बुरहानपुर। हर सब्जी का अभिन्न अंग लहसुन आम आदमी की पहुंच से दूर जा चुका है. व्यापारियों का कहना है कि इस बार लहसुन उत्पादक शहरों में फसल खराब हो गई है. इससे लहसुन का उत्पादन कम हुआ है. मंडियों में आवक घट गई है. मंडियों में लहसुन की खासी किल्लत है. बुरहानपुर मंडी में इंदौर, नीमच से लहसून की आपूर्ति होती है. लेकिन इन शहरों में भी लहसुन के दाम आसमान छू रहे हैं. स्थानीय मंडी में डिमांड के मुताबिक आपूर्ति नहीं हो पा रही है. रोजाना 80 कट्टों की मांग है कि लेकिन 50 कट्टे ही लहसून मिल पा रहा है.
मंडी में ही रेट साढ़े 3 सौ प्रति किलो चल रहे हैं
बुरहानपुर व्यापार मंडी में लहसुन के दाम 260 से लेकर 350 तक हैं. यही लहसुन फुटकर व्यापारी 400 रुपये किलो तक बेच रहे हैं. आवक घटने के चलते लहसुन के दाम थोक मंडियों में ही ₹30000 प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं. यही वजह है कि इतना महंगा लहसुन खरीद पाना अब आम आदमी के लिए मुश्किल साबित हो रहा है. व्यापारियों के मुताबिक लहसुन की नई उपज आने में 6 महीने शेष हैं. ऐसे में लहसुन की कीमत अभी और बढ़ेगी.
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रेट अभी और बढ़ने के आसार
हर तरह के नमकीन व्यंजनों का जायका बढ़ाने वाला लहसुन अब ड्राई फ्रूट की श्रेणी में शुमार हो गया है. दो साल पहले तक 80 रुपये किलो बिकने वाला लहसुन के दाम में इस बार अचानक बढ़ोतरी हुई है. छोटी मंडियों में लहसुन की भारी कमी है. लोगों का कहना है कि व्यापारी जमाखोरी करके इसका जमकर फायदा उठा रहे हैं. गली मोहल्लों में फेरी लगाकर लहसुन बेचने वाले विक्रेताओं को पूर्ति नहीं हो पा रही है. फुटकर व्यापारी मोहम्मद रईस ने बताया "थोक व्यापारी 260 से 320 रुपये किलो के भाव से लहसून बेच रहे हैं. हम उनसे खरीदकर लाते हैं. हमें ट्रांसपोर्ट खर्च, हम्माली सहित अन्य खर्च चुकाना पड़ता है, जिसके चलते 360 रुपये किलो लहसून बेचना पड़ रहा है."