐसे वीडियो सामने आते हैं, जिसमें नियमों की अनदेखी हो रही होती है. जैसे बाघ के दिखने जिप्सी चालक और सैलानी उत्साहित हो जाते हैं. जहां नियमों की अनदेखी कर वाहन को जंगली जानवरों के नजदीक रोक देते हैं, जिससे खतरा बना रहता है.
वहीं, जनवरी 2023 से जनवरी 2024 की बात करें तो 100 से ज्यादा जिप्सियों को नियमों का पालन न करने पर कुछ समय तक के लिए पार्क में जाने से प्रतिबंधित किया जा चुका है. इतना ही नहीं चालक और गाइड पर कार्रवाई किया जा चुका है. वहीं, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने बताया कि जिप्सियों पर जीपीएस लगाया जा रहा है. बीते एक साल में नियमों का पालन न करने पर 100 से ज्यादा जिप्सियों पर कार्रवाई की गई. वहीं, अब जीपीएस लगने से सभी जिप्सियों की लोकेशन ट्रैक कर उन पर नजर रख सकेंगे.
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