गोरखपुर : मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) के खाते में मंगलवार को एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रायोजित और आईआईटी खडगपुर द्वारा संचालित, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी क्लब की विश्वविद्यालय ने सदस्यता हासिल कर ली है. विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अब नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी में उपलब्ध 11 भाषाओें की चार करोड़ से अधिक संबंधित पाठ्य सामाग्री का अध्ययन ऑनलाइन कर सकेगें.
इसके लिए आईआईटी खडगपुर ने विश्वविद्यालय को आईडी और पासवर्ड भी उपलब्ध करा दिया है. विश्वविद्यालय परिसर स्थित पुस्तकालय के पुस्तकालय अध्यक्ष डीएम पांडेय ने डॅा0 सुधीर नरायण सिंह, क्लब के अन्य कार्यकारी सदस्य, डॉ. आर के द्विवेदी, डॉ. प्रदीप मूले और डॉ. रवि गुप्ता के साथ नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी से प्राप्त प्रमाण पत्र कुलपति प्रो. जेपी सैनी को सौंपा.
विवि के नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी क्लब के अध्यक्ष डा0 सुधीर नरायण सिंह ने बताया की क्लब की सदस्यता हासिल करने का मानक पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय में ट्रेनिंग सेशन वेबिनार और व्याख्यान गोष्ठी जैसे करीब एक दर्जन आयोजन किये गए.
लाइब्रेरी में विभिन्न भाषओं और विषयों से संबंधित पाठ्य सामाग्री उपलब्ध
क्लब के सचिव पुस्तकालयाध्यक्ष डीएम पांडेय ने बताया कि उक्त पोर्टल पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित प्रश्नोत्त्तर, पुस्तकें, पत्रिकाएँ, आटोबायोग्रॅफी, पाण्डुलिपियाँ, वीडियो लेक्चर और डॉक्यूमेंट्री शोध रिपोर्ट सहित इंजीनियरिंग, विज्ञान, मानविकी, साहित्य, कानून और प्रबंधन आदि विषयों से संबंधित पाठ्य सामाग्री उपलब्ध है. इसके अलावा राष्ट्रीय और अर्न्तराष्ट्रीय समाचार पत्र भी विभिन्न भाषओं में भी उवलब्ध हैं.
इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो0 जेपी सैनी ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थान के सभी छात्र/छात्राएं, अब करोड़ों की संख्या में अपने लिए जरूरी अधिकतम पाठय सामाग्री नि:शुल्क प्राप्त कर सकेगें. विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण प्रकाशकों के ई-बुक्स व अंतराष्ट्रीय स्तर के ई-जर्नल भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं, जो शोध कार्यों के लिए भी बहुत ही उपयागी है.
पुस्तकालय अध्यक्ष डीएम पांडेय ने बताया
आई ट्रिपल ई , एसीएम डिजिटल, स्प्रिंगर, गेल सिंगेज, के ई जर्नल्स एवं जे गेट के डेटा बेस भी इस लाइब्रेरी में उपलब्ध है. इसके रीडिंग हाल सहित सभी जगहों की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी भी की जाती है. पुस्तकालय को डेलनेट की भी मेंबरशिप है जिससे डेटा बेस सहित इंटर लाइब्रेरी लोन की सुविधा भी इसमें उपलब्ध है. ज्ञान सिंधु डिजिटल लाइब्रेरी जिसके माध्यम से रिमोट एक्सेस फैसिलिटी भी इसमें उपलब्ध कराई जाती है. स्टूडेंट्स कैंपस के बाहर वर्ल्ड के किसी भी कोने में किसी भी टाइम ए यूनिवर्सिटी द्वारा क्रय की गई, ई रिसोर्स को डाउनलोड कर सकते हैं. जिसका उदघाटन मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया था.
पुस्तकों की संख्या 1 लाख 22 हजार के लगभग
पुस्तकालय में इंजीनियरिंग आदि पुस्तकों के अतिरिक्त सभी धर्मों की पुस्तके भी उपलब्ध हैं. बायोग्राफी, पर्सनेलिटी डेवलपमेंट सहित हिंदी इंग्लिश साहित्य की पुस्तकें और विश्वकोश उपलब्ध हैं. कुल 1 लाख 22 हजार के लगभग पुस्तकें यहां उपलब्ध हैं. रेयर कलेक्शन में वर्ष 1904 तक के प्रिंट जर्नल बॉन्डिंग कराके सुरक्षित हैं. प्रदेश में राज्य विश्वविद्यालय एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में सबसे पहले इस लाइब्रेरी का ऑटोमेशन हुआ था.
इन्फ्लूबनेट गांधीनगर गुजरात के प्रोजेक्ट शोध गंगा, शोध गंगोत्री व ई शोध सिंधु की मेंबरशिप भी इसे प्राप्त है. विभिन्न नेशनल व इंटरनेशनल लेवल के ए जर्नल एवम् डेटाबेस भी पुस्तकालय में उपलब्ध हैं. पूरी लाइब्रेरी वाईफाई से युक्त है. जिसमें 9 करोड़ से ऊपर के रीडिंग मटेरियल उपलब्ध हैं. ई लाइब्रेरी सेक्शन में पियरसन इंडिया, मैकग्राहिल, न्यू एज इंटरनेशन, विली, स्प्रिंगर आदि के ई बुक्स पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि यह उपलब्धियां विश्वविद्यालय की इस लाइब्रेरी को नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी का सदस्य बनने में अहम भूमिका निभाई हैं जिससे छात्रों का बड़ा फायदा होगा.
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