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डीए एरियर्स के लिए पांच लाख से ज्यादा सरकारी कर्मियों का आंदोलन, स्कूलों में पढ़ाई और दफ्तरों में काम रहा ठप - protest in Korba For DA arrears

कोरबा में डीए एरियर्स को लेकर सरकारी अधिकारी कर्मचारियों ने आंदोलन किया है. ये सभी कर्मचारी काम बंद और कलम बंद कर धरने पर बैठे हैं. छत्तीसगढ़ में छह हजार करोड़ के डीए एरियर्स के लिए पांच लाख कर्मियों ने आंदोलन किया है.

PROTEST IN KORBA FOR DA ARREARS
सरकारी अधिकारी कर्मचारियों का आंदोलन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 27, 2024, 7:22 PM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ सरकार के अधीन विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारी फिर से आंदोलन में डटे हुए हैं. शुक्रवार को कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन किया गया. इसका असर कोरबा में भी रहा. प्रदेश में छह हजार करोड़ के डीए एरियर्स के लिए पांच लाख राज्य सरकार के कर्मियों ने शुक्रवार को आंदोलन किया. विभिन्न सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी आंदोलन में शामिल हुए. कर्मियों ने आईटीआई तानसेन चौक पर काम बंद कलम बंद हड़ताल कर अपनी आवाज बुलंद की. इस दौरान सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा.

गारंटी नहीं हुई पूरी: सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि प्रदेश में मोदी की गारंटी पूरी नहीं हुई. 100 दिन में महंगाई भत्ता देने की बात कही गई थी, लेकिन वह अधूरी है. पिछली सरकार ने भी यही काम किया था. जिसके कारण छत्तीसगढ़ से उनका सूपड़ा साफ हो गया. अधिकारी कर्मचारी सरकार को बदलने की ताकत रखते हैं.

डीए एरियर्स के लिए कर्मचारियों का प्रदर्शन (ETV Bharat)

चार प्रतिशत महंगाई भत्ता जुलाई 2019 से बकाया: प्रदर्शन के दौरान पदाधिकारियों ने बताया कि संघ की मांग जनवरी 2024 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की है. इसके अलावा जुलाई 2019 से अनियमित डीए का एरियर कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में समायोजित करने की मांग है.

क्रमबद्ध तरीके से चल रहा प्रदर्शन: अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के पदाधिकारी केआर डहरिया ने इस धरना प्रदर्शन को लेकर जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कर्मचारी और अधिकारी केंद्रीय कर्मचारियों के समान गृह भाड़ा और चार स्तरीय समयमान वेतन की मांग भी कर रहे हैं. मोदी की सरकार ने 240 दिन के जगह पर 300 दिनों का अवकाश नगदीकरण की गारंटी दी है, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है. इसे लेकर क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन चल रहा है. 27 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. इसमें शिक्षक, बाबू, पटवारी, तहसीलदार और डिप्टी कलेक्टर तक के कर्मचारी शामिल हुए.

सफाई कर्मचारी भी धरने में शामिल: शिक्षक संगठन के प्रांत अध्यक्ष ओमप्रकाश बघेल ने बताया कि आंदोलन में सफाई कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है. इस दौरान अधिकारी कर्मचारियों ने विभागों में काम नहीं किया है. पहले तीन चरणों में शांति पूर्वक आन्दोलन के माध्यम से मांग सरकार के समक्ष रखी गई है, जिसमें पहले चरण में 6 अगस्त को इंद्रावती से महानदी भवन तक शांति मशाल रैली निकाली गई.

दूसरे चरण में 20 अगस्त से 30 अगस्त तक विधायक, सांसद, मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा गया. तीसरे चरण में 11 सितम्बर को प्रदेश के 146 वि. खण्ड और 33 जिला मुख्यालयों में शांति मशाल रैली निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. अब चौथे चरण में 27 सितंबर को जिला मुख्यालयों में विशाल धरना रैली कर कर्मचारी अधिकारी अपनी चार सूत्रीय मांग जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार के समक्ष रख रहे हैं.

विधानसभा चुनाव के समय वादा किया गया था. सांसद विजय बघेल ने कहा था कि सरकार बनने के 90 दिन के भीतर महंगाई भत्ता देंगे, लेकिन ये वादा अब भी अधूरा है. कर्मचारी संगठनों में गुस्सा है. कर्मचारियों के परिवार से अन्य लोग भी जुड़े रहते हैं. इसलिए कर्मचारियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए. कर्मचारी सरकारों को बदलने की ताकत रखते हैं. -जगदीश खरे, संयोजक, अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन

पिछली सरकार ने भी की यही गलती: अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के संयोजक जगदीश खरे ने बताया कि पिछली बघेल की सरकार ने भी यही गलती की थी. हमें महंगाई भत्ता नहीं दिया. राज्य भर के 5 लाख अधिकारी और कर्मचारियों के लगभग 6000 करोड़ रुपए का एरियस पिछले सरकार ने दबा रखा था. वर्तमान सरकार में भी यही हो रहा है. हमें महंगाई भत्ते का लाभ नहीं मिल रहा है. जब-जब केंद्र में महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है. तब राज्यों में भी कर्मचारियों को इसका लाभ मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.

छत्तीसगढ़ में कलम बंद हड़ताल, डीए एरियर समेत चार सूत्रीय मांगें - Strike For DA arrears
डीए एरियर को लेकर कर्मचारी संघ का हल्लाबोल,आज काम बंद - Employees union Protest
डीए एरियर को लेकर सड़क पर उतरा अधिकारी कर्मचारी संघ, मशाल रैली निकालकर याद दिलाया वादा - DA Arrears Demand

कोरबा: छत्तीसगढ़ सरकार के अधीन विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारी फिर से आंदोलन में डटे हुए हैं. शुक्रवार को कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन किया गया. इसका असर कोरबा में भी रहा. प्रदेश में छह हजार करोड़ के डीए एरियर्स के लिए पांच लाख राज्य सरकार के कर्मियों ने शुक्रवार को आंदोलन किया. विभिन्न सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी आंदोलन में शामिल हुए. कर्मियों ने आईटीआई तानसेन चौक पर काम बंद कलम बंद हड़ताल कर अपनी आवाज बुलंद की. इस दौरान सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा.

गारंटी नहीं हुई पूरी: सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि प्रदेश में मोदी की गारंटी पूरी नहीं हुई. 100 दिन में महंगाई भत्ता देने की बात कही गई थी, लेकिन वह अधूरी है. पिछली सरकार ने भी यही काम किया था. जिसके कारण छत्तीसगढ़ से उनका सूपड़ा साफ हो गया. अधिकारी कर्मचारी सरकार को बदलने की ताकत रखते हैं.

डीए एरियर्स के लिए कर्मचारियों का प्रदर्शन (ETV Bharat)

चार प्रतिशत महंगाई भत्ता जुलाई 2019 से बकाया: प्रदर्शन के दौरान पदाधिकारियों ने बताया कि संघ की मांग जनवरी 2024 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की है. इसके अलावा जुलाई 2019 से अनियमित डीए का एरियर कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में समायोजित करने की मांग है.

क्रमबद्ध तरीके से चल रहा प्रदर्शन: अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के पदाधिकारी केआर डहरिया ने इस धरना प्रदर्शन को लेकर जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कर्मचारी और अधिकारी केंद्रीय कर्मचारियों के समान गृह भाड़ा और चार स्तरीय समयमान वेतन की मांग भी कर रहे हैं. मोदी की सरकार ने 240 दिन के जगह पर 300 दिनों का अवकाश नगदीकरण की गारंटी दी है, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है. इसे लेकर क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन चल रहा है. 27 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. इसमें शिक्षक, बाबू, पटवारी, तहसीलदार और डिप्टी कलेक्टर तक के कर्मचारी शामिल हुए.

सफाई कर्मचारी भी धरने में शामिल: शिक्षक संगठन के प्रांत अध्यक्ष ओमप्रकाश बघेल ने बताया कि आंदोलन में सफाई कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है. इस दौरान अधिकारी कर्मचारियों ने विभागों में काम नहीं किया है. पहले तीन चरणों में शांति पूर्वक आन्दोलन के माध्यम से मांग सरकार के समक्ष रखी गई है, जिसमें पहले चरण में 6 अगस्त को इंद्रावती से महानदी भवन तक शांति मशाल रैली निकाली गई.

दूसरे चरण में 20 अगस्त से 30 अगस्त तक विधायक, सांसद, मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा गया. तीसरे चरण में 11 सितम्बर को प्रदेश के 146 वि. खण्ड और 33 जिला मुख्यालयों में शांति मशाल रैली निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. अब चौथे चरण में 27 सितंबर को जिला मुख्यालयों में विशाल धरना रैली कर कर्मचारी अधिकारी अपनी चार सूत्रीय मांग जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार के समक्ष रख रहे हैं.

विधानसभा चुनाव के समय वादा किया गया था. सांसद विजय बघेल ने कहा था कि सरकार बनने के 90 दिन के भीतर महंगाई भत्ता देंगे, लेकिन ये वादा अब भी अधूरा है. कर्मचारी संगठनों में गुस्सा है. कर्मचारियों के परिवार से अन्य लोग भी जुड़े रहते हैं. इसलिए कर्मचारियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए. कर्मचारी सरकारों को बदलने की ताकत रखते हैं. -जगदीश खरे, संयोजक, अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन

पिछली सरकार ने भी की यही गलती: अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के संयोजक जगदीश खरे ने बताया कि पिछली बघेल की सरकार ने भी यही गलती की थी. हमें महंगाई भत्ता नहीं दिया. राज्य भर के 5 लाख अधिकारी और कर्मचारियों के लगभग 6000 करोड़ रुपए का एरियस पिछले सरकार ने दबा रखा था. वर्तमान सरकार में भी यही हो रहा है. हमें महंगाई भत्ते का लाभ नहीं मिल रहा है. जब-जब केंद्र में महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है. तब राज्यों में भी कर्मचारियों को इसका लाभ मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.

छत्तीसगढ़ में कलम बंद हड़ताल, डीए एरियर समेत चार सूत्रीय मांगें - Strike For DA arrears
डीए एरियर को लेकर कर्मचारी संघ का हल्लाबोल,आज काम बंद - Employees union Protest
डीए एरियर को लेकर सड़क पर उतरा अधिकारी कर्मचारी संघ, मशाल रैली निकालकर याद दिलाया वादा - DA Arrears Demand
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