राजसमंद : नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी मंदिर में हर साल अषाढ़ शुक्ल यानि गुरू पूर्णिमा के दिन अषाढ़ी तौल की वर्षो पुरानी परंपरा निभाई जाती है. इस साल भी श्रीनाथजी मंदिर द्वारा अषाढ़ी तौलने की परपंरा का निवर्हन किया गया. श्रीनाथजी मंदिर में गुरू पूर्णिमा पर 27 तरह के धान तौले गए. तौलने के बाद निकले निष्कर्ष में इस वर्ष धान्य की पैदावार में बढ़त बताई गई है, जबकि बारिश सामान्य से अधिक (आषाढ़ में पांच आना, श्रावण में चार आना, भाद्रपद में तीन आना, आसोज में चार आना) बताई गई है. साथ ही वायु पश्चिम दिशा की रहने के संकेत दिए हैं.
![श्रीनाथजी मंदिर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/22-07-2024/22017229_info.jpg)
इसी तरह गुड़, मनुष्य के साथ सभी धानों में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं, जबकि पशुधन व कपास में बराबर और घास में कमी के संकेत मिले हैं. परंपरा के अनुसार मंदिर में मूंग हरा, मक्का, बाजरा, ज्वार, तिली, गेहूं जैसे 27 तरह के अनाज की तुलाई की गई और प्रत्येक का वजन सूचीबद्ध किया गया. अषाढ़ पूर्णिमा के बाद सोमवार को दुबारा सभी अनाजों का वजन करने के बाद फसलों की उपज, पशुओं के चारे, आपदा, वर्षा की मात्रा, वायु के रुख के पूर्वानुमान की घोषणा की गई.
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27 जिंस की तुलाई से पूर्वानुमान की घोषणा : श्रीनाथजी मंदिर में गुरू पूर्णिमा के दिन व उसके दूसरे दिन 27 तरह के जिंस तुलाई कर उसे सूचीबद्ध किया जाता है. इसमें सभी अनाज का वजन बढ़ा, जबकि घास में कमी के संकेत मिले हैं. हालांकि, बारिश सामान्य से अधिक होने व पश्चिमी वायु चलने का पूर्वानुमान लगाया गया है.