देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बजने में अब कुछ दिन बचे हैं. लोकसभा चुनाव की तिथियों का ऐलान होने के बाद आचार संहिता लग जाएगा. ऐसे में आचार संहिता लगने के बाद कोई भी सरकार किसी तरह की योजना का उद्घाटन या शिलान्यास नहीं कर पाएंगे. न ही जनता को लुभाने और दिखाने के लिए तब तक कोई फैसला नहीं ले सकेंगे, जब तक नई सरकार का गठन नहीं हो जाता. लिहाजा, आचार संहिता लगने से पहले उत्तराखंड में विकास और घोषणा की झड़ी लगनी शुरू हो गई है.
चुनावी मोड़ में आई सरकार: केंद्र सरकार आचार संहिता लगने से पहले राज्य में कई तरह की योजनाओं की आधारशिला रख रही है तो वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी हर एक दिन कोई न कोई ऐसा काम कर रहे हैं या यूं कहें कि अब जनता को अपनी ओर खींचने के लिए हर वो प्रयास कर रही है, जो आचार संहिता लगने से पहले वो कर सकती है.
उत्तराखंड में एक के बाद एक विभागों में नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे हैं तो वहीं, कई नए और पुराने कामों को लेकर पैसे भी जारी किए जा रहे हैं. इसी तरह से केंद्र सरकार भी रेल मार्ग से लेकर हवाई मार्ग तक के कामों को धड़ाधड़ हरी झंडी दिखाकर राज्य में जनता को अपनी ओर खींचना का प्रयास करने में लगी हुई है. आने वाले दिनों में घोषणा, आधारशिला, शिलान्यास, उद्घाटन जैसे कार्यक्रमों की संख्या और भी बढ़ने की संभावना हैं.
एक के बाद एक भर्ती की नियुक्ति पत्र बांट रही सरकार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी आचार संहिता लगने से पहले तमाम विभागों में नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं. बीती 2 मार्च को जहां सीएम धामी ने कारागार से जुड़े 300 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र बांटे और खाली पड़े पदों पर सीधे उनकी तैनाती की तो वहीं इससे पहले 1 मार्च को भी 35 सहायक समाज कल्याण अधिकारियों को नियुक्ति पत्र बांटे गए.
इसके साथ ही सरकार ने 125 करोड़ रुपए पेंशन भी इसी दिन जारी किए. वहीं, बीती 23 फरवरी को ही मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कृषि विभाग में सहायक लेखाकार के पदों पर चयनित 67 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे थे. इससे पहले 22 फरवरी को भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से 852 वनरक्षकों और 104 सहायक लेखाकारों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए.
उत्तराखंड के लिए केंद्र ने भी खोला पिटारा: पिछले हफ्ते ही विधानसभा सत्र के दौरान सरकार ने 40 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट टनकपुर-काशीपुर और कोटद्वार रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए जारी किए. ऐसा नहीं है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही आचार संहिता लगने से पहले सभी रुके हुए कामों को पूरा कर देना चाहते हैं. बल्कि, केंद्र सरकार भी नहीं योजनाएं आचार संहिता लगने से पहले राज्य में लागू कर रही है.
फरवरी महीने में ही केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तराखंड की 239 किलोमीटर सड़क के नवीनीकरण के लिए 259.00 करोड़ रुपए की धनराशि मंजूर की. इससे पौड़ी, अल्मोड़ा, टिहरी और नैनीताल की सड़कों का कायाकल्प होगा. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने 670 पैक्स के कंप्यूटरीकरण के लिए 13 करोड़ 47 लाख 88 हजार 610 रुपए की धनराशि राज्य को भेजी है.
सड़क से लेकर हवाई मार्ग तक के काम में लगे पंख: फरवरी महीने के अंत में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के नैनी सैनी एयरपोर्ट के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 42 सीटर विमान संचालन की मंजूरी दी. केंद्र और राज्य सरकार चाहती है कि उत्तराखंड में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिले. इसके साथ ही फरवरी महीने के ही अंत में केंद्र सरकार ने टनकपुर देहरादून के लिए नई ट्रेन संचालन की स्वीकृति भी प्रदान की है.
यह काम सालों से अटका हुआ था. काशीपुर और धामपुर के बीच 58 किलोमीटर की रेल लाइन सर्वे को मंजूरी भी केंद्र सरकार की तरफ से मिल गई है. इसके साथ ही पिछले हफ्ते ही पीएम मोदी ने राज्य में कई स्वास्थ्य से जुड़ी योजना का भी शुभारंभ भी किया है. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार इसी प्रयास में है कि लोकसभा चुनाव से पहले किसी तरह से राज्य के लिए रुकी हुई योजनाओं और परियोजनाओं को केंद्र सरकार से हरी झंडी मिल जाए.
इसी के साथ ही राज्य सरकार भी उन तमाम रुके हुए कामों को पूरा करने के लिए लगी हुई है, जो कैबिनेट में तो पास हुए हैं, लेकिन धरातल पर अब तक नहीं उतर पाए हैं. बीते दिनों विधानसभा सत्र के दौरान भी कई ऐसे विधेयक पास हुए हैं, जो कई बार कैबिनेट में चर्चा का विषय बने हैं. ऐसे में इन्हें धरातल पर भी उतारने की कवायद की जा रही है.
कांग्रेस बोली-सब चुनावी घोषणा: सरकार के इन कामों को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी कहती हैं कि ये सिर्फ अभी कोरी घोषणाएं है. इस तरह की घोषणा चुनाव से पहले बीजेपी खूब करती है. अभी नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है. ऐसा न हो कि चुनावों के बाद ये लोग धरने पर न बैठे दिखाई दें. रही बात केंद्र की प्रदेश के लिए घोषणा की तो ये सब चुनावी शिगूफा हैं और कुछ नहीं.
कांग्रेस को पसंद नहीं जनता का विकास: वहीं, बीजेपी प्रवक्ता मनवीर सिंह चौहान कहते हैं कि कांग्रेस को हर विकास और अच्छे काम में बुराई ही नजर आती है. धामी सरकार लगातार काम कर रही है और जनता ये सब देख रही है, कौन सरकार नहीं चाहती कि आचार संहिता से पहले रुके हुए काम जल्दी कर लिए जाएं. यही काम हमारी सरकार भी कर रही है.
चुनाव के वक्त हर सरकार करती है यही काम: राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा कहते हैं कि आचार संहिता से पहले सभी सरकार इस तरह से काम करती हैं, यह हमेशा से होता आया है. सरकारें इसी दिन के लिए घोषणाएं और कामों को रोक कर रखती हैं, ताकि वोटिंग से पहले ये सब काम किए जाएं. इससे जनता को लगता है कि सरकार ने काम किया है.
सरकार आचार संहिता लगने के बाद कोई भी नया पुराना काम और घोषणा नहीं कर सकती है. इसलिए ये सब काम अब तेजी से किए जाते है. और यही सब सरकारें कर रही हैं, चाहे वो केंद्र हो या किसी भी राज्य की सरकारे. अभी संभावना यही है कि आचार संहिता लगने में करीब 20 से 25 दिन का वक्त है. ऐसे में राज्य में इनदिनों और भी तेजी से इस तरह के काम होते हुए जनता को दिखेंगे.
केंद्र से लेकर राज्य तक की सरकार वो सभी काम इन चुनावों के मतदान से पहले कर लेना चाहेगी, जो बीती सरकारों में या रुके रहे या ध्यान नहीं दिया गया. इसके साथ ही कुछ नए और कुछ ऐसे काम भी राज्य में होते दिखाई देंगे, जो जनता के हित में होंगे. बस यही उम्मीद है कि सभी काम धरातल पर उतरें और जितनी तेजी से इन कामों की घोषणा की, उतनी तेजी से इसके लिए पैसे भी जारी हों.
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