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राज्यपाल गुरमीत सिंह ने जंगल सफारी का उठाया लुत्फ, 7 बाघों के साथ ही 200 से ज्यादा हाथियों का किया दीदार - Governor Gurmeet Singh in Corbett

Governor Gurmeet Singh, Governor Gurmeet Singh in Corbett राज्यपाल गुरमीत सिंह से कॉर्बेट पार्क में जंगल सफारी की. इस दौरान उन्होंने प्रकृति का दीदार किया. हरे-भरे जंगल, शांत वातावरण और वन्य जीवों को देखकर राज्यपाल मंत्रमुग्ध नजर आये.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 13, 2024, 9:20 PM IST

Updated : Jun 13, 2024, 9:39 PM IST

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने जंगल सफारी का उठाया लुत्फ (सोर्स @LtGenGurmit)

रामनगर: राज्यपाल गुरमीत सिंह इन दिनों कॉर्बेट के दौरे पर है. आज राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कॉर्बट पार्क में सफारी का आनंद उठाया. इस दौरान उन्होंने 7 बाघों के साथ ही 200 से ज्यादा हाथियों के दीदार किया. राज्यपाल ने जंगल सफारी से बाहर आकर वन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भी शिरकत की.

इस दौरान राज्यपाल ने कहा उन्होंने वन्यजीवों एवं पक्षियों की प्रजातियों के निवास स्थल विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में सफारी की है. वन्यजीव प्रेमियों के लिए रोमांचकारी जंगल सफारी डेस्टिनेशन के रूप में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क वन्य जीवन की अद्भुत दुनिया है. यहां हरे-भरे जंगल, शांत वातावरण और वन्य जीवों के दृश्य सब कुछ मंत्रमुग्ध कर देने वाला रहा. राज्यपाल ने कहा वन एवं वन्य जीव उत्तराखंड की अमूल्य संपदा है. इन्हें संरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है.

बता दें आज राज्यपाल ने फॉरेस्ट अधिकारियों व ईको टूरिज्म से जुड़े कारोबारियों के साथ बैठक भी की. राज्यपाल द्वारा कॉन्फ्रेंस का शुभारम्भ करते हुए अपने उद्बोधन में भव्य हिमालय से लेकर उष्णकटिबंधीय मैदानों तक, उत्तराखंड का विविध परिदृश्य, वनस्पतियों और जीवों की एक समृद्ध श्रृंखला की महत्ता को उजागर किया. जिसमें उत्तराखण्ड राज्य भारत में विज्ञान-आधारित वन प्रबंधन में अग्रणी योगदान की प्रशंसा की. उनके द्वारा राज्य अपनी 15% भूमि को आच्छादित करने वाले संरक्षित क्षेत्र, जिसमें कॉर्बेट और फूलों की घाटी जैसे विश्व स्तर पर प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं, बदलते सामाजिक परिपेक्ष्य में मानव वन्य जीव संघर्ष निवारण, वनाग्नि प्रब्नधन एवं ईको टूरिज्म से आजीविका संवर्धन जैसे मुद्दों से सम्बन्धित विविध विषयों पर वक्तव्य देते हुए इन विषयों पर विभागीय प्रयासों की अनुशंसा की.

इस दौरान डा० धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक (HoFF) उत्तराखण्ड ने बताया प्रदेश में सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से, बाघों की आबादी 178 से बढ़कर 560 हो गई है. पक्षी विविधता 710 प्रजातियों के साथ विकसित हुई है. स्थानीय समुदाय, अपने वन संसाधनों से गहराई से जुड़े हुए हैं. वन्यजीवों के साथ पारस्परिक सह-अस्तित्व सुनिश्चित करते हुए 11,000 से अधिक वन पंचायतों का प्रबंधन करते हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड वनाग्नि मौत मामला: परिजनों को मिलेगी 10-10 लाख की आर्थिक मदद, चार लोगों की गई थी जान - four forest workers in forest fire

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने जंगल सफारी का उठाया लुत्फ (सोर्स @LtGenGurmit)

रामनगर: राज्यपाल गुरमीत सिंह इन दिनों कॉर्बेट के दौरे पर है. आज राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कॉर्बट पार्क में सफारी का आनंद उठाया. इस दौरान उन्होंने 7 बाघों के साथ ही 200 से ज्यादा हाथियों के दीदार किया. राज्यपाल ने जंगल सफारी से बाहर आकर वन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भी शिरकत की.

इस दौरान राज्यपाल ने कहा उन्होंने वन्यजीवों एवं पक्षियों की प्रजातियों के निवास स्थल विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में सफारी की है. वन्यजीव प्रेमियों के लिए रोमांचकारी जंगल सफारी डेस्टिनेशन के रूप में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क वन्य जीवन की अद्भुत दुनिया है. यहां हरे-भरे जंगल, शांत वातावरण और वन्य जीवों के दृश्य सब कुछ मंत्रमुग्ध कर देने वाला रहा. राज्यपाल ने कहा वन एवं वन्य जीव उत्तराखंड की अमूल्य संपदा है. इन्हें संरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है.

बता दें आज राज्यपाल ने फॉरेस्ट अधिकारियों व ईको टूरिज्म से जुड़े कारोबारियों के साथ बैठक भी की. राज्यपाल द्वारा कॉन्फ्रेंस का शुभारम्भ करते हुए अपने उद्बोधन में भव्य हिमालय से लेकर उष्णकटिबंधीय मैदानों तक, उत्तराखंड का विविध परिदृश्य, वनस्पतियों और जीवों की एक समृद्ध श्रृंखला की महत्ता को उजागर किया. जिसमें उत्तराखण्ड राज्य भारत में विज्ञान-आधारित वन प्रबंधन में अग्रणी योगदान की प्रशंसा की. उनके द्वारा राज्य अपनी 15% भूमि को आच्छादित करने वाले संरक्षित क्षेत्र, जिसमें कॉर्बेट और फूलों की घाटी जैसे विश्व स्तर पर प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं, बदलते सामाजिक परिपेक्ष्य में मानव वन्य जीव संघर्ष निवारण, वनाग्नि प्रब्नधन एवं ईको टूरिज्म से आजीविका संवर्धन जैसे मुद्दों से सम्बन्धित विविध विषयों पर वक्तव्य देते हुए इन विषयों पर विभागीय प्रयासों की अनुशंसा की.

इस दौरान डा० धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक (HoFF) उत्तराखण्ड ने बताया प्रदेश में सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से, बाघों की आबादी 178 से बढ़कर 560 हो गई है. पक्षी विविधता 710 प्रजातियों के साथ विकसित हुई है. स्थानीय समुदाय, अपने वन संसाधनों से गहराई से जुड़े हुए हैं. वन्यजीवों के साथ पारस्परिक सह-अस्तित्व सुनिश्चित करते हुए 11,000 से अधिक वन पंचायतों का प्रबंधन करते हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड वनाग्नि मौत मामला: परिजनों को मिलेगी 10-10 लाख की आर्थिक मदद, चार लोगों की गई थी जान - four forest workers in forest fire

Last Updated : Jun 13, 2024, 9:39 PM IST
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