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राजस्थान में इस साल होगी फसलों की बंपर पैदावर, अच्छी बारिश का अनुमान, श्रीनाथजी मंदिर ने दिए संकेत - Tradition of Ashadhi weighing - TRADITION OF ASHADHI WEIGHING

श्रीनाथजी मंदिर में गुरू पूर्णिमा के दिन हुए अषाढ़ी तौल की परंपरा में बारिश, अनाज की उपज, व्यापार, राजनीति, बीमारी, आपदा सहित 27 तरह के पूर्वानुमान का ऐलान किया गया. इसके लिए अषाढ़ी पूर्णिमा की रात को 27 तरह के अनाज तौलकर सुरक्षित रखे गए, जिसे सुबह दुबारा तौला गया.

श्रीनाथजी मंदिर का अषाढ़ी तोल
श्रीनाथजी मंदिर का अषाढ़ी तोल (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 22, 2024, 5:21 PM IST

श्रीनाथजी मंदिर का अषाढ़ी तोल (ETV Bharat Rajsamand)

राजसमंद : नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी मंदिर में हर साल अषाढ़ शुक्ल यानि गुरू पूर्णिमा के दिन अषाढ़ी तौल की वर्षो पुरानी परंपरा निभाई जाती है. इस साल भी श्रीनाथजी मंदिर द्वारा अषाढ़ी तौलने की परपंरा का निवर्हन किया गया. श्रीनाथजी मंदिर में गुरू पूर्णिमा पर 27 तरह के धान तौले गए. तौलने के बाद निकले निष्कर्ष में इस वर्ष धान्य की पैदावार में बढ़त बताई गई है, जबकि बारिश सामान्य से अधिक (आषाढ़ में पांच आना, श्रावण में चार आना, भाद्रपद में तीन आना, आसोज में चार आना) बताई गई है. साथ ही वायु पश्चिम दिशा की रहने के संकेत दिए हैं.

श्रीनाथजी मंदिर
अषाढ़ी तौल के अनुमान (ETV Bharat GFX)

इसी तरह गुड़, मनुष्य के साथ सभी धानों में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं, जबकि पशुधन व कपास में बराबर और घास में कमी के संकेत मिले हैं. परंपरा के अनुसार मंदिर में मूंग हरा, मक्का, बाजरा, ज्वार, तिली, गेहूं जैसे 27 तरह के अनाज की तुलाई की गई और प्रत्येक का वजन सूचीबद्ध किया गया. अषाढ़ पूर्णिमा के बाद सोमवार को दुबारा सभी अनाजों का वजन करने के बाद फसलों की उपज, पशुओं के चारे, आपदा, वर्षा की मात्रा, वायु के रुख के पूर्वानुमान की घोषणा की गई.

इसे भी पढ़ें- 100 किलोमीटर में बारिश की भविष्यवाणी का ऐतिहासिक तरीका, रियासतकालीन तरीके से आज होगा मौसम का अनुमान

27 जिंस की तुलाई से पूर्वानुमान की घोषणा : श्रीनाथजी मंदिर में गुरू पूर्णिमा के दिन व उसके दूसरे दिन 27 तरह के जिंस तुलाई कर उसे सूचीबद्ध किया जाता है. इसमें सभी अनाज का वजन बढ़ा, जबकि घास में कमी के संकेत मिले हैं. हालांकि, बारिश सामान्य से अधिक होने व पश्चिमी वायु चलने का पूर्वानुमान लगाया गया है.

श्रीनाथजी मंदिर का अषाढ़ी तोल (ETV Bharat Rajsamand)

राजसमंद : नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी मंदिर में हर साल अषाढ़ शुक्ल यानि गुरू पूर्णिमा के दिन अषाढ़ी तौल की वर्षो पुरानी परंपरा निभाई जाती है. इस साल भी श्रीनाथजी मंदिर द्वारा अषाढ़ी तौलने की परपंरा का निवर्हन किया गया. श्रीनाथजी मंदिर में गुरू पूर्णिमा पर 27 तरह के धान तौले गए. तौलने के बाद निकले निष्कर्ष में इस वर्ष धान्य की पैदावार में बढ़त बताई गई है, जबकि बारिश सामान्य से अधिक (आषाढ़ में पांच आना, श्रावण में चार आना, भाद्रपद में तीन आना, आसोज में चार आना) बताई गई है. साथ ही वायु पश्चिम दिशा की रहने के संकेत दिए हैं.

श्रीनाथजी मंदिर
अषाढ़ी तौल के अनुमान (ETV Bharat GFX)

इसी तरह गुड़, मनुष्य के साथ सभी धानों में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं, जबकि पशुधन व कपास में बराबर और घास में कमी के संकेत मिले हैं. परंपरा के अनुसार मंदिर में मूंग हरा, मक्का, बाजरा, ज्वार, तिली, गेहूं जैसे 27 तरह के अनाज की तुलाई की गई और प्रत्येक का वजन सूचीबद्ध किया गया. अषाढ़ पूर्णिमा के बाद सोमवार को दुबारा सभी अनाजों का वजन करने के बाद फसलों की उपज, पशुओं के चारे, आपदा, वर्षा की मात्रा, वायु के रुख के पूर्वानुमान की घोषणा की गई.

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27 जिंस की तुलाई से पूर्वानुमान की घोषणा : श्रीनाथजी मंदिर में गुरू पूर्णिमा के दिन व उसके दूसरे दिन 27 तरह के जिंस तुलाई कर उसे सूचीबद्ध किया जाता है. इसमें सभी अनाज का वजन बढ़ा, जबकि घास में कमी के संकेत मिले हैं. हालांकि, बारिश सामान्य से अधिक होने व पश्चिमी वायु चलने का पूर्वानुमान लगाया गया है.

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