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18 जून से छत्तीसगढ़ में खुलेंगे स्कूल , लेकिन जर्जर भवनों में कैसे होगी पढ़ाई - Government school buildings - GOVERNMENT SCHOOL BUILDINGS

School Buildings Of Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में 18 जून को शाला प्रवेशोत्सव मनाया जाएगा.लेकिन एमसीबी जिले की बात करें तो यहां हजारों स्कूल जर्जर हैं.जहां अब खतरा मोल लेकर बच्चे पढ़ेंगे.

school buildings of Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में 18 जून से खुलेंगे स्कूल (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 15, 2024, 5:02 PM IST

Updated : Jun 15, 2024, 6:23 PM IST

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : छत्तीसगढ़ में 18 जून को शाला प्रवेशोत्सव मनाया जाएगा.लेकिन बात यदि एमसीबी जिले की करें तो यहां के 1700 स्कूल में शौचालय और भवन जर्जर हैं.अब ऐसे हालत में बारिश के दिनों बच्चे स्कूल कैसे पहुंचेंगे.अब बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि जिन स्कूलों का मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत कायाकल्प होना था,उसके लिए आई राशि कहां गई.

स्कूल जर्जर कैसे होगी पढ़ाई ? : जिले के मनेंद्रगढ़ ,खड़गवां , भरतपुर विकासखंड में तैयारी की जा रही है. जिसमें स्कूलों में शिक्षकों की ड्यूटी भी लगाई गई है.लेकिन जिले में अब भी कई स्कूल ऐसे हैं जो खपरैल से बने हैं.इन स्कूलों की हालत इतनी खराब है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इसकी शिकायत बीते सत्र में कलेक्टर से लेकर जिला शिक्षाधिकारी से की गई थी. लेकिन आज भी स्कूलों की हालत जस की तस है.

जर्जर भवनों में कैसे होगी पढ़ाई ? (ETV Bharat Chhattisgarh)

''भुमका स्कूल की भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. किसी भी समय यह भवन गिर सकता है. क्योंकि इसमें लगी रॉड नीचे झूल रही है. बरसात के समय काफी दिक्कत होती है. सभी बच्चों को एक जगह बैठाया जाता है.'' राकेश कुमार पांडे शिक्षक, पूर्व माध्यमिक शाला,भुमका

''वहीं ग्राम पंचायत पोंडी के सरपंच पति के मुताबिक स्कूल भवन में बहुत परेशानी है.बरसात के समय पानी भर जाता है. स्कूल भवन की छत पूरी जर्जर है. स्कूल के गुरु जी लोग बोले हैं. पढ़ने में बहुत दिक्कत होती है.'' विजय सिंह,सरपंच पति

वहीं इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने जल्द ही स्कूलों की मरम्मत पूरी हो जाने का दावा किया है. जिला शिक्षाधिकारी के मुताबिक नवीन शिक्षा सत्र 2024 और 2025 में इस बार 18 जून से प्रारंभ हो रहा है. 18 जून से पहले जिले के समस्त स्कूलों का वातावरण को साफ स्वच्छ करने के लिए शिक्षा विभाग के अफसरों को लगाया है.

''शैक्षणिक व्यवस्था की बात हो, मध्यान्ह भोजन की बात हो, ये सारी व्यवस्था हम कर रहे हैं. नवीन शैक्षणिक स्तर में हमारा ये प्रयास है कि रिमोट एरिया के स्कूलों पर फोकस करके शिक्षा व्यवस्था सुधारी जाए.''- अजय मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी

अफसर चाहे जो बोले लेकिन हकीकत यही है कि जो काम एक साल में नहीं हुआ,वो चार दिन में कैसे होगा.करीब 17 स्कूलों के हाल बेहाल है.अब इतने सारे स्कूलों में जिला शिक्षाधिकारी कौन सा जादू चलाएंगे ये देखने वाली बात होगी.

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मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : छत्तीसगढ़ में 18 जून को शाला प्रवेशोत्सव मनाया जाएगा.लेकिन बात यदि एमसीबी जिले की करें तो यहां के 1700 स्कूल में शौचालय और भवन जर्जर हैं.अब ऐसे हालत में बारिश के दिनों बच्चे स्कूल कैसे पहुंचेंगे.अब बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि जिन स्कूलों का मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत कायाकल्प होना था,उसके लिए आई राशि कहां गई.

स्कूल जर्जर कैसे होगी पढ़ाई ? : जिले के मनेंद्रगढ़ ,खड़गवां , भरतपुर विकासखंड में तैयारी की जा रही है. जिसमें स्कूलों में शिक्षकों की ड्यूटी भी लगाई गई है.लेकिन जिले में अब भी कई स्कूल ऐसे हैं जो खपरैल से बने हैं.इन स्कूलों की हालत इतनी खराब है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इसकी शिकायत बीते सत्र में कलेक्टर से लेकर जिला शिक्षाधिकारी से की गई थी. लेकिन आज भी स्कूलों की हालत जस की तस है.

जर्जर भवनों में कैसे होगी पढ़ाई ? (ETV Bharat Chhattisgarh)

''भुमका स्कूल की भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. किसी भी समय यह भवन गिर सकता है. क्योंकि इसमें लगी रॉड नीचे झूल रही है. बरसात के समय काफी दिक्कत होती है. सभी बच्चों को एक जगह बैठाया जाता है.'' राकेश कुमार पांडे शिक्षक, पूर्व माध्यमिक शाला,भुमका

''वहीं ग्राम पंचायत पोंडी के सरपंच पति के मुताबिक स्कूल भवन में बहुत परेशानी है.बरसात के समय पानी भर जाता है. स्कूल भवन की छत पूरी जर्जर है. स्कूल के गुरु जी लोग बोले हैं. पढ़ने में बहुत दिक्कत होती है.'' विजय सिंह,सरपंच पति

वहीं इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने जल्द ही स्कूलों की मरम्मत पूरी हो जाने का दावा किया है. जिला शिक्षाधिकारी के मुताबिक नवीन शिक्षा सत्र 2024 और 2025 में इस बार 18 जून से प्रारंभ हो रहा है. 18 जून से पहले जिले के समस्त स्कूलों का वातावरण को साफ स्वच्छ करने के लिए शिक्षा विभाग के अफसरों को लगाया है.

''शैक्षणिक व्यवस्था की बात हो, मध्यान्ह भोजन की बात हो, ये सारी व्यवस्था हम कर रहे हैं. नवीन शैक्षणिक स्तर में हमारा ये प्रयास है कि रिमोट एरिया के स्कूलों पर फोकस करके शिक्षा व्यवस्था सुधारी जाए.''- अजय मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी

अफसर चाहे जो बोले लेकिन हकीकत यही है कि जो काम एक साल में नहीं हुआ,वो चार दिन में कैसे होगा.करीब 17 स्कूलों के हाल बेहाल है.अब इतने सारे स्कूलों में जिला शिक्षाधिकारी कौन सा जादू चलाएंगे ये देखने वाली बात होगी.

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Last Updated : Jun 15, 2024, 6:23 PM IST
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