रायपुर: रायपुर सहित दूसरे सिनेमाघर में छत्तीसगढ़ी फिल्म बालिफूल वेलकम टू बस्तर आज रिलीज हुई है. होगी. इस फिल्म की शूटिंग बस्तर सहित तीरथगढ़, चित्रकूट, झीरमघाटी, दोरनापाल, कवर्धा, रायपुर और सिरपुर जैसे जगहों पर हुई है. इस फिल्म में बस्तर के नक्सली समस्या को भी दिखाया गया है. आखिर युवा नक्सली कैसे बनते हैं ? उन्हें समाज की मुख्य धारा में वापस कैसे लाया जाए? इसे फिल्म में दर्शाया गया है. इस फिल्म में बस्तर की संस्कृति और परंपरा घोटुल का भी दृश्य दिखाया गया है, जिसमें युवक और युवती एक दूसरे के साथ कैसे अपने दिन गुजारते हैं और कैसे अपने जीवनसाथी चुनते हैं, इसे भी दिखाया गया है.
20 जगहों पर होगी रिलीज: बालिफुल वेलकम टू बस्तर के निर्माता अजय अग्रवाल ने गुरुवार को प्रेसवार्ता कर फिल्म से संबंधित कई जानकारियां दी. उन्होंने बताया कि "हमारी फिल्म बालिफुल वेलकम टू बस्तर रिलीज होने वाली है. यह प्रदेश के लगभग 20 जगह पर रिलीज हुई. इस फिल्म में बस्तर के कल्चर के साथ ही बस्तर की नक्सली समस्या को भी प्रमुखता से दर्शाया गया है. आखिर बस्तर के युवा नक्सली कैसे बनते हैं? इसकी भी जानकारी फिल्म में दी गई है. इस फिल्म के आखिर में यह भी बताया गया है कि इस समस्या का समाधान क्या है? इस पर भी फोकस किया गया है.
बस्तर का घोटुल प्रथा: बस्तर में घोटुल की जो प्रथा और परंपरा है, उसको भी इस फिल्म में लोग देख सकेंगे. घोटुल एक स्थान होता है, जहां पर बस्तर के बच्चों को शिक्षा दी जाती है. उनकी कल्चर के बारे में बताया जाता है. वहीं से बस्तर के युवा अपने जीवनसाथी का चुनाव करते हैं."
बालिफूल वेलकम टू बस्तर काफी अच्छी फिल्म है. लोगों को जरुर देखना चाहिए, क्योंकि इसमें बस्तर की कहानी को दिखाया गया है. जब किसी महिला की इज्जत पर कोई हाथ डालता है तो क्या करना चाहिए ये डायलॉग काफी अच्छा है. महिला नक्सली का मेरा किरदार है. इस किरदार में मेरे प्रति स्नेह और प्यार भी है. इसके साथ ही बदला लेने की भावना भी. -भानुमति कोसरे, अभिनेत्री
नक्सलियों के संघर्ष को दर्शाया गया है: फिल्म में रिपोर्टर का रोल अदा करने वाले गोविंदा विश्वकर्मा ने बताया कि मुंबई से अपने बॉस के साथ विवाद होने के बाद अपने यार दोस्तों से मिलने के लिए बस्तर आते हैं. इसके साथ ही बस्तर में नक्सली समस्या के अलावा क्या कुछ खास है? इसकी जानकारी मैं फिल्म में कलेक्ट करता हूं. बता दें कि इस फिल्म में बस्तर की मूलभूत समस्या से लेकर नक्सलियों के जीवन से जुड़ी कई जानकारियां दी गई है. साथ ही नक्सलियों के संघर्ष को भी दर्शाया गया है.