शिमला: हिमाचल के पुलिस जिला बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज के अचानक से छुट्टी पर जाने से प्रदेश में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था. सोशल मीडिया से लेकर विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार की खूब आलोचना की थी. यूपी उपचुनाव में बीजेपी ने इसे मुद्दा तक बना लिया था. अब इस पूरे विवाद पर राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखा है. सरकार के एक प्रवक्ता ने शिमला में कहा कि आईपीएस इल्मा अफरोज पारिवारिक कारणों का हवाला देकर छुट्टी पर गई हैं.
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि, 'सरकार योग्यता का पूरा सम्मान करती है. प्रदेश में योग्य और कर्मठ अधिकारियों को आगे बढ़ाया जा रहा है. जहां तक आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज का सवाल है तो सरकार ने उन्हें आउट ऑफ टर्न एसपी बद्दी लगाया था. अभी उनका बैच नहीं चल रहा था, इसके बाद भी उन्हें दस महीने पहले बद्दी जैसे महत्वपूर्ण पुलिस जिला की कमान सौंपी गई. आईपीएस अधिकारी अफरोज पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए छुट्टी पर गई हैं.'
प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की ओर से मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र का जवाब चिट्ठी के जरिये दे दिया गया है. छुट्टी पर जाने से पहले अफरोज अपनी माता के साथ मुख्यमंत्री के साथ शिमला में मिली थीं. उन्होंने माता जी की तबियत ठीक नहीं होने का हवाला देकर छुट्टी पर जाने की बात कही थी. उनकी छुट्टी को लेकर तरह-तरह की अफवाहें सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही हैं. सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा झूठ तथ्यों के विपरीत है. आईपीएस अधिकारी मुख्यमंत्री को बताकर छुट्टी पर गई हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार चिंतित न हों. वर्तमान सरकार किसी के दबाव में आकर काम नहीं करती, न ही ब्लैकमेल होती है. खनन माफिया पर सबसे अधिक शिकंजा इसी सरकार ने कसा है, कार्रवाई करते समय आम और खास में कोई भेदभाव नहीं किया जाता. यह सरकार की कर्तव्यनिष्ठा की दर्शाता है. वर्तमान सरकार ने प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद अनेक क्रांतिकारी बदलाव सिस्टम में किए हैं, जिनका सीधा लाभ आम जनता को मिल रहा है.
उल्लेखनीय है कि आईपीएस इल्मा अफरोज पहले 21 नवम्बर तक अवकाश पर गयी थीं. बाद में उन्होंने अवकाश को 28 नवम्बर तक बढ़ाया था. कांग्रेस के एक कद्दावर नेता के साथ टकराव के कारण आईपीएस इल्मा पर परोक्ष रूप से दबाव बनाया जा रहा था. बद्दी में एसपी रहते हुए इल्मा ने कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए कई कदम उठाए थे. नशा व खनन माफिया के खिलाफ उन्होंने सख्ती की थी. एक मामले की सुनवाई के दौरान सितंबर माह में हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि बिना अदालत की स्पष्ट अनुमति के इल्मा का तबादला न किया जाए. पूर्व सीएम शांता कुमार ने भी दो बार इस मामले को उठाया है. उन्होंने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया था.