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खूंटी में सरकारी शिक्षकों ने जताया विरोध, औपबंधिक मास्टर वरीयता सूची बनाने में मनमानी का आरोप

खूंटी के सरकारी शिक्षकों ने औपबंधिक मास्टर वरीयता सूची का विरोध जताया है. उनका आरोप है कि लिस्ट बनाने में मनमानी की गई है.

Teachers Protest In Khunti
खूंंटी डीएसई से मिलकर अपनी बात रखते शिक्षक. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 1, 2024, 3:34 PM IST

खूंटीः झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद खूंटी के जिला शिक्षा अधीक्षक ने एक औपबंधिक मास्टर वरीयता सूची जारी की. ये मामला 700 शिक्षकों की वरीयता के अनुसार प्रमोशन देने का है. सूची जारी होते ही शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया है.

शिक्षकों का आरोप है कि डीएसई ने मनमाने तरीके से कागजों में छेड़छाड़ कर शिक्षकों की वरीयता में गड़बड़ी की है. साथ ही आरोप लगाया है कि शिक्षकों की सेवा पुस्तिका को जांचे बगैर सूची प्रकाशित की गई है और सूची बनाने में न्यायालय के आदेश को भी नजरअंदाज किया गया है.

अपनी बात रखते शिक्षक संघ के पदाधिकारी और खूंटी डीएसई का बयान. (वीडियो-ईटीवी भारत)

इसे लेकर जिला के सभी सरकारी शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय पहुंचकर रोष प्रकट किया. उन्होंने कहा कि जिले में प्रधानाध्यापकों का पद वर्षों से रिक्त है. समय पर प्रमोशन नहीं मिल रहा है और शिक्षक सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं. शिक्षकों ने इसे विभागीय लापरवाही बताया है. शिक्षकों ने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. साथ ही न्याय के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.

खूंटी जिला अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ और विभिन्न शिक्षक संगठनों ने प्रोन्नति के लिए मास्टर वरीयता सूची पर आपत्ति जताते हुए इसे खारिज करने की मांग की है. शिक्षकों ने कहा कि सूची बनाने में पूर्व से दागी और विवादास्पद किरानी की अहम भूमिका है. समय रहते इसे बदला जाए और वरीयता के अनुसार प्रमोशन सूची बनायी जाए ताकि शिक्षकों को उसका लाभ मिल सके.

Teachers Protest In Khunti
शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र की कॉपी (फोटो-ईटीवी भारत)

शिक्षकों ने आरोप लगाया कि भयादोहन करने की नीयत से इस तरह का सूची जारी की गई है. शिक्षकों ने कहा कि कार्यालय में काम करने वाले लिपिकों और पदाधिकारी की कार्यशैली से ऐसी नौबत बनी है. यह सरासर भ्रष्टाचार का मामला है.

संगठनों के पदाधिकारी और शिक्षकों की शिकायत सुनने के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा कि कोर्ट के आदेश के तहत यह कार्रवाई की गई है और यह मास्टर सूची औपबंधिक मास्टर सूची है, जिस पर कई आपत्तियां दर्ज होंगी और उसे सुधारा भी जाएगा. उन्होंने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि आप सभी संघ के माध्यम से या व्यक्तिगत होकर जो भी आपत्तियां हैं वह मेरे कार्यालय मैं लिखित रूप से जमा कर दें. साथ ही लिपिकों पर लगाये गए आरोपों की जानकारी से इनकार किया.

कार्यालय पहुंचे शिक्षकों में शंभु नाथ मुंडा, धनंजय महतो, आभा लकड़ा, हेरेन हेंब्रम, दांदू आईन्द, मनोहर महली, बुधनाथ गुड़िया, राम अवदेश तिवारी, विनीता तिग्गा समेत सैकड़ों शिक्षक और विभिन्न संगठन के पदाधिकारी पहुंचे.

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शिक्षकों का आरोप है कि डीएसई ने मनमाने तरीके से कागजों में छेड़छाड़ कर शिक्षकों की वरीयता में गड़बड़ी की है. साथ ही आरोप लगाया है कि शिक्षकों की सेवा पुस्तिका को जांचे बगैर सूची प्रकाशित की गई है और सूची बनाने में न्यायालय के आदेश को भी नजरअंदाज किया गया है.

अपनी बात रखते शिक्षक संघ के पदाधिकारी और खूंटी डीएसई का बयान. (वीडियो-ईटीवी भारत)

इसे लेकर जिला के सभी सरकारी शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय पहुंचकर रोष प्रकट किया. उन्होंने कहा कि जिले में प्रधानाध्यापकों का पद वर्षों से रिक्त है. समय पर प्रमोशन नहीं मिल रहा है और शिक्षक सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं. शिक्षकों ने इसे विभागीय लापरवाही बताया है. शिक्षकों ने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. साथ ही न्याय के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.

खूंटी जिला अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ और विभिन्न शिक्षक संगठनों ने प्रोन्नति के लिए मास्टर वरीयता सूची पर आपत्ति जताते हुए इसे खारिज करने की मांग की है. शिक्षकों ने कहा कि सूची बनाने में पूर्व से दागी और विवादास्पद किरानी की अहम भूमिका है. समय रहते इसे बदला जाए और वरीयता के अनुसार प्रमोशन सूची बनायी जाए ताकि शिक्षकों को उसका लाभ मिल सके.

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शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र की कॉपी (फोटो-ईटीवी भारत)

शिक्षकों ने आरोप लगाया कि भयादोहन करने की नीयत से इस तरह का सूची जारी की गई है. शिक्षकों ने कहा कि कार्यालय में काम करने वाले लिपिकों और पदाधिकारी की कार्यशैली से ऐसी नौबत बनी है. यह सरासर भ्रष्टाचार का मामला है.

संगठनों के पदाधिकारी और शिक्षकों की शिकायत सुनने के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा कि कोर्ट के आदेश के तहत यह कार्रवाई की गई है और यह मास्टर सूची औपबंधिक मास्टर सूची है, जिस पर कई आपत्तियां दर्ज होंगी और उसे सुधारा भी जाएगा. उन्होंने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि आप सभी संघ के माध्यम से या व्यक्तिगत होकर जो भी आपत्तियां हैं वह मेरे कार्यालय मैं लिखित रूप से जमा कर दें. साथ ही लिपिकों पर लगाये गए आरोपों की जानकारी से इनकार किया.

कार्यालय पहुंचे शिक्षकों में शंभु नाथ मुंडा, धनंजय महतो, आभा लकड़ा, हेरेन हेंब्रम, दांदू आईन्द, मनोहर महली, बुधनाथ गुड़िया, राम अवदेश तिवारी, विनीता तिग्गा समेत सैकड़ों शिक्षक और विभिन्न संगठन के पदाधिकारी पहुंचे.

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