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उत्तराखंड शीतकालीन चारधाम यात्रा: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के बाद BKTC और सरकार ने भी दिखाई गंभीरता

उत्तराखंड सरकार शीतकालीन गद्दी स्थलों पर चारधाम यात्रा शुरू करने का प्रयास कर रही है. इसके लिए मूलभूत सुविधाओं पर कार्य किए जा रहे हैं.

UTTARAKHAND WINTER CHARDHAM YATRA
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के बाद BKTC और सरकार भी दिखाई गंभीरता (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 24, 2024, 3:35 PM IST

Updated : Nov 24, 2024, 3:50 PM IST

देहरादूनः ज्योतिर्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने हाल ही में शीतकाल चारधाम यात्रा के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था. जिसके बाद अब बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति और उत्तराखंड सरकार द्वारा भी शीतकालीन यात्रा को लेकर गंभीरता दिखाई जा रही है. दरअसल हाल ही में देहरादून में आयोजित एक धर्मसभा में ज्योतिर्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बेहद जोर देकर मुद्दे को उठाया था.

धर्मसभा में उन्होंने कहा था, 'लोगों में अब यह भ्रांतियां बन रही है कि कपाट बंद होने के बाद भगवान भी दर्शन नहीं देते हैं. इस धारणा को समाप्त करने की जरूरत है. उत्तराखंड में मौजूद चारों धामों में भगवान के कपाट बंद होने का मतलब यह नहीं है कि कपाट खुलने तक भगवान दर्शन नहीं देंगे. यह केवल भगवान के दर्शन देने के स्थल हैं. कपाट बंद होने के बाद वह अपने दूसरे स्थान पर चले जाते हैं. जहां उनका आशीर्वाद उतना ही प्रबल रहता है'.

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के बाद BKTC और सरकार ने भी दिखाई गंभीरता (VIDEO- ETV Bharat)

उन्होंने कहा था कि केदारनाथ-बदरीनाथ धाम के साथ-साथ गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में भी शीतकाल में भगवान की डोली और पूजा अर्चना अन्य जगहों पर होती है. इन जगहों को लेकर लोगों में जन जागरूकता की जरूरत है. जिस पर उन्होंने खुद भी 16 दिसंबर से अपनी शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की घोषणा की है.

वहीं अब बदरीनाथ-केदारनाम मंदिर समिति (बीकेटीसी) और उत्तराखंड सरकार भी शीतकालीन यात्रा को लेकर गंभीर नजर आ रही है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि यह राज्य सरकार के लिए सीधे तौर पर तीर्थ स्थान और पर्यटन से जुड़ा विषय है.

इस संबंध में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि सरकार शीतकालीन गद्दी स्थलों पर चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए मूलभूत विकास अवस्थापना के लिए कार्य कर रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पहले चरण के कई कार्य पूर्ण होने की ओर हैं. जैसे ही सरकार के द्वारा मूलभूत अवस्थापना कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा. उसके बाद शीतकालीन यात्रा पर सरकार जल्द फैसला लेगी.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में पहली बार शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गंगा पूजन से किया शुभारंभ

देहरादूनः ज्योतिर्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने हाल ही में शीतकाल चारधाम यात्रा के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था. जिसके बाद अब बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति और उत्तराखंड सरकार द्वारा भी शीतकालीन यात्रा को लेकर गंभीरता दिखाई जा रही है. दरअसल हाल ही में देहरादून में आयोजित एक धर्मसभा में ज्योतिर्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बेहद जोर देकर मुद्दे को उठाया था.

धर्मसभा में उन्होंने कहा था, 'लोगों में अब यह भ्रांतियां बन रही है कि कपाट बंद होने के बाद भगवान भी दर्शन नहीं देते हैं. इस धारणा को समाप्त करने की जरूरत है. उत्तराखंड में मौजूद चारों धामों में भगवान के कपाट बंद होने का मतलब यह नहीं है कि कपाट खुलने तक भगवान दर्शन नहीं देंगे. यह केवल भगवान के दर्शन देने के स्थल हैं. कपाट बंद होने के बाद वह अपने दूसरे स्थान पर चले जाते हैं. जहां उनका आशीर्वाद उतना ही प्रबल रहता है'.

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के बाद BKTC और सरकार ने भी दिखाई गंभीरता (VIDEO- ETV Bharat)

उन्होंने कहा था कि केदारनाथ-बदरीनाथ धाम के साथ-साथ गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में भी शीतकाल में भगवान की डोली और पूजा अर्चना अन्य जगहों पर होती है. इन जगहों को लेकर लोगों में जन जागरूकता की जरूरत है. जिस पर उन्होंने खुद भी 16 दिसंबर से अपनी शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की घोषणा की है.

वहीं अब बदरीनाथ-केदारनाम मंदिर समिति (बीकेटीसी) और उत्तराखंड सरकार भी शीतकालीन यात्रा को लेकर गंभीर नजर आ रही है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि यह राज्य सरकार के लिए सीधे तौर पर तीर्थ स्थान और पर्यटन से जुड़ा विषय है.

इस संबंध में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि सरकार शीतकालीन गद्दी स्थलों पर चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए मूलभूत विकास अवस्थापना के लिए कार्य कर रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पहले चरण के कई कार्य पूर्ण होने की ओर हैं. जैसे ही सरकार के द्वारा मूलभूत अवस्थापना कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा. उसके बाद शीतकालीन यात्रा पर सरकार जल्द फैसला लेगी.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में पहली बार शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गंगा पूजन से किया शुभारंभ

Last Updated : Nov 24, 2024, 3:50 PM IST
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