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तुंगनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार को मिली सैद्धांतिक मंजूरी, नए स्वरूप में नजर आएगा धाम - Tungnath Temple Renovation Work

Tungnath Temple Renovation Work Approval दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर में शुमार और चंद्रशिला की तलहटी में विराजमान तृतीय केदार तुंगनाथ धाम जल्द ही नए स्वरूप में नजर आएगा. सरकार ने तुंगनाथ के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण और आवश्यक सुरक्षात्मक कार्यों की मंजूरी दे दी है, लेकिन इसके लिए तमाम शर्तों का भी पालन करना होगा.

Tungnath Dham Uttarakhand
तृतीय केदार तुंगनाथ धाम (फोटो सोर्स- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 30, 2024, 7:07 PM IST

रुद्रप्रयाग: विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित तृतीय केदार के नाम से विख्यात पौराणिक शिव मंदिर तुंगनाथ के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण और आवश्यक सुरक्षात्मक कार्यों के लिए प्रदेश सरकार ने तमाम शर्तों के साथ सैद्धांतिक सहमति दे दी है. बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है.

बता दें कि बीते साल बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के महानिदेशक एक पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने समुद्र तल से 11,942 फीट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण समेत आवश्यक सुरक्षात्मक कार्यों को कराने के लिए तकनीकी परामर्श उपलब्ध कराने का आग्रह किया था. जिस पर दोनों विभागों के विशेषज्ञों ने तुंगनाथ मंदिर का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट बीकेटीसी को सौंपी थी.

तुंगनाथ धाम के जीर्णोद्धार को लेकर मिली सैद्धांतिक सहमति: अब दोनों विभागों के वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के बाद बीकेटीसी ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की से भी इस संबंध में राय मांगी है. वहीं, बीते दिनों सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिकों तुंगनाथ मंदिर का भ्रमण भी किया था. उनकी रिपोर्ट भी जल्दी ही बीकेटीसी को मिल जाएगी. इस बीच बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शासन को एएसआई और जीएसआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए तुंगनाथ मंदिर के संरक्षण कार्यों के लिए सैद्धांतिक सहमति देने का अनुरोध किया.

सीबीआरआई रुड़की करेगी जीर्णोद्धार का काम: वहीं, इस पर उत्तराखंड के सचिव धर्मस्व और संस्कृति हरिचंद्र सेमवाल ने बीकेटीसी को पत्र लिखकर इसकी अनुमति प्रदान कर दी है. शासन ने मंदिर की पौराणिकता को देखते हुए इसकी विस्तृत योजना रिपोर्ट (डीपीआर) और सभी काम सीबीआरआई रुड़की से संपादित कराने के निर्देश दिए हैं. शासन ने ये भी निर्देश दिए कि पूरे काम एएसआई और जीएसआई के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए किए जाएंगे.

तुंगनाथ धाम की मान्यता: तुंगनाथ मंदिर या धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. जो पंच केदारों में तृतीय केदार है. तुंगनाथ धाम में भगवान शिव के बाहु और हृदय भाग की पूजा की जाती है. मान्यता है कि पांडवों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस मंदिर को स्थापित किया था. तुंगनाथ धाम के कपाट भी चारधाम की तरह शीतकाल में बंद कर दिए जाते हैं. इस बार 10 मई को भगवान तुंगनाथ के कपाट खुले थे.

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बता दें कि बीते साल बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के महानिदेशक एक पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने समुद्र तल से 11,942 फीट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण समेत आवश्यक सुरक्षात्मक कार्यों को कराने के लिए तकनीकी परामर्श उपलब्ध कराने का आग्रह किया था. जिस पर दोनों विभागों के विशेषज्ञों ने तुंगनाथ मंदिर का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट बीकेटीसी को सौंपी थी.

तुंगनाथ धाम के जीर्णोद्धार को लेकर मिली सैद्धांतिक सहमति: अब दोनों विभागों के वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के बाद बीकेटीसी ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की से भी इस संबंध में राय मांगी है. वहीं, बीते दिनों सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिकों तुंगनाथ मंदिर का भ्रमण भी किया था. उनकी रिपोर्ट भी जल्दी ही बीकेटीसी को मिल जाएगी. इस बीच बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शासन को एएसआई और जीएसआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए तुंगनाथ मंदिर के संरक्षण कार्यों के लिए सैद्धांतिक सहमति देने का अनुरोध किया.

सीबीआरआई रुड़की करेगी जीर्णोद्धार का काम: वहीं, इस पर उत्तराखंड के सचिव धर्मस्व और संस्कृति हरिचंद्र सेमवाल ने बीकेटीसी को पत्र लिखकर इसकी अनुमति प्रदान कर दी है. शासन ने मंदिर की पौराणिकता को देखते हुए इसकी विस्तृत योजना रिपोर्ट (डीपीआर) और सभी काम सीबीआरआई रुड़की से संपादित कराने के निर्देश दिए हैं. शासन ने ये भी निर्देश दिए कि पूरे काम एएसआई और जीएसआई के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए किए जाएंगे.

तुंगनाथ धाम की मान्यता: तुंगनाथ मंदिर या धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. जो पंच केदारों में तृतीय केदार है. तुंगनाथ धाम में भगवान शिव के बाहु और हृदय भाग की पूजा की जाती है. मान्यता है कि पांडवों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस मंदिर को स्थापित किया था. तुंगनाथ धाम के कपाट भी चारधाम की तरह शीतकाल में बंद कर दिए जाते हैं. इस बार 10 मई को भगवान तुंगनाथ के कपाट खुले थे.

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