लखनऊ : उत्तर प्रदेश में करीब 60000 कर्मचारियों (UP Government Employees) ने मानव संपदा पोर्टल (Manav Sampada Portal) पर अब तक अपनी चल अचल संपत्ति का विवरण नहीं दिया है. इस संबंध में मुख्य सचिव ने उत्तर प्रदेश के सभी विभागों के प्रमुखों को एक बार फिर से ताकीद की है कि अगर उन्होंने अपनी संपत्ति का विवरण 30 सितंबर तक नहीं दिया तो उनको सितंबर माह का वेतन नहीं दिया जाएगा न केवल ऐसे कर्मचारी बल्कि उनके प्रभारी का वेतन भी रोकने का आदेश दिया गया है.
कार्रवाई की तलवार लटक रहीः ऐसे में 20 लाख में से इन 60000 डिफाल्टर कर्मचारियों के सिर पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. वेतन रोकने के अतिरिक्त क्या एक्शन लिया जाएगा फिलहाल अभी शासन ने इस संबंध में कुछ भी तय नहीं किया है. माना जा रहा है कि जो कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देंगे, उन पर आगे और कड़े एक्शन लिए जा सकते हैं.
- यूपी के इस सरकारी विभाग में 18 हजार से कम सैलरी नहीं, योगी सरकार की सौगात, कुछ शर्तें भी
तीन प्रतिशत नहीं दर्ज कर पाए ब्योराः कार्मिक एवं नियुक्ति विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के 20 लाख में से करीब तीन प्रतिशत कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का विवरण अभी भी मानव संपदा पोर्टल पर नहीं दर्ज कराया है. लोक निर्माण विभाग का उदाहरण दिया जाए तो पूरे प्रदेश से सूचना शुक्रवार तक अपडेट की गई थी उसमें 43 सौ कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल अचल संपत्ति नहीं बताई है. इस विभाग के उत्तर प्रदेश में करीब 30000 कर्मचारी हैं. मनोज कुमार सिंह के आदेश को लेकर कहा जा रहा है कि सोमवार के दिन बड़ी संख्या में कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्योरा दर्ज करेंगे.