जयपुर. राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच हीट वेव से मौत और मुआवजे पर सियासी बयानबाजी और आरोप- प्रत्यारोप ने राजनीतिक तपिश भी बढ़ा दी है. हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि आमजन को हीट वेव से महफूज रखने के माकूल इंतजाम किए जाएं और हीट वेव से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए. हालांकि, हीट वेव से मौत को लेकर सरकार के आंकड़े शुरू से ही गफलत भरे रहे हैं. इसे लेकर आपदा राहत विभाग और चिकित्सा विभाग के बीच गतिरोध भी देखा गया. अब इस मामले को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर हीट वेव से मौत के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया है.
डोटासरा ने आरोप लगाया कि मुआवजा देने से बचने के लिए सरकार मौत का आंकड़ा छिपा रही है. उन्होंने दावा किया कि प्रदेशभर में हीट वेव से 100 से अधिक मौत हो चुकी हैं. सवाई मानसिंह अस्पताल में हर दिन 20-25 लावारिस शव पहुंचने का भी उन्होंने दावा किया है. हालांकि, भजनलाल सरकार के आपदा राहत मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीना ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि हीट वेव से अगर मौत हो रही है, तो उसे हीट वेव से मौत ही बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का जो कारण आ रहा है. वही रिपोर्ट में लिखा जा रहा है.
मुआवजे का प्रावधान नहीं : मौत के आंकड़ों को लेकर किरोड़ी ने कहा कि वास्तविक आंकड़े चिकित्सा विभाग ही बता सकता है और वहीं से हम आंकड़े लें रहे हैं. उन्होंने यह भी साफ किया है कि अभी हीट वेव से मौत पर अभी मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है. नियमों में संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार से पत्राचार करने की वे मुख्यमंत्री से मांग करेंगे. बहरहाल, राजस्थान में भीषण गर्मी से पैदा हुआ हालात की समीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बैठक जारी है. इस बैठक में निश्चित रूप से हीट वेव से आमजन को बचाने और मौतों को लेकर भी समीक्षा की जाएगी. इस बैठक की ब्रीफिंग के बाद साफतौर पर सामने आएगा कि आगामी दिनों में आमजन को राहत देने के लिए सरकार कदम उठाने जा रही है.