रायपुर: राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह आयोजित किया गया. इसमें राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली. जिसके बाद राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य के पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत किया. छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के 39 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को वीरता पदक, विशिष्ट सेवा पदक एवं सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया. छत्तीसगढ़ के चार बच्चों को राज्य वीरता पुरस्कार से भी नवाजा गया.
इन पुलिसकर्मियों को मिला वीरता पदक: राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने पुलिस वीरता पदक से पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया. इनमें हेमन्त कुमार पटेल (उप निरीक्षक, बलौदाबाजार), मालिक राम (निरीक्षक, कांकेर), सुक्कू राम नाम (सउनि, नारायणपुर), संतोष चंदन (प्रधान आरक्षक, नारायणपुर), साकेत कुमार बंजारे (निरीक्षक, बीजापुर), भुवन सिंह बोरा (कंपनी कमाण्डर 21वीं वाहिनी, छसबल, बालोद), संजय पाल (उप निरीक्षक, बीजापुर), धरम सिंह तुलावी (उप निरीक्षक, बीजापुर), विरेन्द्र कंवर (उप निरीक्षक, बीजापुर), पतिराम पोड़ियामी (उप निरीक्षक, बीजापुर), दिलीप कुमार वासनिक (प्लाटून कमाण्डर, एसटीएफ),
इन शहीदों को मरणोपरांत मिला वीरता पदक : राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन द्वारा शहीद जवानों के परिजनों का भी सम्मान किया. इनमें शहीद रमेश जुर्री (प्रधान आरक्षक, बीजापुर), शहीद रमेश कोरसा (आरक्षक, बीजापुर), शहीद सुभाष नायक (आरक्षक, बीजापुर), शहीद रामदास कोर्राम (आरक्षक, एसटीएफ), शहीद जगतराम कंवर (आरक्षक, एसटीएफ), शहीद सुख सिंह (आरक्षक, एसटीएफ), शहीद रमाशंकर सिंह (आरक्षक, एसटीएफ), शहीद शंकर नाग (आरक्षक, एसटीएफ), शहीद किशोर एण्ड्रिक (सहायक आरक्षक, बीजापुर), शहीद सनकूराम सोढ़ी (सहायक आरक्षक, बीजापुर), शहीद बोसाराम करटामी (सहायक आरक्षक, बीजापुर), धरम सिंह तुलावी (उप निरीक्षक, बीजापुर), शिव कुमार रामटेके (प्रधान आरक्षक, बीजापुर), छन्नू राम पोयाम (आरक्षक, बीजापुर), गौतम कोरसा (आरक्षक, बीजापुर).
इन अधिकारियों को मिला राष्ट्रपति पुलिस पदक: राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने विशिष्ट सेवाओं के लिए दो राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किया. इनमें पहला पदक अमित कुमार (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, गुप्तवार्ता, पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर) को प्रदान किया गया. वहीं कन्हैया लाल ध्रुव (पुलिस उप महानिरीक्षक, नक्सल अभियान, पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर) को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया.
राज्यपाल ने प्रदान किया पुलिस पदक: राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक भी प्रदान किया. इनमें डीआर आंचला (सेनानी, 14वीं वाहिनी, छसबल, धनोरा, बालोद), नेहा पाण्डेय (एएसपी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई), येशेश्वरी येरेवार डीएसपी, एसबी, पुलिस मुख्यालय रायपुर), टीकाराम कुर्रे (सहायक सेनानी, 22वीं वाहिनी भीरागांव, कांकेर), महेश शुक्ला (एपीसी, 6वीं वाहिनी, छसबल, रायगढ़), जेम्स लकड़ा (कंपनी कमाण्डर, 2 वाहिनी, छसबल, बिलासपुर), ओम प्रकाश साहू (उप निरीक्षक, पुलिस मुख्यालय, नवा रायपुर), उदय सिंह सिदार (प्रधान आरक्षक, 15वीं वाहिनी, बीजापुर), महेन्द्र कुमार पाठक (उप निरीक्षक, नारायणपुर), मनोज कुमार साहू (सहायक उप निरीक्षक, बस्तर), देवी शरण सिंह (प्रधान आरक्षक, विआशा, पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर).
राज्य वीरता पुरस्कार से बच्चों का सम्मान: छ्त्तीसगढ़ के 4 बालकों को राज्य वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इनमें सरगुजा जिले के मास्टर अरनव सिंह, दुर्ग के मास्टर ओम उपाध्याय, रायपुर जिले के मास्टर प्रेमचंद साहू और मास्टर लोकेश कुमार साहू को राज्य वीरता पुरस्कार से ससम्मानित किया गया. इसके तहत उन्हें 25 हजार रूपए और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. दरअसल, 16 वर्षीय मास्टर अरनव सिंह कक्षा 11 में अध्ययनरत हैं. उन्होंने डंपिंग यार्ड में लगी भीषण आग से सो रहे तीन व्यक्तियों और चौकीदार को जगाकर बचाने का साहसिक कार्य किया है. इसी तरह 16 वर्षीय मास्टर ओम उपाध्याय कक्षा 10वीं में अध्ययनरत हैं. उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए कुत्ते से लड़ते हुए बच्चों को कुत्ते के काटने से बचाया है. 9 वर्षीय मास्टर प्रेमचंद साहू कक्षा चौथी में अध्ययनरत हैं. 13 वर्षीय लोकेश कुमार साहू कक्षा 7वीं में अध्ययनरत हैं, उन्होंने चंपारण में पानी में डूबते हुए बच्चे को बचाने का साहसिक कार्य किया है.
बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों दी गई प्रस्तुति: ध्वजारोहन के बाद स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई. सांस्कृतिक वेशभूषा में छोटे छोटे नन्हे मुन्ने बच्चे मैदान पर नजर आए. वहीं उनकी मनमोहक प्रस्तुति को देख दर्शक भी मंत्रमुग्ध हो गए. इस बीच मलखम्ब का भी प्रदर्शन किया गया. मुंह में मशाल दवा एक के बाद एक मलखम्ब पर करतब दिखा रहे युवाओं का जोश देखते ही बन रहा था. उनके करतब को देख लोग भी काफी रोमांचित हो रहे थे.
सांस्कृतिक प्रस्तुति के लिए दिया गया पुरस्कार: सांस्कृतिक प्रस्तुति में प्रथम पुरस्कार ज्ञान गंगा इंग्लिश मीडियम स्कूल को दिया गया. इस प्रस्तुति में 104 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया, जिसके बोल 'हर घर तिरंगा' था. इस नृत्य के माध्यम से बच्चों हमारे तिरंगा के आन-बान और शान से पूरे देश के साथ प्रस्तुति दी. साथ ही लोगों को देश प्रेम की भावना से देश सेवा के लिए सदैव तत्पर रहने का आहवान किया. द्वितीय पुरस्कार मायाराम सुरजन शासकीय हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय को दिया, जिसमें 250 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया. इनके गीत के बोल 'हमर सुघ्घर छत्तीसगढ़' था. उन्होंने छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जीवन के दृष्यों का मोहक चित्रण गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया. तृतीय पुरस्कार पीजी उमाठे शासकीय अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय को दिया गया. इसके अंतर्गत 290 विद्यार्थियों ने प्रस्तुति दी. इसके बोल "बस्तरिया आदिवासी संथाली नृत्य निमों-निमों सभी ला जोहार" था. उन्होंने आदिवासी संस्कृति और परंपरा को प्रदर्शित करता हुआ नृत्य किया.