नूंह: नूंह के झारपुड़ी गांव में सिमरन नाम की छात्रा की मौत से मातम फैला हुआ है. हादसे के बाद लोगों में आक्रोश है. पीड़ित परिवार इंसाफ की गुहार लगा रहा है. इस दर्दनाक हादसे से जहां परिवार और गांव में मातम है वहीं सिमरन के साथ पढने वाले छात्र-छात्राएं भी गमगीन हैं.
कैसे हुआ हादसा: बिजली निगम की घोर लापरवाही ने सातवीं कक्षा में पढऩे वाली 15 वर्षीय छात्रा सिमरन की जान ले ली. ये दर्दनाक हादसा उस समय हुआ, जब सातवीं कक्षा की छात्रा सिमरन रविवार की देर शाम जंगल से अपने घर के लिए आ रही थी. लेकिन सिमरन को क्या पता कि घर पहुंचने से पहले वह दुनिया ही छोड़ जाएगी. जैसे ही सिमरन धीरे धीरे कदमों से घर की तरफ आगे बढ़ रही थी तो वह नीचे लटक रहे 11 हजार वोल्टेज तारों की चपेट में आ गई. बिजली के तारों से टच होते ही सिमरन ना मदद के लिए गुहार लगा पाई और ना ही खुद को बचा पाई. चंद मिनट में ही वहा दुनिया छोड़ गई.
हादसे से ग्रामीणों में आक्रोश: गांव वालों का कहना है कि जमीन पर लटकती बिजली की लाइन सिमरन सहित अब तक तीन लोगों की जान ले चुकी है. इससे पहले भी 35 वर्षीय आसू और 17 वर्षीय सोहिल अपनी जान गंवा चुके हैं.
हादसे के बाद हरकत में आया विभाग: बिजली निगम के एसडीओ समीम अहमद को जैसे ही इस हादसे के बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत प्रभाव से नीचे लटकती हुई बिजली की लाइनों को ऊपर करने के लिए मौके पर कर्मचारियों को भेज दिया और गांव में नीचे लटकने वाली तमाम लाइनों को ऊपर करने का आदेश दे दिया. बिजली विभाग की यही कार्रवाई पहले की जाती तो सिमरन की जान नहीं जाती. सिमरन के पिता ने प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगायी है.