रामगढ: जिले के रामगढ थाने की हाजत में एक युवक की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पुलिस प्रथम दृष्टया इसे आत्महत्या का मामला बता रही है जबकि परिजन इसे पुलिस की लापरवाही से मौत बता रहे हैं. घटना के बाद मृतक के परिजनों से मिलने के लिए नेताओं के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इसी क्रम में गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी और झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता अमर बाउरी ने परिजनों से मुलाकात की और घटना की निंदा की. वहीं, परिजनों ने पोस्टमार्टम हाउस से शव लेने से इनकार कर दिया है. मामले की जांच के लिए एफएसएल की टीम भी रामगढ़ थाना पहुंची है. 5 सदस्यीय टीम फिंगर प्रिंट समेत कई पहलुओं पर जांच कर रही है.
नेता प्रतिपक्ष ने की घटना की निंदा
भाजपा विधायक दल के नेता अमर बाउरी ने अनिकेत भुइयां की मौत की घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से थाने में घटना हुई और पुलिस खुद को बचाने के लिए जिस तरह से दलील दे रही है, उससे कई सवाल खड़े होते हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में मौत पूरी तरह से अपराध मानी जाती है. अगर यही काम कोई और करता तो धारा 302 लग जाती और उसे जेल जाना पड़ता. स्थानीय प्रशासन पर कोई भरोसा नहीं है, 72 घंटे होने वाले हैं और इन गरीबों की सुध लेने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोई एसडीओ, सीओ या जिले का कोई अधिकारी नहीं आया है.
अमर बाउरी ने कहा कि हमने सदन में मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांगें रखी हैं. नियमानुसार परिजनों को मुआवजा, जमीन व मकान दिया जाएय इन लोगों ने रामगढ़ थाने में मामला दर्ज करने के लिए आवेदन भी दिया है. मामला दर्ज किया जाना चाहिए ताकि न्याय और कानून पर भरोसा कायम रहे. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो सदन में कांग्रेस, झामुमो और राजद के नेताओं को इसका जवाब देना होगा. उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
सांसद ने पुलिस और सरकार पर साधा निशाना
गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में अपराधियों ने आतंक मचा रखा है और सरकार सो रही है. कल तक सिर्फ अपराधी बेलगाम थे, लेकिन रामगढ़ की घटना से पता चला है कि अब पुलिस भी बेलगाम हो गयी है. चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि पीड़ित परिवार बेहद गरीब है और युवक की मौत पुलिस हिरासत में हुई है. उनकी मांग है कि राज्य सरकार पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दे और एक सदस्य को सरकार नौकरी दे. वहीं परिजनों का कहना है कि उनके बेटे की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है और अब पुलिस पूरे मामले में लीपापोती कर रही है.
पुलिस की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति
वहीं इस पूरे मामले को लेकर पुलिस की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी है. जिसमें लिखा है कि तीन दिन पहले चैंबर ऑफ कॉमर्स रामगढ़ के कार्यालय में हुई चोरी की घटना से संबंधित जांच के दौरान अनिकेत भुइयां उर्फ कोका को संदिग्ध पाया गया और उसे पूछताछ के लिए रामगढ़ थाना लाया गया. 22 फरवरी को सुबह करीब 10:20 बजे थाना प्रभारी को सूचना मिली कि मृतक ने रामगढ़ थाना हाजत में कथित तौर पर आत्महत्या का प्रयास किया है. जिसके बाद उसे तुरंत सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को लिखित रूप से सूचित किया गया है और आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के आलोक में मजिस्ट्रेट और वीडियोग्राफर की उपस्थिति में पोस्टमॉर्टम कराया गया है. इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच कराने के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को न्यायिक जांच के लिए लिखित रिपोर्ट भेज दी गयी है.
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