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मौसम की नरमी के बावजूद वनाग्नि से नहीं मिली राहत, गढ़वाल मंडल में आज रिकॉर्ड आंकड़े दर्ज - uttarakhand forest fire

uttarakhand forest fire, Forest fire figures in Uttarakhand, उत्तराखंड में मौसम की नरमी के बावजूद भी वनाग्नि से राहत नहीं मिली है. गढ़वाल मंडल में आज इस सीजन की सबसे ज्यादा घटनाएं गढ़वाल रिकॉर्ड की गई. प्रदेश में कुल 30 घटनाएं हुई. जिसमें से 26 आग लगने की सूचनाएं अकेले गढ़वाल मंडल से मिली.

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उत्तराखंड में वनाग्नि
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 15, 2024, 6:42 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में भले ही मौसम ने प्रदेशवासियों को राहत दी हो, लेकिन जंगलों की आग के मामले में वन विभाग को आराम मिलता नहीं दिख रहा है. प्रदेश में सोमवार को इस सीजन के लिहाज से आग लगने की दूसरी सबसे ज्यादा घटनाएं रिकॉर्ड की गई. राज्य के कई जिलों में बादल छाए रहने के बावजूद घटनाओं में कमी नहीं आई. खासतौर पर गढ़वाल मंडल में बेहद ज्यादा घटनाएं देखने को मिली.

उत्तराखंड में जंगलों की आग अब धीरे-धीरे बढ़ती हुई नजर आ रही है. आंकड़े बताते हैं कि राज्य में फॉरेस्ट फायर सीजन की शुरुआत के मुकाबले अब आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं. चिंता की बात यह है कि उत्तराखंड के कई जिलों में आज आसमान में बादल छाए रहे. और मौसम राहत भरा दिखाई दिया, लेकिन, इसका असर जंगलों की आग पर नहीं पड़ा. जंगलों की आग को लेकर आए रिकार्ड बताते हैं कि प्रदेश में आज इस सीजन की सबसे ज्यादा घटनाएं गढ़वाल मंडल में रिकॉर्ड की गई. प्रदेश में आज कुल 30 घटनाएं हुई. जिसमें से 26 आग लगने की सूचनाएं अकेले गढ़वाल मंडल से मिली.

प्रदेश में कुमाऊं मंडल में चार घटनाएं हुई. इस तरह इन 30 आग लगने की घटनाओं में कुल 50.6 हेक्टेयर क्षेत्र आग से प्रभावित हुआ. इसके अलावा इस घटना में अब तक करीब 125805 का नुकसान हुआ. वन्य जीव क्षेत्र में आज कोई भी आग लगने की सूचना नहीं मिली. प्रदेश में नवंबर महीने से अब तक वनाग्नि की घटनाओं को देखें तो अब तक कुल 310 आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं. जिसमें 347.87 हेक्टेयर वन क्षेत्र आग से प्रभावित हुआ है. आर्थिक क्षति के रूप में देखें तो आज के कारण राज्य को करीब 786131 रुपए का नुकसान हो चुका है.

प्रदेश में सोमवार को हुई घटनाओं ने अब गढ़वाल मंडल के लिए चिंताएं बढ़ा दी हैं. जिस तरह से आरक्षित वन क्षेत्र में आग की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं उससे इन इलाकों में अतिरिक्त एहतियात बरते जाने की भी जरूरत महसूस हो रही है. उधर आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने के साथ इन घटनाओं में और भी ज्यादा इजाफा होने की संभावना है.

पढ़ें- उत्तराखंड में वनाग्नि पर काबू पाने का फार्मूला तय, सैटेलाइट सेंसर होगा मददगार, इंसेंटिव को भी प्लान में किया शामिल

देहरादून: उत्तराखंड में भले ही मौसम ने प्रदेशवासियों को राहत दी हो, लेकिन जंगलों की आग के मामले में वन विभाग को आराम मिलता नहीं दिख रहा है. प्रदेश में सोमवार को इस सीजन के लिहाज से आग लगने की दूसरी सबसे ज्यादा घटनाएं रिकॉर्ड की गई. राज्य के कई जिलों में बादल छाए रहने के बावजूद घटनाओं में कमी नहीं आई. खासतौर पर गढ़वाल मंडल में बेहद ज्यादा घटनाएं देखने को मिली.

उत्तराखंड में जंगलों की आग अब धीरे-धीरे बढ़ती हुई नजर आ रही है. आंकड़े बताते हैं कि राज्य में फॉरेस्ट फायर सीजन की शुरुआत के मुकाबले अब आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं. चिंता की बात यह है कि उत्तराखंड के कई जिलों में आज आसमान में बादल छाए रहे. और मौसम राहत भरा दिखाई दिया, लेकिन, इसका असर जंगलों की आग पर नहीं पड़ा. जंगलों की आग को लेकर आए रिकार्ड बताते हैं कि प्रदेश में आज इस सीजन की सबसे ज्यादा घटनाएं गढ़वाल मंडल में रिकॉर्ड की गई. प्रदेश में आज कुल 30 घटनाएं हुई. जिसमें से 26 आग लगने की सूचनाएं अकेले गढ़वाल मंडल से मिली.

प्रदेश में कुमाऊं मंडल में चार घटनाएं हुई. इस तरह इन 30 आग लगने की घटनाओं में कुल 50.6 हेक्टेयर क्षेत्र आग से प्रभावित हुआ. इसके अलावा इस घटना में अब तक करीब 125805 का नुकसान हुआ. वन्य जीव क्षेत्र में आज कोई भी आग लगने की सूचना नहीं मिली. प्रदेश में नवंबर महीने से अब तक वनाग्नि की घटनाओं को देखें तो अब तक कुल 310 आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं. जिसमें 347.87 हेक्टेयर वन क्षेत्र आग से प्रभावित हुआ है. आर्थिक क्षति के रूप में देखें तो आज के कारण राज्य को करीब 786131 रुपए का नुकसान हो चुका है.

प्रदेश में सोमवार को हुई घटनाओं ने अब गढ़वाल मंडल के लिए चिंताएं बढ़ा दी हैं. जिस तरह से आरक्षित वन क्षेत्र में आग की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं उससे इन इलाकों में अतिरिक्त एहतियात बरते जाने की भी जरूरत महसूस हो रही है. उधर आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने के साथ इन घटनाओं में और भी ज्यादा इजाफा होने की संभावना है.

पढ़ें- उत्तराखंड में वनाग्नि पर काबू पाने का फार्मूला तय, सैटेलाइट सेंसर होगा मददगार, इंसेंटिव को भी प्लान में किया शामिल

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