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इलेक्ट्रिक बसों का हब बनेगा गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा, इन शहरों से प्रदेश को जोड़ेंगी बसें - electric buses in UP

तीन रीजन से यूपी के विभिन्न शहरों की इलेक्ट्रिक बसों से कनेक्टिविटी की जाएगी. परिवहन निगम अपने वर्कशॉप में बसों के खड़े होने के स्थान से लेकर चार्जिंग प्वाइंट्स बनाएगा.

इलेक्ट्रिक बसों का हब बनेंगे तीन रीजन
इलेक्ट्रिक बसों का हब बनेंगे तीन रीजन (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 5:31 PM IST

इलेक्ट्रिक बसों का हब बनेगा गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम कुल 5000 इलेक्ट्रिक बसों को चलाने की तैयारी कर रहा है. इनमें इलेक्ट्रिक अनुबंधित बसें और यूपीएसआरटीसी की अपनी 100 बसें शामिल होंगी. यूपीएसआरटीसी अपनी खुद की जो इलेक्ट्रिक बसें खरीदेगा उनकी संख्या 100 होगी. इन बसों का हब प्रयागराज, गाजियाबाद और आगरा बनेगा. इन्हीं तीन रीजन से प्रदेश के विभिन्न शहरों की इलेक्ट्रिक बसों से कनेक्टिविटी की जाएगी.

परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक बताते हैं कि इन तीन शहरों में परिवहन निगम अपने वर्कशॉप में बसों के खड़े होने के स्थान से लेकर चार्जिंग प्वाइंट्स बनाएगा. इन्हीं शहरों से प्रदेश की राजधानी लखनऊ को जोड़ा जाएगा और अन्य शहरों को भी कनेक्ट किया जाएगा. स्विच मोबिलिटी नाम की फर्म को बसों की खरीद का टेंडर दिया गया है. यही फर्म परिवहन निगम के लिए 100 इलेक्ट्रिक बसें खरीदेगी.


उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार परिवहन निगम की बसों को इलेक्ट्रिक बसों से रिप्लेस करने की योजना पर कार्य कर रही है. 5000 इलेक्ट्रिक बसों की 14 जून को टेंडर प्रक्रिया संपन्न होने जा रही है. प्रदेश को प्रदूषण रहित 5000 इलेक्ट्रिक बसों का सौगात जल्द मिलेगी. पहले चरण में प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद क्षेत्रों से जुड़े जनपदों के बीच लगभग 200 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली इलेक्ट्रिक बसें लगाई जाएंगी.

उन्होंने बताया कि प्रयागराज से निकटवर्ती जिलों बनारस, कानपुर, विंध्याचल धाम, चित्रकूट, अयोध्या, लखनऊ को जोड़ा जाएगा. आगरा और गाजियाबाद रीजन के निकटवर्ती जनपदों को भी इलेक्ट्रिक बसों से जोड़ा जाएगा. इलेक्ट्रिक बसें पर्यावरण हितैषी होने के साथ-साथ आरामदायक भी हैं. इलेक्ट्रिक बसें अनुबंध के आधार पर लगाई जाएंगी. बसों पर रखे जाने वाले चालक बस मालिक ही रखेंगे. इसके अलावा परिचालक वाहन मालिक स्वयं भी रख सकते हैं या यूपीएसआरटीसी भी उपलब्ध कराएगा.

उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों का किराया वर्तमान में चल रहीं 3x2 और 2x2 सीटर एसी बसों के बराबर ही होगा. चार्जिंग स्टेशन के लिए जमीन और विद्युत कनेक्शन परिवहन निगम उपलब्ध कराएगा. परिवहन निगम के डिपो में यह व्यवस्था उपलब्ध होगी. इन बसों का 12 वर्षों तक मेंटेनेंस वाहन स्वामी ही करेंगे. इसके अलावा ड्राइवर की ट्रेनिंग की व्यवस्था भी वाहन स्वामियों को ही करनी होगी. टेंडर के माध्यम से अनुबंध पर लगाए जाने वाली बसें तीन प्रकार की रहेंगी. 12 मीटर लंबी 2x2 सीटर, 12 मीटर लंबी 3x2 सीटर और नौ मीटर लंबी 2x3 सीटर बसें होंगी.

क्या कहते हैं प्रधान प्रबंधक : परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक व प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि कल 5000 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन परिवहन निगम कराएगा. इनमें से 100 बसें परिवहन निगम की अपनी होंगी. परिवहन निगम की इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए फर्म का चयन हो चुका है. स्विच मोबिलिटी को इसमें टेंडर मिला है. प्रयागराज, गाजियाबाद और आगरा तीन जगह इन बसों का हब बनाया जाएगा. चार्जिंग स्टेशन बनाने में कुछ समय लगेगा. बिजली का कनेक्शन लेना पड़ेगा. उसके बाद निर्माण कार्य कराया जाएगा. लगभग नौ माह तो इसमें लगेंगे ही. इन शहरों से लखनऊ और अन्य आसपास के जिले जोड़े जाएंगे. यात्रियों को बड़ी राहत इन बसों से मिलेगी.

यह भी पढ़ें : यूपी रोडवेज 2500 रूटों पर चलाएगा 5000 इलेक्ट्रिक बसें, यात्रियों को हाईटेक एसी बसों में सफर की सुविधा - up roadways

यह भी पढ़ें : यूपी रोडवेज में निकली भर्तियां: ड्राइवर पद के लिए महिला-पुरुष कर सकेंगे अप्लाई, जानिए- पूरी प्रक्रिया - Drivers recruitment in UP Roadways

इलेक्ट्रिक बसों का हब बनेगा गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम कुल 5000 इलेक्ट्रिक बसों को चलाने की तैयारी कर रहा है. इनमें इलेक्ट्रिक अनुबंधित बसें और यूपीएसआरटीसी की अपनी 100 बसें शामिल होंगी. यूपीएसआरटीसी अपनी खुद की जो इलेक्ट्रिक बसें खरीदेगा उनकी संख्या 100 होगी. इन बसों का हब प्रयागराज, गाजियाबाद और आगरा बनेगा. इन्हीं तीन रीजन से प्रदेश के विभिन्न शहरों की इलेक्ट्रिक बसों से कनेक्टिविटी की जाएगी.

परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक बताते हैं कि इन तीन शहरों में परिवहन निगम अपने वर्कशॉप में बसों के खड़े होने के स्थान से लेकर चार्जिंग प्वाइंट्स बनाएगा. इन्हीं शहरों से प्रदेश की राजधानी लखनऊ को जोड़ा जाएगा और अन्य शहरों को भी कनेक्ट किया जाएगा. स्विच मोबिलिटी नाम की फर्म को बसों की खरीद का टेंडर दिया गया है. यही फर्म परिवहन निगम के लिए 100 इलेक्ट्रिक बसें खरीदेगी.


उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार परिवहन निगम की बसों को इलेक्ट्रिक बसों से रिप्लेस करने की योजना पर कार्य कर रही है. 5000 इलेक्ट्रिक बसों की 14 जून को टेंडर प्रक्रिया संपन्न होने जा रही है. प्रदेश को प्रदूषण रहित 5000 इलेक्ट्रिक बसों का सौगात जल्द मिलेगी. पहले चरण में प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद क्षेत्रों से जुड़े जनपदों के बीच लगभग 200 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली इलेक्ट्रिक बसें लगाई जाएंगी.

उन्होंने बताया कि प्रयागराज से निकटवर्ती जिलों बनारस, कानपुर, विंध्याचल धाम, चित्रकूट, अयोध्या, लखनऊ को जोड़ा जाएगा. आगरा और गाजियाबाद रीजन के निकटवर्ती जनपदों को भी इलेक्ट्रिक बसों से जोड़ा जाएगा. इलेक्ट्रिक बसें पर्यावरण हितैषी होने के साथ-साथ आरामदायक भी हैं. इलेक्ट्रिक बसें अनुबंध के आधार पर लगाई जाएंगी. बसों पर रखे जाने वाले चालक बस मालिक ही रखेंगे. इसके अलावा परिचालक वाहन मालिक स्वयं भी रख सकते हैं या यूपीएसआरटीसी भी उपलब्ध कराएगा.

उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों का किराया वर्तमान में चल रहीं 3x2 और 2x2 सीटर एसी बसों के बराबर ही होगा. चार्जिंग स्टेशन के लिए जमीन और विद्युत कनेक्शन परिवहन निगम उपलब्ध कराएगा. परिवहन निगम के डिपो में यह व्यवस्था उपलब्ध होगी. इन बसों का 12 वर्षों तक मेंटेनेंस वाहन स्वामी ही करेंगे. इसके अलावा ड्राइवर की ट्रेनिंग की व्यवस्था भी वाहन स्वामियों को ही करनी होगी. टेंडर के माध्यम से अनुबंध पर लगाए जाने वाली बसें तीन प्रकार की रहेंगी. 12 मीटर लंबी 2x2 सीटर, 12 मीटर लंबी 3x2 सीटर और नौ मीटर लंबी 2x3 सीटर बसें होंगी.

क्या कहते हैं प्रधान प्रबंधक : परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक व प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि कल 5000 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन परिवहन निगम कराएगा. इनमें से 100 बसें परिवहन निगम की अपनी होंगी. परिवहन निगम की इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए फर्म का चयन हो चुका है. स्विच मोबिलिटी को इसमें टेंडर मिला है. प्रयागराज, गाजियाबाद और आगरा तीन जगह इन बसों का हब बनाया जाएगा. चार्जिंग स्टेशन बनाने में कुछ समय लगेगा. बिजली का कनेक्शन लेना पड़ेगा. उसके बाद निर्माण कार्य कराया जाएगा. लगभग नौ माह तो इसमें लगेंगे ही. इन शहरों से लखनऊ और अन्य आसपास के जिले जोड़े जाएंगे. यात्रियों को बड़ी राहत इन बसों से मिलेगी.

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