जयपुर : भारत में प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाया जाता है, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के रूप में मनाया जाता है. वाजपेयी को उनके कुशल प्रशासन और सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है. इस दिन, सरकारें और गैर-सरकारी संगठन (NGO) सुशासन से संबंधित विविध कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जिसका उद्देश्य लोगों को सुशासन के महत्व से परिचित कराना और सरकारी प्रशासन की जवाबदेही के प्रति जागरूकता फैलाना है. यह दिन समाज के कल्याण और बेहतरी को बढ़ावा देने के लिए भी मनाया जाता है.
सुशासन दिवस का इतिहास : सुशासन दिवस की शुरुआत 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा की गई थी, जब इस दिन को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी. सुशासन दिवस को ई-गवर्नेंस और सुशासन के सिद्धांतों पर आधारित एक कार्यक्रम के रूप में मनाया जाता है, जिसमें सरकारी अधिकारी और अन्य संबंधित लोग बैठकें और संवाद में शामिल होते हैं. इस दिन आयोजित एक दिन की प्रदर्शनी में सरकारी योजनाओं, ई-गवर्नेंस और सुशासन के बारे में जानकारी दी जाती है.
देशभर में सुशासन दिवस का आयोजन : भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से 25 दिसंबर को देशभर में "सुशासन दिवस" मनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. भाजपा प्रदेश कार्यालय में राज्यस्तरीय संगोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि सुशासन दिवस के अवसर पर प्रदेशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें बूथ स्तर पर अटल स्मृति सभाओं, कवि सम्मेलन, और युवाओं द्वारा वाजपेयी के योगदान पर चर्चा शामिल हैं. मंडल स्तर पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा सुशासन यात्रा निकाली जाएगी, और चौपालों में अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों पर चर्चा की जाएगी.
राठौड़ ने बताया कि जिला स्तर पर अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन और उनके योगदान पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. इसके अलावा, अटल की सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों जैसे पोखरण-2 का परीक्षण, कारगिल विजय दिवस, एनडीए की स्थापना, किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत, और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पर भी चर्चा की जाएगी. अटल के योगदान और उनके विचारों को सम्मानित करने के लिए "लोगो प्रतियोगिता" का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें चयनित "लोगो" को अभियान में शामिल किया जाएगा. सुशासन दिवस के इस आयोजन का उद्देश्य अटल बिहारी वाजपेयी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना और उनके द्वारा स्थापित कल्याणकारी योजनाओं और सुशासन के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाना है.