नई दिल्ली/गाजियाबाद: प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में चतुर्दशी यानि सावन शिवरात्रि पर रिकॉर्ड श्रद्धालुओं ने भोले बाबा का जलाभिषेक किया. मंदिर के महंत की मानें तो 48 घंटे तक लगातार जलाभिषेक चलता रहा. भोले के भक्तों ने ना दिन देखा ना रात देखी बस बाबा के दर्शन के लिए कतारों में लगे रहे और जलाभिषेक कर बाबा से अपनी मनोकामना मांगी.
रात 12 बजे के बाद भी लगी रही लंबी कतारें
जलाभिषेक का सिलसिला शुक्रवार को दोपहर 3 बजकर 27 मिनट से शुरू हुआ, मगर जलाभिषेक को लेकर गुरूवार की दोपहर से ही कतार लगनी शुरू हो गई थी. मंदिर के महंत नारायण गिरी ने बताया कि त्रयोदशी और हाजरी का जल चढ़ाने के लिए भी इस बार भक्तों को घंटों इंतजार करना पड़ा. सावन शिवरात्रि पर भगवान दूधेश्वर का अभिषेक करने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान व पंजाब के लाखों कांवडिये आए हैं. शुक्रवार की रात्रि 12 बजे के बाद भी लंबी कतारें लगी रहीं.
48 घंटे तक चला जलाभिषेक
महाराज नारायण गिरी ने बताया कि मंदिर के महंत के रूप में उन्हें 38 वर्ष हो चुके हैं, मगर इतनी भीड़ उन्होंने आज तक नहीं देखी. 48 घंटे तक लगातार जलाभिषेक का सिलसिलाा पहली बार देखा गया. कांवड़ियों और शिवभक्तों की भक्ति, आस्था व श्रद्धा के चलते मंदिर में ऐसा दिव्य व भव्य वातावरण बना कि हर कोई ही शिवमय हो गया. शनिवार को भी भक्तों के आने और जलाभिषेक करने का सिलसिला निरंतर चलता रहा. मंदिर में इस बार कांवड़ियों व शिवभक्तों की भीड़ के सभी रिकार्ड टूट गए. हर किसी का यही कहना था कि इतनी भीड़ पहले कभी नहीं देखी. दरअसल, गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर को लेकर काफी मानता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान दूधेश्वर के द्वार से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है. इसलिए यहां भक्तों की भीड़ कभी कम नहीं होती
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