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थाने में अंग्रेजों के जमाने से निभाई जा रही परंपरा, पुलिस वाले वर्दी नहीं, पीली धोती पहनकर करते हैं सती पूजा - Sati Puja in police station

Gopalganj police station: गोपालगंज में सावन पूर्णिमा के दिन थाना में थानेदार से लेकर पुलिसकर्मी तक खाकी वर्दी की जगह पीली धोती में नजर आते हैं. यह अनोखी परंपरा अंग्रेजों जमाने से चली आ रही है.यहां पुलिस और जनता मिलकर सती पूजा करते आ रहे हैं. आज तक प्रति वर्ष पूजा हो रही है. थानेदार धोती पहनकर यजमान बनते हैं. पढ़ें पूरी खबर

गोपालगंज थाने में सती पूजा
गोपालगंज थाने में सती पूजा (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 20, 2024, 10:48 PM IST

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में एक ऐसा थाना है, जहां थानेदार से लेकर पुलिसकर्मी तक खाकी वर्दी की जगह पीली धोती में नजर आते हैं. थानेदार धोती पहनकर यजमान बनते हैं. यह वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वहन हर वह थाना प्रभारी करते हैं जो इस विशेष दिन यहां पदस्थापित होते हैं. मान्यता यह है कि कुचायकोट थाना परिसर में अंग्रेजों के जमाने से सती पूजा करने की परंपरा चली आ रही है.

गोपालगंज थाने में पीली धोती पहनकर पूजा करते पुलिसकर्मी
गोपालगंज थाने में पीली धोती पहनकर पूजा करते पुलिसकर्मी (ETV BHARAT)

थाने में अंग्रेजों के जमाने से हो रही सती पूजा: बताया जाता है कि 1865 में कुचायकोट के निवासी कवल यादव की पत्नी सावन माह के पूर्णिमा के दिन इलाके में दही बेचने गई थी. इस दौरान कवल यादव की मौत अचानक हो गयी. गांव वालों ने उनके चिता को सजाकर अंतिम संस्कार के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन, चिता में आग नहीं जली. कवल की पत्नी को जब इस बात की जानकारी मिली तो वे चितास्थल पर पहुंची गयी और अपने पति के शव को गोद में लेकर चिता पर बैठ गयी जल गई. कुचायकोट थाना में स्थिति सावन माह के पूर्णिमा को सती मंदिर में वर्षों से सती पूजा का रिवाज आज भी कायम है.

"वर्षों से चली आ रही परंपरा को आज भी कायम रखा गया है. जिसमें हमारे थाना के सभी पुलिस कर्मी भक्ति भावना से सती की पूजा करते हैं. जिसमें स्थानीय लोगों का भरपूर सहयोग रहता है. हम लोगों का सौभाग्य है कि हमें भी इस पूजा में मुख्य जजमान बनने का मौका मिला." - सुनील कुमार, कुचायकोट थानाध्यक्ष

भंडारा और प्रसाद का वितरण: माना जाता है कि उसी स्थल पर इस भवन का निर्माण करवाया गया था. स्थानीय लोगों के माने तो अंग्रेजों के शासन काल से ही यहां पुलिस और जनता मिलकर सती पूजा करते आ रहे हैं. आज तक प्रति वर्ष पूजा हो रही है. थाने में तैनात अधिकारी व जवानों की जिम्मे पूजा-अर्चना की तैयारी से लेकर प्रसाद वितरण व भंडारा होता है. पुलिस कर्मियों का यह मानना है कि इस पूजा-अर्चना से सालों भर मां सती की कृपा थाने में तैनात जवानों व पुलिस अधिकारियों पर बनी रहती है.

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गोपालगंज थाने में पीली धोती पहनकर पूजा करते पुलिसकर्मी
गोपालगंज थाने में पीली धोती पहनकर पूजा करते पुलिसकर्मी (ETV BHARAT)

थाने में अंग्रेजों के जमाने से हो रही सती पूजा: बताया जाता है कि 1865 में कुचायकोट के निवासी कवल यादव की पत्नी सावन माह के पूर्णिमा के दिन इलाके में दही बेचने गई थी. इस दौरान कवल यादव की मौत अचानक हो गयी. गांव वालों ने उनके चिता को सजाकर अंतिम संस्कार के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन, चिता में आग नहीं जली. कवल की पत्नी को जब इस बात की जानकारी मिली तो वे चितास्थल पर पहुंची गयी और अपने पति के शव को गोद में लेकर चिता पर बैठ गयी जल गई. कुचायकोट थाना में स्थिति सावन माह के पूर्णिमा को सती मंदिर में वर्षों से सती पूजा का रिवाज आज भी कायम है.

"वर्षों से चली आ रही परंपरा को आज भी कायम रखा गया है. जिसमें हमारे थाना के सभी पुलिस कर्मी भक्ति भावना से सती की पूजा करते हैं. जिसमें स्थानीय लोगों का भरपूर सहयोग रहता है. हम लोगों का सौभाग्य है कि हमें भी इस पूजा में मुख्य जजमान बनने का मौका मिला." - सुनील कुमार, कुचायकोट थानाध्यक्ष

भंडारा और प्रसाद का वितरण: माना जाता है कि उसी स्थल पर इस भवन का निर्माण करवाया गया था. स्थानीय लोगों के माने तो अंग्रेजों के शासन काल से ही यहां पुलिस और जनता मिलकर सती पूजा करते आ रहे हैं. आज तक प्रति वर्ष पूजा हो रही है. थाने में तैनात अधिकारी व जवानों की जिम्मे पूजा-अर्चना की तैयारी से लेकर प्रसाद वितरण व भंडारा होता है. पुलिस कर्मियों का यह मानना है कि इस पूजा-अर्चना से सालों भर मां सती की कृपा थाने में तैनात जवानों व पुलिस अधिकारियों पर बनी रहती है.

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