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गोंडा का करोड़पति सफाईकर्मी; 9 लग्जरी गाड़ियों का मालिक, फाइलों की हेराफेरी कर बनाई करोड़ों की संपत्ति - Gonda Millionaire Sweeper - GONDA MILLIONAIRE SWEEPER

गोंडा के करोड़पति सफाईकर्मी पर आयुक्त कार्यालय में कई सरकारी फाइलों के साथ हेराफेरी करने का आरोप है. 9 लग्जरी गाड़ियों के बारे में पता चलने के बाद अब उसके बैंक खातों को खंगालने के निर्देश दिए गए हैं.

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गोंडा में करोड़पति सफाईकर्मी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 16, 2024, 1:15 PM IST

Updated : Aug 16, 2024, 1:51 PM IST

गोंडा: यूपी के गोंडा जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. मंडलायुक्त कार्यालय में तैनात सफाई कर्मी पहले नाजिर बन गया और फिर करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली. सफाईकर्मी से नाजिर बना संतोष जायसवाल कई लग्जरी गाड़ियों का मालिक है. आरोप है कि फाइलों की हेराफेरी करके सफाईकर्मी ने करोड़ों रुपए की संपत्ति जमा की है.

दरअसल, नियमों को दरकिनार कर नगर पालिका परिषद गोंडा में तैनात सफाई कर्मचारी संतोष कुमार जायसवाल को पहले कमिश्नर कार्यालय में नाजिर बनाकर महत्त्वपूर्ण काम सौंपा गया. फिर नाजिर के पद पर रहते हुए सरकारी फाइलों में हेराफेरी कर संतोष जायसवाल ने करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित कर ली. 9 लग्जरी गाड़ियों का मालिक बन गया.

दरअसल, फाइलों में हेराफेरी की शिकायत मिलने पर तत्कालीन कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्रा ने जांच कराई थी और जांच में हुए खुलासे के बाद कर्मी को निलंबित करते हुए नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसके साथ ही सदर तहसीलदार देवेंद्र यादव को संपत्तियों की जांच करने का भी निर्देश दिया था.

कमिश्नर देवीपाटन मंडल रहे योगेश्वर राम मिश्रा के आदेश पर सदर तहसीलदार द्वारा सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को चिट्ठी लिखकर लग्जरी गाड़ियों के बारे में जानकारी मांगी गई थी. वर्तमान कमिश्नर देवी पाटन मंडल शशि भूषण लाल सुशील द्वारा भी चार्ज लेने के बाद सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को वाहनों के बारे में जांच करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे.

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के द्वारा वाहनों के सत्यापन करके दी गई रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. सफाई कर्मचारी एक नहीं बल्कि 9-9 लग्जरी गाड़ियों का मालिक है. यह वाहन उसके, उसके भाई और उसकी पत्नी के नाम हैं.

कर्मचारी संतोष जायसवाल के पास एक स्विफ्ट डिजायर, एक अर्टिगा मारुति सुजुकी, एक महिंद्रा स्कॉर्पियो, एक इनोवा और एक महिंद्रा जायलो, वहीं भाई उमाशंकर जायसवाल के नाम एक अर्टिगा मारुति सुजुकी और इनकी पत्नी बेबी जायसवाल के नाम टोयोटा इनोवा गाड़ी खरीदी गई है.

लग्जरी गाड़ियों का मालिक सफाई कर्मी होने के बाद अब उसके खाते का भी ब्योरा तलब किया गया है. अधिकारियों द्वारा बैंक से भी पिछले 5 साल का रिकॉर्ड मांगा गया है. रिकॉर्ड मिलने के बाद आरोपी सफाई कर्मचारी संतोष कुमार जायसवाल के खिलाफ और भी कठोर कार्रवाई होगी.

दरअसल सफाई कर्मचारी संतोष कुमार जायसवाल के ऊपर आरोप लगा था कि गलत तरीके से कमिश्नर कार्यालय में फाइलों में हेराफेरी करके करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित की गई है. पूर्व कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्रा ने पूरे मामले में अपर आयुक्त प्रशासन से जांच कराई तो जांच में कमिश्नर कार्यालय से कई गायब मिली थीं. कई फाइलों में हेराफेरी होने की भी बात निकाल कर सामने आई थी.

इस मामले में नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था. अब मान जा रहा है कि गाड़ियों की डिटेल मिलने के बाद बैंकों का भी रिकॉर्ड खंगाल जा रहा है और आरोपी सफाई कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है.

ये भी पढ़ेंः देखें खौफनाक VIDEO; कानपुर में 4 मंजिला मकान भर-भराकर ढहा, नीचे से गुजर रही मेट्रो टनल

गोंडा: यूपी के गोंडा जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. मंडलायुक्त कार्यालय में तैनात सफाई कर्मी पहले नाजिर बन गया और फिर करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली. सफाईकर्मी से नाजिर बना संतोष जायसवाल कई लग्जरी गाड़ियों का मालिक है. आरोप है कि फाइलों की हेराफेरी करके सफाईकर्मी ने करोड़ों रुपए की संपत्ति जमा की है.

दरअसल, नियमों को दरकिनार कर नगर पालिका परिषद गोंडा में तैनात सफाई कर्मचारी संतोष कुमार जायसवाल को पहले कमिश्नर कार्यालय में नाजिर बनाकर महत्त्वपूर्ण काम सौंपा गया. फिर नाजिर के पद पर रहते हुए सरकारी फाइलों में हेराफेरी कर संतोष जायसवाल ने करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित कर ली. 9 लग्जरी गाड़ियों का मालिक बन गया.

दरअसल, फाइलों में हेराफेरी की शिकायत मिलने पर तत्कालीन कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्रा ने जांच कराई थी और जांच में हुए खुलासे के बाद कर्मी को निलंबित करते हुए नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसके साथ ही सदर तहसीलदार देवेंद्र यादव को संपत्तियों की जांच करने का भी निर्देश दिया था.

कमिश्नर देवीपाटन मंडल रहे योगेश्वर राम मिश्रा के आदेश पर सदर तहसीलदार द्वारा सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को चिट्ठी लिखकर लग्जरी गाड़ियों के बारे में जानकारी मांगी गई थी. वर्तमान कमिश्नर देवी पाटन मंडल शशि भूषण लाल सुशील द्वारा भी चार्ज लेने के बाद सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को वाहनों के बारे में जांच करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे.

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के द्वारा वाहनों के सत्यापन करके दी गई रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. सफाई कर्मचारी एक नहीं बल्कि 9-9 लग्जरी गाड़ियों का मालिक है. यह वाहन उसके, उसके भाई और उसकी पत्नी के नाम हैं.

कर्मचारी संतोष जायसवाल के पास एक स्विफ्ट डिजायर, एक अर्टिगा मारुति सुजुकी, एक महिंद्रा स्कॉर्पियो, एक इनोवा और एक महिंद्रा जायलो, वहीं भाई उमाशंकर जायसवाल के नाम एक अर्टिगा मारुति सुजुकी और इनकी पत्नी बेबी जायसवाल के नाम टोयोटा इनोवा गाड़ी खरीदी गई है.

लग्जरी गाड़ियों का मालिक सफाई कर्मी होने के बाद अब उसके खाते का भी ब्योरा तलब किया गया है. अधिकारियों द्वारा बैंक से भी पिछले 5 साल का रिकॉर्ड मांगा गया है. रिकॉर्ड मिलने के बाद आरोपी सफाई कर्मचारी संतोष कुमार जायसवाल के खिलाफ और भी कठोर कार्रवाई होगी.

दरअसल सफाई कर्मचारी संतोष कुमार जायसवाल के ऊपर आरोप लगा था कि गलत तरीके से कमिश्नर कार्यालय में फाइलों में हेराफेरी करके करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित की गई है. पूर्व कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्रा ने पूरे मामले में अपर आयुक्त प्रशासन से जांच कराई तो जांच में कमिश्नर कार्यालय से कई गायब मिली थीं. कई फाइलों में हेराफेरी होने की भी बात निकाल कर सामने आई थी.

इस मामले में नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था. अब मान जा रहा है कि गाड़ियों की डिटेल मिलने के बाद बैंकों का भी रिकॉर्ड खंगाल जा रहा है और आरोपी सफाई कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है.

ये भी पढ़ेंः देखें खौफनाक VIDEO; कानपुर में 4 मंजिला मकान भर-भराकर ढहा, नीचे से गुजर रही मेट्रो टनल

Last Updated : Aug 16, 2024, 1:51 PM IST
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