भोपाल: मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों से उनकी संपत्तियों के साथ एक और नई जानकारी मांगी गई है. कर्मचारियों से आधार कार्ड के बाद अब उनकी समग्र आईडी भी मांगी जा रही है. कर्मचारियों की सभी संपत्तियों और उनके ट्रेजरी एकाउंट से समग्र आईडी को जोड़ा जाएगा. इसके लिए सरकारी कर्मियों को फरवरी माह तक का समय दिया गया है. कर्मचारियों को फरवरी तक समग्र आईडी बनाकर उसे विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं आमलोगों को भी अब प्रॉपर्टी और वाहन खरीदते समय समग्र आईडी की जानकारी देनी होगी.
प्रॉपर्टी और वाहन खरीदते समय समग्र अनिवार्य
यदि आप कोई प्रॉपर्टी या वाहन खरीदने जा रहे हैं तो सिर्फ आधार कार्ड से काम नहीं चलेगा. लोगों को जल्द ही आधार कार्ड के साथ समग्र आईडी भी लेकर जाना होगा. राज्य सरकार ने सभी सरकारी कामकाज और दूसरी सरकारी योजनाओं में समग्र आईडी को अनिवार्य कर दिया है. इसलिए यदि आपने अब तक समग्र आईडी नहीं बनवाया है तो जल्द बनवा लें. क्योंकि सरकार से जुड़ी तमाम योजनाओं का लाभ लेने के लिए इसका होना जरूरी होने जा रहा है.
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इसकी शुरुआत पंजीयन विभाग और परिवहन विभाग से की जा रही है. इसको लेकर निर्देश जारी कर दिए गए हैं. अभी कोई प्रॉपर्टी खरीदते वक्त सिर्फ आधार कार्ड नंबर देना होता है, लेकिन अब संपत्ति में आधार कार्ड के साथ समग्र आईडी भी जोड़ा जाएगा. इस तरह सभी संपत्तियों को आधार कार्ड के अलावा समग्र आईडी से भी जोड़ा जाएगा. इसके अलावा नए वाहन खरीदने के बाद इसके पंजीयन के दौरान भी आधार कार्ड के अलावा समग्र आईडी नंबर भी इसमें डाला जाएगा. जल्द ही इसके लिए रजिस्ट्रेशन के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में बदलाव किया जाएगा.
सभी हितग्राहियों को समग्र से जोड़ा जाएगा
परिवहन और पंजीयन विभाग के अलावा सभी सरकारी कामकाज और सरकारी योजनाओं के लिए समग्र आईडी को अनिवार्य किए जाने की तैयारी की जा रही है. यानी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार की तरह समग्र आईडी को भी जरूरी किया जा रहा है. इसके लिए सभी नगरीय निकायों और पंचायत स्तर तक कैंप लगाकर समग्र आईडी बनाए जाएंगे. सबसे पहले इसकी शुरुआत स्कूलों से की गई थी. स्कूलों के बाद अब इसे बाकी योजनाओं से भी जोड़ा जा रहा है. अभी समग्र आईडी सभी नगरीय निकायों में नगर निगम वार्ड कार्यालय में बनाए जाने की व्यवस्था की गई है.
समग्र आईडी के मामले में भोपाल और इंदौर पीछे
जानकारी के मुताबिक भोपाल और इंदौर जिले में अभी बड़ी संख्या में लोगों ने समग्र आईडी नहीं बनवाए हैं. भोपाल में 45 लाख और इंदौर में 67 लाख लोगों में से 26 फीसी लोगों ने ही समग्र आईडी बनवाई है. हालांकि आदिवासी क्षेत्रों में 75 फीसदी लोगों ने आधार कार्ड बनवाए हैं. समग्र आईडी के मामले में छिंदवाड़ा, बालाघाट और मंदसौर सबसे आगे हैं. प्रदेश में 10 करोड़ की आबादी में से सिर्फ 4 करोड़ लोगों ने ही समग्र बनवाए हैं.