दुमकाः गोड्डा लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. दुमका कोर्ट में पेशी के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जून-जुलाई तक बसंत सोरेन झामुमो छोड़ देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि बहुत जल्द झामुमो पांच से छह धड़ों में विभक्त हो जाएगा. इस दौरान गोड्डा सांसद ने हेमंत सोरेन पर बेनामी संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जमशेदपुर की अंजैया स्टील फैक्ट्री हेमंत सोरेन की बेनामी संपत्ति है.
समाप्ति की ओर जा रहा है झामुमोः निशिकांत
निशिकांत दुबे ने दावा करते हुए कहा कि 2024-25 तक झारखंड मुक्ति मोर्चा का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. साथ ही झामुमो का पार्टी सिंबल भी समाप्त हो जाएगा. उन्होंने कहा कि कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. ऐसे में चंपाई सोरेन और अन्य कैडरों को भी निर्णय लेने की आवश्यकता है कि पार्टी को झारखंड आंदोलनकारी संभालेंगे या फिर बेटा-बहू के हाथों में बागडोर होगी.
निशिकांत का दावा, बहुत जल्द बसंत सोरेन भी छोड़ देंगे झामुमो
उन्होंने बसंत सोरेन को मर्द बताते हुए कहा कि कल्पना सोरेन के मुख्यमंत्री बनते ही बसंत सोरेन भी झामुमो छोड़ देंगे. बसंत अपने पिता की विरासत भाभी को सौंपना नहीं पसंद करेंगे. उन्होंने कहा कि झामुमो कई धड़े में विभक्त हो जाएगा. उन्होंने उदाहरण पेश करते हुए कहा कि कोई झामुमो सोरेन, कई झामुमो चंपाई , कोई झामुमो मथुरा, कोई झामुमो लोबिन में विभक्त हो जाएगा.
जमशेदपुर की अंजैया स्टील हेमंत सोरेन की बेनामी संपत्ति
सांसद निशिकांत दुबे ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि हजारीबाग की एक कंपनी इंनलैंड पावर की ओर से करोड़ों रुपए वहां के झामुमो जिलाध्यक्ष के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं. फिर झामुमो जिलाध्यक्ष ने उस रुपए को जमशेदपुर की अंजैया स्टील के खाते में ट्रांसफर कर दिया. निशिकांत दुबे ने कहा कि मेरा यह व्यक्तिगत मानना है कि अंजैया स्टील हेमंत सोरेन की बेनामी संपत्ति है. मैंने इस संबंध में सारे बैंक खातों की डिटेल ईडी को सौंप दी है. बहुत जल्द जांच के इसमें बड़ा खुलासा होगा. हेमंत सोरेन ने सिर्फ जमीन ही नहीं लूटी है, बल्कि फैक्ट्री भी लूटा है और संपत्ति बनाने का काम किया है.
दुर्गा सोरेन की मौत की हो सीबीआई जांच
निशिकांत दुबे ने कहा कि दुर्गा सोरेन की मौत अस्वाभाविक थी. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि बिना पोस्टमार्टम कराए शव का अंतिम संस्कार क्यों कर दिया गया. सांसद ने कहा कि इस घटना के कुछ दिन पूर्व ही वर्ष 2009 में उन्होंने मेरे खिलाफ गोड्डा लोकसभा का चुनाव लड़ा था और जब मेरी जीत हुई थी तो उन्होंने मुझे बधाई भी दी थी. वे बिल्कुल स्वस्थ थे. ऐसे में अचानक से उनकी मौत होना सवाल खड़े करता है. मुझे यह भी पता चला था कि उनके सिर पर चोट थी. उन्होंने कहा कि मैं इस मौत की सीबीआई जांच की मांग करता हूं.
झामुमो ने निशिकांत के बयान पर किया पलटवार
इधर, निशिकांत दुबे के इस बयान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह ने पलटवार किया है. उनका कहना है कि हमारी पार्टी की जड़ें काफी गहरी हैं. यह पार्टी आंदोलन की उपज है और कहीं कुछ नहीं होने जा रहा है. झामुमो तो पढ़ने और समझने की चीज है. निशिकांत दुबे अहंकार में यह बातें कह रहे हैं, जो सही नहीं है. उनकी आदत जो-सो बोलने की हो गई है. निशिकांत दुबे को अपनी पार्टी के वरीय नेता अटल बिहारी वाजपेयी से सीख लेनी चाहिए कि वाणी में संयम और धैर्य कैसे रखा जाता है.
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