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गोरखपुर में 5500 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित होगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, 17 गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण

Industrial Corridor in Gorakhpur : सरकार की मंशा यहां बड़े उद्योग लगाने के साथ इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर के रूप में विकसित कर करने की है.

औद्योगिक विकास प्राधिकरण गोरखपुर की पहल.
औद्योगिक विकास प्राधिकरण गोरखपुर की पहल. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 10 hours ago

गोरखपुर : औद्योगिक विकास प्राधिकरण गोरखपुर (गीडा) ने गोरखपुर के दक्षिणांचल में योगी सरकार की मंशा के अनुरूप औद्योगिक विकास कराने के लिए प्रयासरत है. इस कड़ी में 5500 एकड़ में प्रस्तावित धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है. इसके तहत 17 गांवों की अनुपजाऊ जमीनों का अधिग्रहण करने के सिलसिले में अब तक 500 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है. दावा है कि यह कॉरिडोर पूर्वांचल के सबसे बड़े इंडस्ट्रियल लैंड बैंक वाला होगा. सरकार की मंशा यहां बड़े उद्योगों का जाल बिछाने के साथ इसे इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर के रूप में विकसित कर करने की है.

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) जल्द ही इस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के पहले चरण को लांच कर देना चाहता है. पहले चरण में सकरदेईया, हरपुर और काश्तकारी गांवों में करीब 1600 एकड़ भूमि अर्जित होनी है. जिसमें गीडा 500 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर चुका है. इस कॉरिडोर को बसाने के लिए जिन 17 गांवों में जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा.



बता दें, बीते सात साल में देश-दुनिया के कई निवेशकों का गोरखपुर की तरफ रुझान बढ़ा है. इसे देखते हुए सीएम योगी के मार्गदर्शन में धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का मास्टर प्लान फाइनल है. बस इसे शासन से अनुमोदन मिलने का इंतजार है. धुरियापार क्षेत्र में जमीनों का एक हिस्सा ऊसर प्रकृति का है. इससे किसानों को अनुपजाऊ भूमि का भरपूर मूल्य प्राप्त होगा और ऊसर धरती पर औद्योगिक विकास के माध्यम से रोजगार और खुशहाली की फसल लहलहाएगी. इस कॉरिडोर का विकास चरणबद्ध तरीके से किया जाना है. मास्टर प्लान के मुताबिक कुल क्षेत्रफल में 32.04 प्रतिशत क्षेत्र औद्योगिक, 19.39 प्रतिशत आवासीय, 6.51 प्रतिशत पीएसपी, 4.21 प्रतिशत व्यावसायिक, 15.70 प्रतिशत हरित-खुला क्षेत्र, 2.32 प्रतिशत मिश्रित, 4.17 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट सुविधाओं के लिए प्रस्तावित है.

गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनुज मलिक बताती हैं कि धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भूमि अर्जन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है. मूर्त रूप में आने के बाद यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर धुरियापार समेत समूचे गोरखपुर दक्षिणांचल के लिए गेम चेंजर साबित होगा. धुरियापार की पहचान अति पिछड़े क्षेत्र के रूप में रही है, लेकिन आने वाले दिनों में इसकी ख्याति गोरखपुर के नए औद्योगिक क्षेत्र के गेटवे के रूप में होगी. सरकार धुरियापार क्षेत्र को ग्रेटर गीडा बनाने की तैयारी कर रही है. औद्योगिक विकास के साथ ही यहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.



इन गांवों की जमीनों का होगा अधिग्रहण : बाथ बुजुर्ग, बाथ खुर्द, भिसमपट्टी, चाडी, धौरहरा, दिघरूआ, दोदापार, दुबरीपुरा, गजपुर, गौरखास, हरपुर, काश्तकाशी नायक, मठदुर्वाशा, नारायण खुर्द, परसा बुजुर्ग, पुरादयाल और सकरदेइया.


शानदार रोड और रेल कनेक्टिविटी : यह कॉरिडोर रोड और रेल कनेक्टिविटी के लिहाज से उद्योगों के लिए काफी मुफीद साबित होगा. यह क्षेत्र गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ा है. साथ ही सहजनवा से दोहरीघाट तक प्रस्तावित नई रेल लाइन परियोजना भी यहां से गुजर रही है. ऐसे में यहां बड़े उद्योगों के लिए पृथक से रेलवे साइडिंग दिए जाने की भी व्यवस्था होगी. उद्योगों के लिए कच्चा माल मंगाना और तैयार माल भेजना काफी सुविधाजनक होगा.


धुरियापार की बंद पड़ी चीनी मिल के कुछ हिस्से में इंडियन ऑयल की तरफ से कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट लगाया जा चुका है. इस प्लांट के बाद धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के मूर्त रूप में आने के बाद इस क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा. इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में लगने वाले उद्योगों से करीब 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार सुलभ होगा. गीडा की सीईओ अनुज मलिक के अनुसार धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए निवेश प्रस्ताव आने शुरू हो गए हैं. अडानी समूह और जेके ग्रुप ने इस कॉरिडोर में सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए क्रमशः 65 और 50 एकड़ जमीन की मांग की है. इसके अलावा कई अन्य औद्योगिक समूह यहां निवेश में रुचि दिखा रहे हैं.

यह भी पढ़ें : पूर्वांचल में रोजगार के नए अवसर: कोका कोला, पेप्सिको, लुलु मॉल और किर्लोस्कर लगाएंगे इंडस्ट्री, पढ़िए-क्या है प्लान

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गोरखपुर : औद्योगिक विकास प्राधिकरण गोरखपुर (गीडा) ने गोरखपुर के दक्षिणांचल में योगी सरकार की मंशा के अनुरूप औद्योगिक विकास कराने के लिए प्रयासरत है. इस कड़ी में 5500 एकड़ में प्रस्तावित धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है. इसके तहत 17 गांवों की अनुपजाऊ जमीनों का अधिग्रहण करने के सिलसिले में अब तक 500 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है. दावा है कि यह कॉरिडोर पूर्वांचल के सबसे बड़े इंडस्ट्रियल लैंड बैंक वाला होगा. सरकार की मंशा यहां बड़े उद्योगों का जाल बिछाने के साथ इसे इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर के रूप में विकसित कर करने की है.

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) जल्द ही इस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के पहले चरण को लांच कर देना चाहता है. पहले चरण में सकरदेईया, हरपुर और काश्तकारी गांवों में करीब 1600 एकड़ भूमि अर्जित होनी है. जिसमें गीडा 500 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर चुका है. इस कॉरिडोर को बसाने के लिए जिन 17 गांवों में जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा.



बता दें, बीते सात साल में देश-दुनिया के कई निवेशकों का गोरखपुर की तरफ रुझान बढ़ा है. इसे देखते हुए सीएम योगी के मार्गदर्शन में धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का मास्टर प्लान फाइनल है. बस इसे शासन से अनुमोदन मिलने का इंतजार है. धुरियापार क्षेत्र में जमीनों का एक हिस्सा ऊसर प्रकृति का है. इससे किसानों को अनुपजाऊ भूमि का भरपूर मूल्य प्राप्त होगा और ऊसर धरती पर औद्योगिक विकास के माध्यम से रोजगार और खुशहाली की फसल लहलहाएगी. इस कॉरिडोर का विकास चरणबद्ध तरीके से किया जाना है. मास्टर प्लान के मुताबिक कुल क्षेत्रफल में 32.04 प्रतिशत क्षेत्र औद्योगिक, 19.39 प्रतिशत आवासीय, 6.51 प्रतिशत पीएसपी, 4.21 प्रतिशत व्यावसायिक, 15.70 प्रतिशत हरित-खुला क्षेत्र, 2.32 प्रतिशत मिश्रित, 4.17 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट सुविधाओं के लिए प्रस्तावित है.

गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनुज मलिक बताती हैं कि धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भूमि अर्जन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है. मूर्त रूप में आने के बाद यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर धुरियापार समेत समूचे गोरखपुर दक्षिणांचल के लिए गेम चेंजर साबित होगा. धुरियापार की पहचान अति पिछड़े क्षेत्र के रूप में रही है, लेकिन आने वाले दिनों में इसकी ख्याति गोरखपुर के नए औद्योगिक क्षेत्र के गेटवे के रूप में होगी. सरकार धुरियापार क्षेत्र को ग्रेटर गीडा बनाने की तैयारी कर रही है. औद्योगिक विकास के साथ ही यहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.



इन गांवों की जमीनों का होगा अधिग्रहण : बाथ बुजुर्ग, बाथ खुर्द, भिसमपट्टी, चाडी, धौरहरा, दिघरूआ, दोदापार, दुबरीपुरा, गजपुर, गौरखास, हरपुर, काश्तकाशी नायक, मठदुर्वाशा, नारायण खुर्द, परसा बुजुर्ग, पुरादयाल और सकरदेइया.


शानदार रोड और रेल कनेक्टिविटी : यह कॉरिडोर रोड और रेल कनेक्टिविटी के लिहाज से उद्योगों के लिए काफी मुफीद साबित होगा. यह क्षेत्र गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ा है. साथ ही सहजनवा से दोहरीघाट तक प्रस्तावित नई रेल लाइन परियोजना भी यहां से गुजर रही है. ऐसे में यहां बड़े उद्योगों के लिए पृथक से रेलवे साइडिंग दिए जाने की भी व्यवस्था होगी. उद्योगों के लिए कच्चा माल मंगाना और तैयार माल भेजना काफी सुविधाजनक होगा.


धुरियापार की बंद पड़ी चीनी मिल के कुछ हिस्से में इंडियन ऑयल की तरफ से कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट लगाया जा चुका है. इस प्लांट के बाद धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के मूर्त रूप में आने के बाद इस क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा. इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में लगने वाले उद्योगों से करीब 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार सुलभ होगा. गीडा की सीईओ अनुज मलिक के अनुसार धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए निवेश प्रस्ताव आने शुरू हो गए हैं. अडानी समूह और जेके ग्रुप ने इस कॉरिडोर में सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए क्रमशः 65 और 50 एकड़ जमीन की मांग की है. इसके अलावा कई अन्य औद्योगिक समूह यहां निवेश में रुचि दिखा रहे हैं.

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