गोरखपुर: अब डायलिसिस के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इसके लिए एक बड़ी यूनिट महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के चिकित्सालय में स्थापित हो गई है. पहले जहां इस यूनिट में 4 मशीनों और बेडों पर डायलिसिस की सुविधा थी. वहीं अब विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मशीनों की संख्या को बढ़ाकर 18 कर दिया गया है.
यह यूनिट पूर्वांचल के प्रमुख डायलिसिस सेंटर के रूप में स्थापित हो गई है. विश्वविद्यालय के तहत संचालित गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में इस साल से एमबीबीएस की सौ सीटों पर पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है.
परिसर में बने इस मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल में मरीजों को उपचार की अत्याधुनिक और बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने के बड़े पैमाने पर इंतजाम किए गए है. इसी कड़ी में गुर्दे के मरीजों को डायलिसिस की सुविधा के लिए ऐसी पहल की गई है कि किसी भी किडनी पेशेंट को इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के चिकित्सालय में इस नई डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 मार्च 2022 को किया था, जब यहां केवल 4 मशीने थीं. समय के साथ बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए इस यूनिट को विस्तार दिया गया है. 30 नवम्बर को मुख्यमंत्री ने यूनिट का निरीक्षण किया था, और उनके सुझावों के बाद इसे पूरी तरह से क्रियाशील कर दिया गया.
महायोगी गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय के चिकित्सालय में उच्चीकृत डायलिसिस सेंटर को प्रारंभ करने से पूर्व, 30 नवम्बर को विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका निरीक्षण किया था. उनकी संस्तुति के बाद यह सेंटर पूर्णतः क्रियाशील हो गया है. अब पूर्वांचल के मरीजों एवं उनके परिजनों को डायलिसिस के लिए कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
डॉ. अरविंद सिंह कुशवाहा ने बताया कि चिकित्सालय में प्रतिदिन कुल 60 से अधिक गुर्दे के मरीजों की डायलिसिस की जा रही है. चिकित्सालय में प्रतिष्ठित वरिष्ठ चिकित्सकों एवं टेक्निशियनों द्वारा मरीजों की सेवा की जा रही है. इसका लाभ पश्चिमी बिहार और नेपाल के मरीज भी उठाएंगे क्योंकि इनकी बड़ी संख्या गोरखपुर में इलाज के लिए आती है.
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