रायपुर: देश के सिविल सर्विस के टॉप कोचिंग इंस्टीट्यूट अब रायपुर में अपनी शाखा खोलने की तैयरी में है. इससे प्रदेश के अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को दिल्ली जाकर पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी. ये रायपुर में ही उच्च स्तरीय कोचिंग का लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए आदिम जाति विकास विभाग ने व्यापक कार्ययोजना तैयार की है.
रायपुर में खोली जाएंगी शाखा: छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय के निर्देश पर विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने दिल्ली के ट्राइबल यूथ हॉस्टल का दौरा कर छात्रों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के प्रतिनिधियों से बात की. इन संस्थानों के छात्रों को प्रदान की जा रही सुविधाओं और पठन-पाठन के तरीकों के बारे में जानकारी ली. साथ ही उन्होंने रायपुर में इन कोचिंग इंस्टीट्यूट्स की शाखाएं खोलने के बारे में चर्चा की. प्रमुख सचिव ने पूछा कि यदि रायपुर में उनकी शाखाएं खोली जाती हैं, तो उन्हें शासन से किस प्रकार की मदद चाहिए होगी? इस संबंध में कोचिंग संस्थानों को एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपने के लिए कहा गया है.
इस तरह की मुहैया कराई जाएगी सुविधाएं: बोरा ने ट्राइबल यूथ हॉस्टल दिल्ली के छात्रों से उनकी शिक्षा और करियर संबंधी विभिन्न बातों पर चर्चा की. उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया. इस दौरान उन्होंने छात्रों की सुविधाओं को और बेहतर बनाने पर भी जोर दिया, ताकि स्टूडेंट्स बिना किसी परेशानी के अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे. सोनमणि बोरा ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जहां भी जरूरत हो वहां पर एयर कंडीशनर लगाए जाएं. इसके साथ ही मेस को सुव्यवस्थित ढंग से तैयार किया जाए. हॉल में तत्काल एसी, टीवी लगाया जाए. इस पहल की सीएम साय ने भी सराहना की.
विद्यार्थियों को गुणवत्ता पूर्ण कोचिंग सुविधा के साथ-साथ बेहतर वातावरण उपलब्ध कराना जरूरी है. रायपुर में कोचिंग इंस्टीट्यूट खुलने से अनुकूल वातावरण में विद्यार्थी बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे. -विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़
स्टूडेंट्स के भविष्य के लिए ये योजना: इसे लेकर आदिम जाति और अनुसूचित जनजाति मंत्री राम विचार नेताम ने कहा, "हमारी सरकार शिक्षा के महत्व को समझती है. हम चाहते हैं कि हमारे आदिवासी और अनुसूचित जाति के विद्यार्थी भी सर्वोत्तम शिक्षा और सुविधाओं का लाभ उठाएं. यह योजना उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. सिर्फ सिलेबस पढ़ना महत्वपूर्ण नहीं है. जरूरी है कि बच्चों को अनुकूल वातावरण मिले, जिससे बच्चे परीक्षा के मानसिक तौर पर तैयार हो सकें. इसी सोच के साथ रायपुर में कोचिंग शुरू की जा रही है."
ऐसे में अब प्रदेश के स्टूडेंट्स को दिल्ली जाकर कोचिंग पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यहां के स्टूडेंट्स को प्रदेश में ही बेहतर सुविधा के साथ कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.