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गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने 2 मंत्रियों और 2 विधायकों की सदस्‍यता रद्द की - GHAZIABAD BAR CANCELS MEMBERSHIP

गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने मंत्री सुनील शर्मा, राज्यमंत्री नरेंद्र कुमार कश्यप, लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर और मुरादनगर विधायक अजील पाल की सदस्यता रद्द की

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गाजियाबाद बार एसोसिएशन के सदस्य (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 6, 2024, 11:38 AM IST

Updated : Dec 6, 2024, 5:07 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में 29 अक्टूबर 2024 को जिला न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज का मामला धीरे-धीरे एक संगठित आंदोलन का रूप लेता जा रहा है. अधिवक्ताओं की यूनियन, बार एसोसिएशन गाजियाबाद, ने इस घटना के बाद से लगभग पांच हफ्तों से हड़ताल पर हैं और उन्होंने अब एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है.

दो मंत्री और दो विधायकों की सदस्यता निरस्त: बार एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश सरकार के चार जनप्रतिनिधियों - कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप, लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर, और मुरादनगर विधायक अजीत पाल त्यागी - की सदस्यता को स्थाई रूप से समाप्त करने का ऐलान किया है. यह निर्णय उन जनप्रतिनिधियों द्वारा आंदोलन पर अपनी स्थिति स्पष्ट न करने और किसी भी सक्रिय भूमिका नहीं निभाने के कारण लिया गया है. दरअसल, ये चारों बार एसोसिएशन के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सदस्य रह चुके हैं. इसलिए बार एसोसिएशन ने इन चारों की सदस्यता रद्द करने का ऐलान किया है.

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया, "29 नवंबर 2024 को पत्र के माध्यम से चारों जनप्रतिनिधियों को सूचित किया गया था कि वे अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि वे वकीलों के इस आंदोलन में सहयोग देंगे या नहीं. परंतु आज तक किसी ने भी हमारी मांगों को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. इसलिए, बार एसोसिएशन गाजियाबाद की कार्यकारिणी ने 5 दिसंबर 2024 से चारों की स्थाई सदस्यता रद्द करने का निर्णय लिया है."

इस परिप्रेक्ष्य में, बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के समस्त जिला बार एसोसिएशनों और अन्य संगठनों को एक महत्वपूर्ण सभा के लिए आमंत्रित किया है। इस सभा का उद्देश्य आंदोलन की रणनीति तैयार करना है, और इसमें गाजियाबाद ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के सभी अधिवक्ताओं की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।

सचिव अमित कुमार नेहरा ने कहा, "आज (6 दिसंबर 2024) को होने वाली सभा में अधिवक्ता अपनी राय साझा करेंगे और आंदोलन की आगामी रूपरेखा तैयार करेंगे."

अधिवक्ताओं का मानना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. हाल ही में, बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने यह प्रस्ताव पारित किया है कि यदि कोई अधिवक्ता उनकी ओर से पारित प्रस्ताव के विरुद्ध न्यायालय या पुलिस कमिश्नरेट न्यायालय में न्यायिक कार्य करते हुए पाया जाता है, तो उसकी सदस्यता पांच वर्ष के लिए रद्द की जाएगी.

यह भी पढ़ें- कार्य करने के इच्छुक अधिवक्ता को रोका तो होगी कार्रवाई, गाजियाबाद कोर्ट में सख्ती

यह भी पढ़ें- गाजियाबाद के आर्य मंदिर में कराई जा रही थी फर्जी आधार कार्ड से शादी, 2 गिरफ्तार

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में 29 अक्टूबर 2024 को जिला न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज का मामला धीरे-धीरे एक संगठित आंदोलन का रूप लेता जा रहा है. अधिवक्ताओं की यूनियन, बार एसोसिएशन गाजियाबाद, ने इस घटना के बाद से लगभग पांच हफ्तों से हड़ताल पर हैं और उन्होंने अब एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है.

दो मंत्री और दो विधायकों की सदस्यता निरस्त: बार एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश सरकार के चार जनप्रतिनिधियों - कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप, लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर, और मुरादनगर विधायक अजीत पाल त्यागी - की सदस्यता को स्थाई रूप से समाप्त करने का ऐलान किया है. यह निर्णय उन जनप्रतिनिधियों द्वारा आंदोलन पर अपनी स्थिति स्पष्ट न करने और किसी भी सक्रिय भूमिका नहीं निभाने के कारण लिया गया है. दरअसल, ये चारों बार एसोसिएशन के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सदस्य रह चुके हैं. इसलिए बार एसोसिएशन ने इन चारों की सदस्यता रद्द करने का ऐलान किया है.

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया, "29 नवंबर 2024 को पत्र के माध्यम से चारों जनप्रतिनिधियों को सूचित किया गया था कि वे अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि वे वकीलों के इस आंदोलन में सहयोग देंगे या नहीं. परंतु आज तक किसी ने भी हमारी मांगों को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. इसलिए, बार एसोसिएशन गाजियाबाद की कार्यकारिणी ने 5 दिसंबर 2024 से चारों की स्थाई सदस्यता रद्द करने का निर्णय लिया है."

इस परिप्रेक्ष्य में, बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के समस्त जिला बार एसोसिएशनों और अन्य संगठनों को एक महत्वपूर्ण सभा के लिए आमंत्रित किया है। इस सभा का उद्देश्य आंदोलन की रणनीति तैयार करना है, और इसमें गाजियाबाद ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के सभी अधिवक्ताओं की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।

सचिव अमित कुमार नेहरा ने कहा, "आज (6 दिसंबर 2024) को होने वाली सभा में अधिवक्ता अपनी राय साझा करेंगे और आंदोलन की आगामी रूपरेखा तैयार करेंगे."

अधिवक्ताओं का मानना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. हाल ही में, बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने यह प्रस्ताव पारित किया है कि यदि कोई अधिवक्ता उनकी ओर से पारित प्रस्ताव के विरुद्ध न्यायालय या पुलिस कमिश्नरेट न्यायालय में न्यायिक कार्य करते हुए पाया जाता है, तो उसकी सदस्यता पांच वर्ष के लिए रद्द की जाएगी.

यह भी पढ़ें- कार्य करने के इच्छुक अधिवक्ता को रोका तो होगी कार्रवाई, गाजियाबाद कोर्ट में सख्ती

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Last Updated : Dec 6, 2024, 5:07 PM IST
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