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गोरखपुर में ग्रीन बेल्ट जोन के घर होंगे लीगल, बस नक्शा पास कराना होगा; ढाई लाख लोगों को मिलेगा फायदा - Gorakhpur Development Authority

गोरखपुर विकास प्राधिकरण में ऑनलाइन नक्शा पास करने की प्रक्रिया ठप पड़ गई है. ऐसे में गोरखपुर में घर का नक्शा पास करवाने के लिए अब कार्यालयों का चक्कर काटना पड़ेगा.

गोरखपुर विकास प्राधिकरण.
गोरखपुर विकास प्राधिकरण. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 27, 2024, 4:25 PM IST

गोरखपुरः महायोजना 2031 के तहत ग्रीन बेल्ट जोन में बने घरों को अब लीगल करने का फैसला लिया गया है. बस इसके लिए इस क्षेत्र में रह रहे लोगों को नक्शा पास कराना होगा. वहीं, जीडीए का ऑन लाइन नक्शा आवेदन करने का सिस्टम बैठ गया है. जिसे ठीक होने में करीब चार महीने का समय लगेगा. इसकी वजह से कई लोगों के आवेदन फंस भी गये हैं. लोगों की परेशानी को देखते हुए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने ऑफलाइन नक्शे का आवेदन स्वीकार करने का निर्णय लिया है. इससे ग्रीन बेल्ट (विनियमितिकरण) क्षेत्र के लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी.

जीडीए वीसी आनंद वर्धन सिंह (Video Credit; ETV Bharat)

ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में करीब ढाई लाख की आबादी बिना नक्शे के बने आवास में रह रहे हैं. नगर निगम ने जरूरी सुविधाओं को भी विकसित कर रखा है. लेकिन इससे न गोरखपुर विकास प्राधिकरण को कोई फायदा हो रहा था न ही निवास करने वाले लोगों को ही वैधानिकता प्रमाण पत्र मिल रहा था. ऐसे में महायोजना 2031 के तहत इन क्षेत्रों को ग्रीन जोन से बाहर किया गया है और यहां रहने वाले लोगों को नक्शा पास कराना अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में ग्रीन बेल्ट क्षेत्र के साथ अन्य क्षेत्रों के लोगों के आवेदनों की बाढ़ आते ही जीडीए का ऑनलाइन सिस्टम फेल हो गया.

जीडीए वीसी आनंद वर्धन सिंह ने बताया कि ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में मानचित्र को पास करने के लिए बोर्ड ने प्रस्ताव पास कर दिया है. विशेषज्ञ समिति के लिए गठित कर दी गई है. महानगर के करीब 2500 एकड़ क्षेत्रफल में बसे लोगों को अपने घरों का मानचित्र स्वीकृत करने के लिए ऑफलाइन आवेदन करना होगा. इससे होने वाली आय से जीडीए अन्य क्षेत्र में ग्रीन जोन को विकसित करेगा. उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर से लेकर फाइलों तक में विनियमितिकरण के क्षेत्र को लेकर बहुत कुछ डाटा अपलोड नहीं हो पाया है. वहीं, ऑनलाइन तरीके से काम करने की प्रक्रिया भी बाधित हो गई है. इसलिए ऑफलाइन मानचित्र के आवेदन स्वीकार की जाएंगे.

गोरखपुर विकास प्राधिकरण के 126वीं बोर्ड की हुई बैठक में इस पर फैसला लिया गया, जिससे बड़े क्षेत्र की आबादी को लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ समिति अलग-अलग क्षेत्र के हिसाब से मानचित्रो के आवेदन पर निर्णय लेकर अपना फैसला सुनाएगी. इसके आधार पर मानचित्र स्वीकृत होंगे. उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर और अन्य अभिलेखों को अपडेट करने में अभी लंबा समय लगेगा. करीब 4 माह की बाद ही ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी. इस बीच लोगों को आवेदन के लिए कोई परेशानी न हो ऑफलाइन व्यवस्था को शुरू कर दिया गया है.

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में फ्लैट्स-प्लॉट्स की बंपर स्कीम, थ्री-फोर BHK के एक करोड़ तक के घर, जानिए- कब से कर सकेंगे अप्लाई

गोरखपुरः महायोजना 2031 के तहत ग्रीन बेल्ट जोन में बने घरों को अब लीगल करने का फैसला लिया गया है. बस इसके लिए इस क्षेत्र में रह रहे लोगों को नक्शा पास कराना होगा. वहीं, जीडीए का ऑन लाइन नक्शा आवेदन करने का सिस्टम बैठ गया है. जिसे ठीक होने में करीब चार महीने का समय लगेगा. इसकी वजह से कई लोगों के आवेदन फंस भी गये हैं. लोगों की परेशानी को देखते हुए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने ऑफलाइन नक्शे का आवेदन स्वीकार करने का निर्णय लिया है. इससे ग्रीन बेल्ट (विनियमितिकरण) क्षेत्र के लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी.

जीडीए वीसी आनंद वर्धन सिंह (Video Credit; ETV Bharat)

ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में करीब ढाई लाख की आबादी बिना नक्शे के बने आवास में रह रहे हैं. नगर निगम ने जरूरी सुविधाओं को भी विकसित कर रखा है. लेकिन इससे न गोरखपुर विकास प्राधिकरण को कोई फायदा हो रहा था न ही निवास करने वाले लोगों को ही वैधानिकता प्रमाण पत्र मिल रहा था. ऐसे में महायोजना 2031 के तहत इन क्षेत्रों को ग्रीन जोन से बाहर किया गया है और यहां रहने वाले लोगों को नक्शा पास कराना अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में ग्रीन बेल्ट क्षेत्र के साथ अन्य क्षेत्रों के लोगों के आवेदनों की बाढ़ आते ही जीडीए का ऑनलाइन सिस्टम फेल हो गया.

जीडीए वीसी आनंद वर्धन सिंह ने बताया कि ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में मानचित्र को पास करने के लिए बोर्ड ने प्रस्ताव पास कर दिया है. विशेषज्ञ समिति के लिए गठित कर दी गई है. महानगर के करीब 2500 एकड़ क्षेत्रफल में बसे लोगों को अपने घरों का मानचित्र स्वीकृत करने के लिए ऑफलाइन आवेदन करना होगा. इससे होने वाली आय से जीडीए अन्य क्षेत्र में ग्रीन जोन को विकसित करेगा. उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर से लेकर फाइलों तक में विनियमितिकरण के क्षेत्र को लेकर बहुत कुछ डाटा अपलोड नहीं हो पाया है. वहीं, ऑनलाइन तरीके से काम करने की प्रक्रिया भी बाधित हो गई है. इसलिए ऑफलाइन मानचित्र के आवेदन स्वीकार की जाएंगे.

गोरखपुर विकास प्राधिकरण के 126वीं बोर्ड की हुई बैठक में इस पर फैसला लिया गया, जिससे बड़े क्षेत्र की आबादी को लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ समिति अलग-अलग क्षेत्र के हिसाब से मानचित्रो के आवेदन पर निर्णय लेकर अपना फैसला सुनाएगी. इसके आधार पर मानचित्र स्वीकृत होंगे. उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर और अन्य अभिलेखों को अपडेट करने में अभी लंबा समय लगेगा. करीब 4 माह की बाद ही ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी. इस बीच लोगों को आवेदन के लिए कोई परेशानी न हो ऑफलाइन व्यवस्था को शुरू कर दिया गया है.

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