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बिहार के दो भाईयों को एजेंट ने 6 लाख में थाईलैंड में बेचा! नौकरी के नाम पर कराया जा रहा साइबर क्राइम - GOPALGANJ HUMAN TRAFFICKING

बिहार के दो भाई थाईलैंड में बंधक बन गए. दोनों मोटी रकम देकर एजेंट के माध्यम से नौकरी करने गए थे और फंस गए.

Bihar Human Trafficking
बिहार में मानव तस्करी (Concept Image)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 15 hours ago

पटना: बिहार के दो भाई रोशन वाहिद और सअद अली थाईलैंड में मानव तस्करी के शिकार हो गए. इन दोनों छोड़ने को बदले में एजेंट के माध्यम से 2 लाख 40 हजार रुपया मांगा. परिजनों की ओर से रुपया भेजने के बाद भी दोनों भाई अबतक थाईलैंड से भारत नहीं आ सके. इसको लेकर परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज करायी है.

गोपालगंज में मानव तस्करी: दरअसल, मामला गोपालगंज जिले का है. मीरगंज थाना फतेहपुर गांव निवासी रिस्ते दोनों चचेरे भाई है. फतेहपुर निवासी रोशन अली ने हथुआ एसडीपीओ व मीरगंज थाना को आवेदन देकर दोनों भाईयों की वतन वापसी की गुहार लगायी है. रोशन अली रोशन वाहिद के पिता हैं. सअद अली इनका भतीजा है.

यूपी के एजेंट की भूमिका: रोशन अली ने बताया कि दोनों उत्तर प्रदेश के प्रयागराज सिविल लाइन के निवासी नीरज कुमार से बात की थी. नीरज कुमार नौकरी के लिए विदेश भेजने का काम करता है. नीरज कुमार ने ही दोनों भाईयों से मोटी रकम लेकर विदेश भेजा था. वहां दोनों को बंधक बना लिया गया है.

विजिट वीजा पर भेजा थाईलैंड: रोशन अली के मुताबिक 26 अक्टूबर को विजिट वीजा के सहारे दिल्ली से फ्लाइट द्वारा थाईलैंड भेज गया था. वहां जाने के बाद उसे इंटरव्यू कराने के नाम पर एजेंटों ने गाड़ी और समुद्री बोट से सैर कराया और म्यांमार में एक अज्ञात जगह पहुंचा दिया.

'इंटरव्यू के नाम पर घुमाया': इसकी जानकारी बेटा तथा भतीजे ने चोरी छिपे वाट्सएप से आडियो, वीडियो तथा फोटो भेज कर दी. पीड़ित दोनों चचेरे भाइयों ने परिजनो को भेजे गए वीडियो के माध्यम से बताया है कि चाइनीज बॉस ने म्यांमार में एक बड़ी चहारदीवारी वाले मकान में बंधक बनाकर रखा है. यहां रहने वाले लोगों से साइबर ठगी कराने का कार्य किया जा रहा है.

कई देश के युवक-युवतियां फंसे: दोनों युवकों ने अपने परिजनों को बताया है कि थाइलैंड में पूर्व से कई भारतीय व नेपाली के अलावे पाकिस्तान सहित अन्य देश के युवक व युवतियों को भी बंधक बनाकर साइबर ठगी कराने का कार्य किया जा रहा है. दोनों युवकों ने वापस भेजने की जिद की तो बताया गया कि एजेंट ने उन्हें 7000 डॉलर यानि 5,97,694 रुपये में बेच दिया है. इसके बाद उसे ठगी का अहसास हुआ.

पुलिस विभाग अलर्ट: मानव तस्करी का मामला सामने आने के बाद पुलिस अलर्ट हो गयी है. सुरक्षा एजेंसी को भी इसकी जानकारी दी गयी है. पुलिस यूपी के एजेंट नीरज कुमार की गिरफ्तारी के लिए प्रयागराज पुलिस से संपर्क की है. छापेमारी कर नीरज कुमार को गिरफ्तार किया जाएगा. पुलिस टीम यूपी के लिए रवाना हो गया है.

"मानव तस्करी के मामले में मीरगंज थाने की पुलिस प्राथमिकी करने के साथ ही आरोपित एजेंट की तलाश करने में जुट गई है. साथ ही उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है. पुलिस की एक टीम को प्रयागराज भेजा गया है." -आनंद मोहन गुप्ता, हथुआ एसडीपीओ

बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग: शिकायत करने के लिए यहां क्लिक करें

  • टेलीफोन नंबरः 0612-2232280
  • ईमेल: sec-bhrc@nic.in
  • पता: 9, BAILEY ROAD, PATNA-800015
  • बिहार पुलिस आपातकालीन नंबर: 112

क्यों विदेश जाते युवा?: अच्छी सैलरी और सुविधाओं के लालच में आकर युवा विदेश नौकरी करने चले जाते हैं. भारतीय दूतावास कहता है किसी भी नौकरी के बारे में अच्छी तरह से जानकारी जुटा लें. एजेंटों के चक्कर में नहीं पड़े. सोशल मीडिया आदि के माध्यम से मिल रही नौकरी के झांसे में नहीं आएं.

क्या कहता है नियम?: आपको बता दें कि भारतीय दूतावास और मानवाधिकार आयोग की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाता है कि एजेंट के चक्कर में पड़कर विदेश में नौकरी के लिए नहीं जाएं. इसके लिए सरकार वीजा जारी करता है.

विजिट वीजा क्या है?: पर्यटक या विजिट वीजा विदेशी सरकार देती है. इसके माध्यम से सिर्फ घूमने के लिए जा सकते हैं. यह वीजा यात्रियों को विदेश में एक सप्ताह से तीन महीने तक रहने की अनुमति देता है. हालांकि कुछ देश में लंबे समय तक प्रवास करने की अनुमति है.

नौकरी के लिए वीजा?: नौकरी के लिए वर्क वीजा विदेशी सरकार के द्वारा जारी किया जाता है. यह भी कुछ साल के लिए मान्य होता है. एक से 5 साल तक विदेश में रहकर नौकरी या रोजगार करने की अनुमति होती है. इसके बाद फिर से इसे रिनुअल किया जाता है.

विदेशों में फंस जाएं तो क्या करें? भारतीय दूतावास कहता है कि इस समय में विदेशों में काम करने वाले भारतीय दूतावास से संपर्क करना चाहिए. अगर ऐसा संभव ना हो तो स्थानीय पुलिस या फिर परिजनों को इसकी जानकारी दें. परिजन स्थानीय पुलिस और मानवाधिकार आयोग से इसकी शिकायत कर सकते हैं. इसके लिए फोन नंबर भी जारी किया जाता है.

विदेशों में शिकायत: अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार महासंघ (FIDH) जिसका मुख्यालय पेरिस में हैं. इसके कार्यालय कई देशों में है. ट्यूनिस, ट्यूनीशिया, आइवरी कोस्ट, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और माली में संयुक्त ब्यूरो हैं. जिनेवा (संयुक्त राष्ट्र), ब्रुसेल्स (ईयू) और द हेग (अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय) में स्थायी प्रतिनिधिमंडल भी हैं. यहां भी मानव तस्करी संबंधित शिकायत किया जा सकता है.

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पटना: बिहार के दो भाई रोशन वाहिद और सअद अली थाईलैंड में मानव तस्करी के शिकार हो गए. इन दोनों छोड़ने को बदले में एजेंट के माध्यम से 2 लाख 40 हजार रुपया मांगा. परिजनों की ओर से रुपया भेजने के बाद भी दोनों भाई अबतक थाईलैंड से भारत नहीं आ सके. इसको लेकर परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज करायी है.

गोपालगंज में मानव तस्करी: दरअसल, मामला गोपालगंज जिले का है. मीरगंज थाना फतेहपुर गांव निवासी रिस्ते दोनों चचेरे भाई है. फतेहपुर निवासी रोशन अली ने हथुआ एसडीपीओ व मीरगंज थाना को आवेदन देकर दोनों भाईयों की वतन वापसी की गुहार लगायी है. रोशन अली रोशन वाहिद के पिता हैं. सअद अली इनका भतीजा है.

यूपी के एजेंट की भूमिका: रोशन अली ने बताया कि दोनों उत्तर प्रदेश के प्रयागराज सिविल लाइन के निवासी नीरज कुमार से बात की थी. नीरज कुमार नौकरी के लिए विदेश भेजने का काम करता है. नीरज कुमार ने ही दोनों भाईयों से मोटी रकम लेकर विदेश भेजा था. वहां दोनों को बंधक बना लिया गया है.

विजिट वीजा पर भेजा थाईलैंड: रोशन अली के मुताबिक 26 अक्टूबर को विजिट वीजा के सहारे दिल्ली से फ्लाइट द्वारा थाईलैंड भेज गया था. वहां जाने के बाद उसे इंटरव्यू कराने के नाम पर एजेंटों ने गाड़ी और समुद्री बोट से सैर कराया और म्यांमार में एक अज्ञात जगह पहुंचा दिया.

'इंटरव्यू के नाम पर घुमाया': इसकी जानकारी बेटा तथा भतीजे ने चोरी छिपे वाट्सएप से आडियो, वीडियो तथा फोटो भेज कर दी. पीड़ित दोनों चचेरे भाइयों ने परिजनो को भेजे गए वीडियो के माध्यम से बताया है कि चाइनीज बॉस ने म्यांमार में एक बड़ी चहारदीवारी वाले मकान में बंधक बनाकर रखा है. यहां रहने वाले लोगों से साइबर ठगी कराने का कार्य किया जा रहा है.

कई देश के युवक-युवतियां फंसे: दोनों युवकों ने अपने परिजनों को बताया है कि थाइलैंड में पूर्व से कई भारतीय व नेपाली के अलावे पाकिस्तान सहित अन्य देश के युवक व युवतियों को भी बंधक बनाकर साइबर ठगी कराने का कार्य किया जा रहा है. दोनों युवकों ने वापस भेजने की जिद की तो बताया गया कि एजेंट ने उन्हें 7000 डॉलर यानि 5,97,694 रुपये में बेच दिया है. इसके बाद उसे ठगी का अहसास हुआ.

पुलिस विभाग अलर्ट: मानव तस्करी का मामला सामने आने के बाद पुलिस अलर्ट हो गयी है. सुरक्षा एजेंसी को भी इसकी जानकारी दी गयी है. पुलिस यूपी के एजेंट नीरज कुमार की गिरफ्तारी के लिए प्रयागराज पुलिस से संपर्क की है. छापेमारी कर नीरज कुमार को गिरफ्तार किया जाएगा. पुलिस टीम यूपी के लिए रवाना हो गया है.

"मानव तस्करी के मामले में मीरगंज थाने की पुलिस प्राथमिकी करने के साथ ही आरोपित एजेंट की तलाश करने में जुट गई है. साथ ही उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है. पुलिस की एक टीम को प्रयागराज भेजा गया है." -आनंद मोहन गुप्ता, हथुआ एसडीपीओ

बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग: शिकायत करने के लिए यहां क्लिक करें

  • टेलीफोन नंबरः 0612-2232280
  • ईमेल: sec-bhrc@nic.in
  • पता: 9, BAILEY ROAD, PATNA-800015
  • बिहार पुलिस आपातकालीन नंबर: 112

क्यों विदेश जाते युवा?: अच्छी सैलरी और सुविधाओं के लालच में आकर युवा विदेश नौकरी करने चले जाते हैं. भारतीय दूतावास कहता है किसी भी नौकरी के बारे में अच्छी तरह से जानकारी जुटा लें. एजेंटों के चक्कर में नहीं पड़े. सोशल मीडिया आदि के माध्यम से मिल रही नौकरी के झांसे में नहीं आएं.

क्या कहता है नियम?: आपको बता दें कि भारतीय दूतावास और मानवाधिकार आयोग की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाता है कि एजेंट के चक्कर में पड़कर विदेश में नौकरी के लिए नहीं जाएं. इसके लिए सरकार वीजा जारी करता है.

विजिट वीजा क्या है?: पर्यटक या विजिट वीजा विदेशी सरकार देती है. इसके माध्यम से सिर्फ घूमने के लिए जा सकते हैं. यह वीजा यात्रियों को विदेश में एक सप्ताह से तीन महीने तक रहने की अनुमति देता है. हालांकि कुछ देश में लंबे समय तक प्रवास करने की अनुमति है.

नौकरी के लिए वीजा?: नौकरी के लिए वर्क वीजा विदेशी सरकार के द्वारा जारी किया जाता है. यह भी कुछ साल के लिए मान्य होता है. एक से 5 साल तक विदेश में रहकर नौकरी या रोजगार करने की अनुमति होती है. इसके बाद फिर से इसे रिनुअल किया जाता है.

विदेशों में फंस जाएं तो क्या करें? भारतीय दूतावास कहता है कि इस समय में विदेशों में काम करने वाले भारतीय दूतावास से संपर्क करना चाहिए. अगर ऐसा संभव ना हो तो स्थानीय पुलिस या फिर परिजनों को इसकी जानकारी दें. परिजन स्थानीय पुलिस और मानवाधिकार आयोग से इसकी शिकायत कर सकते हैं. इसके लिए फोन नंबर भी जारी किया जाता है.

विदेशों में शिकायत: अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार महासंघ (FIDH) जिसका मुख्यालय पेरिस में हैं. इसके कार्यालय कई देशों में है. ट्यूनिस, ट्यूनीशिया, आइवरी कोस्ट, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और माली में संयुक्त ब्यूरो हैं. जिनेवा (संयुक्त राष्ट्र), ब्रुसेल्स (ईयू) और द हेग (अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय) में स्थायी प्रतिनिधिमंडल भी हैं. यहां भी मानव तस्करी संबंधित शिकायत किया जा सकता है.

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