गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज निवासी अनिकेत द्विवेदी को यूपीएससी में 226वीं रैक आया है. अनिकेत मूल रूप से जिले के सदर प्रखंड के हजियापुर वार्ड नंबर 9 निवासी हैं. अनिकेत के पिता शंभू द्विवेदी और माता नीता देवी शिक्षिक हैं. अनिकेत की सफलता से घर खुशियों का माहौल है. मां, भाई, चाचा-चाची फूले नहीं समा रहे हैं. एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मना रहे हैं.
पाचवीं बार में सफलताः अनिकेत की प्रारंभिक शिक्षा शहर के केंद्रीय विद्यालय से हुई थी. दसवीं तक पढ़ाई करने के बाद अनिकेत दिल्ली चले गए. हॉस्टल में रहकर उसने 11वीं और 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई राजस्थान के अजमेर से की. ग्रेजुएशन के बाद से यूपीएससी की तैयारी करने लगे थे. चार बार असफलता के बाद पांचवीं प्रयास में 226 रैंक हासिल की.
पड़ोस में ऑफिसर को देखकर हुए प्रेरितः अनिकेत फिलहाल दिल्ली में हैं और बुधवार को घर आने वाले हैं. उनकी मां ने बताया कि जब वह 9 से 10 साल का था तो घर के पास में ही ऑफिस कॉलोनी है जहां से हमेशा एसपी और डीएम की लाल बत्ती वाली गाड़ी गुजरती थी. देखकर हमेशा पापा से पूछते थे कि ये कौन है? पापा बताते थे कि ये डीएम-एसपी है. जिले का सबसे बड़ा अधिकारी है. तुम्हें भी इन्ही के जैसा बनना है. तभी से अधिकारी बनने का सपना देखने लगे थे. मां ने बताया कि आज उनकी जन्मदिन भी है और बेटे की सफलता की खुशी भी.
"मुझे बहुत खुशी है. मेरा सपना था कि बेटा अफसर बने. आज बेटा ने सपना पूरा कर दिया. आज मेरी जन्मदिन भी लेकिन उससे ज्यादा खुशी बेटे की सफलता की है." -नीता देवी, अनिकेत द्विवेदी की मां
परिवार के लोगों को दिया श्रेयः अनिकेत के भाई बताते हैं कि स्कूल में डीएम का प्रोग्राम होता था तो उनके भाषण को सुनते थे और उनसे प्रभावित होते थे. फोन पर बातचीत करते हुए अनिकेत ने बताया कि इस सफलता की श्रेय मां-पिता और दादा-दादी को देना चाहता हूं, जिनके आशीर्वाद से और मार्गदर्शन से मैंने यूपीएससी क्रैक किया.
IAS के लिए करेंगे प्रयासः हालांकि अनिकेत को मलाल है कि वे आईएएस नहीं बन पाए. उन्होंने बताया कि अगर 120 रैंक आता तो मैं आईएएस बनता लेकिन मैं आईपीएस बन गया हूं. मैं संतुष्ट हूं बावजूद आइएएस के लिए फिर से प्रयास करता रहूंगा जबतक मेरा प्रयास सफल ना हो जाए. उन्होंने कहा की मुझे उम्मीद थी की मैं अंडर 100 में शामिल हो जाउंगा.
मां-पिता और भाई शिक्षकः अनिकेत चार भाईयों में सबसे बड़ा है. मां नीता देवी, पिता शंभू द्विवेदी और भाई विजेता द्विवेदी शिक्षक हैं. एक भाई अखिलेश बीपीएससी की तैयारी कर रहे हैं जबकि एक और भाई एडिशन जयपुर में बीटेक के फाइनल इयर के छात्र हैं.
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