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उत्तराखंड में इस पर्यटन सर्किट में मिलेगा साहित्य, प्रकृति और रोमांच, जानें बिग बी ने क्यों दी बधाई - GARHWAL UNIVERSITY

साहित्य और प्रकृति प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है. उत्तराखंड में 90 किमी का नया सुमित्रानंदन पंत पर्यटन सर्किट खुलने जा रहा है.

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सुमित्रानंदन पंत पर्यटन पथ (@UTDBofficial)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 4, 2024, 1:40 PM IST

Updated : Dec 4, 2024, 4:11 PM IST

श्रीनगर: उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता और खूबसूरत वादियों के लिए देश-विदेश में जाना जाता है. यहां कई दर्शनीय और खूबसूरत पर्यटक स्थल हैं, जो पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं. साथ ही उत्तराखंड में कुछ जगहें ऐसी भी हैं, जो अभी तक पर्यटकों की नजरों से ओझल हैं. इन्हीं जगहों को पर्यटकों की नजरों में लाने के लिए गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्वतीय पर्यटन एवं आतिथ्य केंद्र द्वारा सुमित्रानंदन पंत पर्यटन पथ का सर्वे कर उसे पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने का काम किया जा रहा है.

सुमित्रानंदन पंत के जीवन से जुड़ा है पर्यटन सर्किट: इस पर्यटन सर्किट के माध्यम से पर्यटकों को सुमित्रानंदन पंत के जीवन से भी जोड़ा जाएगा. वहीं उत्तराखंड घूमने आने वाले लोगों के लिये भी पर्यटन सर्किट के रूप कई पर्यटक स्थलों की सौगात मिलेगी. इस पर्यटन सर्किट को ग्रामीण पर्यटन, हेरिटेज वॉक, नेचर वॉक और हिमालय दर्शन से जोड़कर बनाया जाएगा.

उत्तराखंड में इस पर्यटन सर्किट में मिलेगा साहित्य, प्रकृति और रोमांच (ETV Bharat और गढ़वाल विवि के पर्यटन विभाग)

90 किलोमीटर का होगा पूरा पर्यटन सर्किट: इसके अलावा यह पर्यटन सर्किट साहित्य प्रेमी, रचनाकार और वाइल्ड लाइफ में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिये खास होगा. यह पर्यटन सर्किट लगभग 90 किलोमीटर का होगा. गढ़वाल विवि के पर्यटन विभाग के परियोजना अधिकारी डॉ. सर्वेश उनियाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि छायावाद के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंद पंत का पैतृक गांव स्यूंनराकोट रहा है और कौसानी में उनका लालन-पालन हुआ है. साहित्यकार, फ़िल्म मेकर्स और प्रकृति प्रेमी लोगों को पंत के जीवन और इन पर्यटक स्थलों की ओर आकर्षित करने के लिए इस पर्यटन सर्किट का सर्वे किया जा रहा है.

साहित्य प्रेमियों के लिए भी बहुत कुछ: डॉ. उनियाल आगे बताते हैं कि यह पर्यटन सर्किट चमोली के ग्वालदम से लेकर कौसानी, अल्मोड़ा तक लगभग 90 किलोमीटर है. सुमित्रानंदन पंत का बचपन कौसानी में बीता, उनका पैतृक गांव सोमेश्वर घाटी में पाथली बगड़ के पास खतिमपुर में है. उनकी प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा में हुई. इसलिये इन क्षेत्रों को पर्यटन सर्किट से जोड़ा जा रहा है.

इस पर्यटन सर्किट में सोमेश्वर घाटी और गरुड़ घाटी भी शामिल है, जो पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. इसके अलावा अल्मोड़ा में कटारमल सूर्यमंदिर और सोमेश्वर घाटी के कई गांव भी इस सर्किट में शामिल हैं. ये सारे क्षेत्र ऑथर्स होम, योग और स्वास्थ्य पर्यटन के लिये बेहद खास हैं.

अमिताभ बच्चन ने रिपोर्ट की सराहना की: सुमित्रानंदन पंत पर्यटन पथ की सर्वे रिपोर्ट उत्तराखंड पर्यटन विभाग को भेज दी गई है. सब ठीक-ठाक रहा, तो जल्द ही इस सर्किट के जरिये पर्यटक पर्यटन यात्रा कर पाएंगे. गढ़वाल विवि के पर्यटन विभाग द्वारा इस पर्यटन सर्किट को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री तैयार की जा रही है. साथ ही सर्वे रिपोर्ट भी तैयार हो चुकी है. कवि हरिवंश राय बच्चन और सुमित्रानंद पंत की घनिष्ठ मित्रता को देखते हुए सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट अभिनेता अमिताभ बच्चन को भेजी गई थी. अमिताभ बच्चन ने रिपोर्ट की सराहना करते हुए एक कॉपी पर हस्ताक्षर कर शुभकामनाएं दी.

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श्रीनगर: उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता और खूबसूरत वादियों के लिए देश-विदेश में जाना जाता है. यहां कई दर्शनीय और खूबसूरत पर्यटक स्थल हैं, जो पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं. साथ ही उत्तराखंड में कुछ जगहें ऐसी भी हैं, जो अभी तक पर्यटकों की नजरों से ओझल हैं. इन्हीं जगहों को पर्यटकों की नजरों में लाने के लिए गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्वतीय पर्यटन एवं आतिथ्य केंद्र द्वारा सुमित्रानंदन पंत पर्यटन पथ का सर्वे कर उसे पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने का काम किया जा रहा है.

सुमित्रानंदन पंत के जीवन से जुड़ा है पर्यटन सर्किट: इस पर्यटन सर्किट के माध्यम से पर्यटकों को सुमित्रानंदन पंत के जीवन से भी जोड़ा जाएगा. वहीं उत्तराखंड घूमने आने वाले लोगों के लिये भी पर्यटन सर्किट के रूप कई पर्यटक स्थलों की सौगात मिलेगी. इस पर्यटन सर्किट को ग्रामीण पर्यटन, हेरिटेज वॉक, नेचर वॉक और हिमालय दर्शन से जोड़कर बनाया जाएगा.

उत्तराखंड में इस पर्यटन सर्किट में मिलेगा साहित्य, प्रकृति और रोमांच (ETV Bharat और गढ़वाल विवि के पर्यटन विभाग)

90 किलोमीटर का होगा पूरा पर्यटन सर्किट: इसके अलावा यह पर्यटन सर्किट साहित्य प्रेमी, रचनाकार और वाइल्ड लाइफ में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिये खास होगा. यह पर्यटन सर्किट लगभग 90 किलोमीटर का होगा. गढ़वाल विवि के पर्यटन विभाग के परियोजना अधिकारी डॉ. सर्वेश उनियाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि छायावाद के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंद पंत का पैतृक गांव स्यूंनराकोट रहा है और कौसानी में उनका लालन-पालन हुआ है. साहित्यकार, फ़िल्म मेकर्स और प्रकृति प्रेमी लोगों को पंत के जीवन और इन पर्यटक स्थलों की ओर आकर्षित करने के लिए इस पर्यटन सर्किट का सर्वे किया जा रहा है.

साहित्य प्रेमियों के लिए भी बहुत कुछ: डॉ. उनियाल आगे बताते हैं कि यह पर्यटन सर्किट चमोली के ग्वालदम से लेकर कौसानी, अल्मोड़ा तक लगभग 90 किलोमीटर है. सुमित्रानंदन पंत का बचपन कौसानी में बीता, उनका पैतृक गांव सोमेश्वर घाटी में पाथली बगड़ के पास खतिमपुर में है. उनकी प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा में हुई. इसलिये इन क्षेत्रों को पर्यटन सर्किट से जोड़ा जा रहा है.

इस पर्यटन सर्किट में सोमेश्वर घाटी और गरुड़ घाटी भी शामिल है, जो पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. इसके अलावा अल्मोड़ा में कटारमल सूर्यमंदिर और सोमेश्वर घाटी के कई गांव भी इस सर्किट में शामिल हैं. ये सारे क्षेत्र ऑथर्स होम, योग और स्वास्थ्य पर्यटन के लिये बेहद खास हैं.

अमिताभ बच्चन ने रिपोर्ट की सराहना की: सुमित्रानंदन पंत पर्यटन पथ की सर्वे रिपोर्ट उत्तराखंड पर्यटन विभाग को भेज दी गई है. सब ठीक-ठाक रहा, तो जल्द ही इस सर्किट के जरिये पर्यटक पर्यटन यात्रा कर पाएंगे. गढ़वाल विवि के पर्यटन विभाग द्वारा इस पर्यटन सर्किट को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री तैयार की जा रही है. साथ ही सर्वे रिपोर्ट भी तैयार हो चुकी है. कवि हरिवंश राय बच्चन और सुमित्रानंद पंत की घनिष्ठ मित्रता को देखते हुए सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट अभिनेता अमिताभ बच्चन को भेजी गई थी. अमिताभ बच्चन ने रिपोर्ट की सराहना करते हुए एक कॉपी पर हस्ताक्षर कर शुभकामनाएं दी.

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Last Updated : Dec 4, 2024, 4:11 PM IST
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