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क्यों गया की डिप्टी मेयर चिंता देवी बेच रहीं सब्जी, जानें कारण

गया की डिप्टी मेयर बाजार में सब्जी बेचती दिखीं. पिछले 1 महीने से चिंता देवी यह काम कर रही हैं. जानें कारण.

deputy mayor Chinta Devi
गया डिप्टी मेयर चिंता देवी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 17 hours ago

Updated : 17 hours ago

गया: गया के केदारनाथ मार्केट में हैरान करने वाला नजारा तब देखने को मिला, जब गया की डिप्टी मेयर चिंता देवी सब्जी बेचती दिखी. पता चला कि वह आज या कल से नहीं, बल्कि पिछले 1 महीने से सब्जी बेच रही हैं. डिप्टी मेयर होते हुए सब्जी बेचने का कारण थोड़ा और हैरान करने वाला है.

गया की डिप्टी मेयर बेच रही सब्जी : डिप्टी मेयर चिंता देवी का कहना है, कि बगैर एक रुपए की भी कमाई के डिप्टी मेयर की कुर्सी पर बैठकर भूखे मरने से अच्छा है कि सब्जी बेचें. वहीं डिप्टी मेयर चिन्ता देवी नगर निगम के मेयर और नगर निगम अधिकारियों पर भी नाराज दिखीं. आरोप लगाया कि हमारी उपेक्षा की जाती है. मीटिंग में भी नहीं बुलाया जाता है. कोई भी जानकारी नहीं दी जाती है.

deputy mayor Chinta Devi
चिंता देवी सब्जी बेचने को मजबूर (ETV Bharat)
डिप्टी मेयर बेच रही कद्दू कोहड़ा (ETV Bharat)

"डिप्टी मेयर बनने के बाद भी एक रुपए का इनकम नहीं है. कुर्सी पर बैठकर भूखे मरने से अच्छा है, कि सब्जी बेचूं. हमें दो लड़कियों की शादी करनी है. कैसे करेंगे? कमाएंगे तब न बेटियों की शादी करेंगे. मेरे पति को गुजरे 20 साल हो गए. सबकुछ मैंने कमाकर किया है. किसी से कर्जा नहीं लिया है. आज हम क्या कर्जा लेकर बेटियों की शादी करेंगे. ऐसा बिल्कुल नहीं करेंगे. भगवान ने मुझे कमाकर खाने लायक स्वस्थ शरीर दिया है."- चिंता देवी, डिप्टी मेयर, गया

'कौन क्या कर रहा है, सब हमको पता है': डिप्टी मेयर चिंता देवी अपनी उपेक्षा से भी खासी नाराज हैं. उनकी बातों से प्रतीत होता है, कि वह नगर निगम के विकास कार्यों में कहीं न कहीं भ्रष्टाचार होने का आरोप भी लगा रही हैं. डिप्टी मेयर चिंता देवी का कहना है, कि इतना नाली गली सब बन गया, हमको कुछ नहीं मिला. कौन क्या कर रहा है, यह हम सबको पता है.

deputy mayor Chinta Devi
एक महीने से केदारनाथ मार्केट में बेच रहीं सब्जी (ETV Bharat)
deputy mayor Chinta Devi
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

'₹1 का आज तक इनकम नहीं हुआ': चिंता देवी बताती है, कि जब से वह डिप्टी मेयर के पद पर बनी हैं, उन्हें ₹1 का इनकम नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि पहले मैं नगर निगम की कर्मी थी और झाड़ू लगाती थी, उसके बाद रिटायर हुई तो तब से पेंशन मिल रहा है. आज भी वही पेंशन हमारे काम आ रहा है. वह पेंशन न मिले, तो हमारे परिवार की गाड़ी कैसे चलेगी.

कौन हैं चिंता देवी: बता दें कि सड़कों पर झाड़ू लगाने से लेकर सिर पर मैला ढोने वाली महिला चिंता देवी गया की डिप्टी मेयर बनीं. सड़क पर झाड़ू देने वाली महादलित महिला का डिप्टी मेयर बनना एक मिसाल के तौर पर देखा जाता है, लेकिन डिप्टी मेयर बनने के बाद भी चिंता देवी की परिस्थिति में बदलाव नहीं आया. वह कहीं न कहीं वह उपेक्षित हो रही हैं, जिसके कारण उन्होंने डिप्टी मेयर की कुर्सी पर बैठने के बजाय अब सब्जी बेचना बेहतर समझा है.

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गया की डिप्टी मेयर बेच रही सब्जी : डिप्टी मेयर चिंता देवी का कहना है, कि बगैर एक रुपए की भी कमाई के डिप्टी मेयर की कुर्सी पर बैठकर भूखे मरने से अच्छा है कि सब्जी बेचें. वहीं डिप्टी मेयर चिन्ता देवी नगर निगम के मेयर और नगर निगम अधिकारियों पर भी नाराज दिखीं. आरोप लगाया कि हमारी उपेक्षा की जाती है. मीटिंग में भी नहीं बुलाया जाता है. कोई भी जानकारी नहीं दी जाती है.

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चिंता देवी सब्जी बेचने को मजबूर (ETV Bharat)
डिप्टी मेयर बेच रही कद्दू कोहड़ा (ETV Bharat)

"डिप्टी मेयर बनने के बाद भी एक रुपए का इनकम नहीं है. कुर्सी पर बैठकर भूखे मरने से अच्छा है, कि सब्जी बेचूं. हमें दो लड़कियों की शादी करनी है. कैसे करेंगे? कमाएंगे तब न बेटियों की शादी करेंगे. मेरे पति को गुजरे 20 साल हो गए. सबकुछ मैंने कमाकर किया है. किसी से कर्जा नहीं लिया है. आज हम क्या कर्जा लेकर बेटियों की शादी करेंगे. ऐसा बिल्कुल नहीं करेंगे. भगवान ने मुझे कमाकर खाने लायक स्वस्थ शरीर दिया है."- चिंता देवी, डिप्टी मेयर, गया

'कौन क्या कर रहा है, सब हमको पता है': डिप्टी मेयर चिंता देवी अपनी उपेक्षा से भी खासी नाराज हैं. उनकी बातों से प्रतीत होता है, कि वह नगर निगम के विकास कार्यों में कहीं न कहीं भ्रष्टाचार होने का आरोप भी लगा रही हैं. डिप्टी मेयर चिंता देवी का कहना है, कि इतना नाली गली सब बन गया, हमको कुछ नहीं मिला. कौन क्या कर रहा है, यह हम सबको पता है.

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एक महीने से केदारनाथ मार्केट में बेच रहीं सब्जी (ETV Bharat)
deputy mayor Chinta Devi
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

'₹1 का आज तक इनकम नहीं हुआ': चिंता देवी बताती है, कि जब से वह डिप्टी मेयर के पद पर बनी हैं, उन्हें ₹1 का इनकम नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि पहले मैं नगर निगम की कर्मी थी और झाड़ू लगाती थी, उसके बाद रिटायर हुई तो तब से पेंशन मिल रहा है. आज भी वही पेंशन हमारे काम आ रहा है. वह पेंशन न मिले, तो हमारे परिवार की गाड़ी कैसे चलेगी.

कौन हैं चिंता देवी: बता दें कि सड़कों पर झाड़ू लगाने से लेकर सिर पर मैला ढोने वाली महिला चिंता देवी गया की डिप्टी मेयर बनीं. सड़क पर झाड़ू देने वाली महादलित महिला का डिप्टी मेयर बनना एक मिसाल के तौर पर देखा जाता है, लेकिन डिप्टी मेयर बनने के बाद भी चिंता देवी की परिस्थिति में बदलाव नहीं आया. वह कहीं न कहीं वह उपेक्षित हो रही हैं, जिसके कारण उन्होंने डिप्टी मेयर की कुर्सी पर बैठने के बजाय अब सब्जी बेचना बेहतर समझा है.

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Last Updated : 17 hours ago
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